आहार से जुड़े मिथ

फिट रहने के लिए एक्‍सरसाइज के साथ हेल्‍दी डाइट लेना भी जरूरी है। सही डाइट अगर नियमित रूप से समय पर ली जाये तो हमारा स्‍वास्‍थ्‍य सही रहता है। हालांकि फिट रहने के लिए हम ऐसा करते भी है लेकिन खाने से जुड़ी कई धारणाएं ऐसी है जो हमारे मन में होती है लेकिन असल में वह गलत है। जैसे दूध को हम संपूर्ण आहार मानते हैं और वजन कम करने के दौरान हम ऑयल और फैट बिल्‍कुल नहीं लेते। लेकिन क्‍या असल में ऐसा करना सही है? आइए खान-पान से जुड़े ऐसे ही मिथ के बारे में जानें।
संपूर्ण आहार है दूध

ज्‍यादातर महिलाओं को दूध एक संपूर्ण आहार लगता है। इसलिए अगर उनका बच्‍चा खाना नहीं भी खाता तो वह उसे दूध पीने के लिए दे देती है। लेकिन क्‍या यह बात सही है? माना दूध में कैल्शियम, प्रोटीन जैसी चीजें पाई जाती है, लेकिन विटामिन्‍स और मिनरल्‍स की बहुत कम पाये जाते हैं इसलिए दूध को संपूर्ण आहार नहीं माना जा सकता है।
डायबिटीज में मीठे से दूरी

डायबिटीज होने पर हम सबसे ज्‍यादा मिठाई से डरने लगते है। लेकिन ऐसा नहीं है क्‍योंकि डायबिटीज रोगी कुछ हद तक अपने संतुलित भोजन के हिस्से के तौर पर मीठा खा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी खुराक में कार्बोहाइड्रेट की कुल मात्रा को नियंत्रित करना होगा। यानी अगर मीठा खा रहे हों तो अन्य कार्बोहाइड्रेट फूड को कम करना जरूरी है। मीठे से सिर्फ कैलोरी मिलती है कोई पोषण नहीं। इसलिए मीठे को सीमित मात्रा में लीजिए, बिल्कुल दरकिनार करना उचित नहीं।
कोलेस्ट्रॉल में ड्राई फ्रूट्स से बचना चाहिए

माना जाता है कि ड्राई फ्रूट्स खाने से कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ता है। यह एक बहुत ही पुरानी धारणा है, जिस वजह से लोग मेवे खाने से कतराते हैं। पर अगर असल जिंदगी में इसकी बात की जाए तो इसमें जरा सी भी सच्‍चाई नहीं है। ड्राई फ्रूट्स में बिल्कुल भी कॉलेस्‍ट्राल नहीं होता है। हां लेकिन अगर आपका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो ड्राई फ्रूट्स सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
ऑयल और फैट से दूरी

वजन कम करने वाले ज्‍यादातर लोगों का मानना है कि जीरो फैट डाइट यानी ऑयल और फैट हटाकर हम जल्‍दी पतले हो जाते हैं। लेकिन यह धारणा बिल्‍कुल गलत है क्‍योंकि डाइट में ऑयल का महत्‍वपूर्ण रोल है। ऑयल के माध्‍यम से बॉडी को एनर्जी मिलती है। नर्व सिस्‍टम, त्‍वचा और इम्‍यूनिटी के लिए ऑयल बहुत जरूरी होता है। Image Source : Getty