प्राकृतिक तरीकों से दूर करें कार्पल टनल का दर्द
कुछ प्राकृतिक उपायों जैसे नियमित व्यायाम तथा सही पोश्चर से कार्पल टनल के दर्द से आसानी से बचा जा सकता है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से ऐसे की कुछ प्राकृतिक उपायों की जानकारी लेते हैं।

बदलती जीवनशैली, ऑफिस में बढ़ते काम के घंटे और बढ़ती व्यस्तता के कारण बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं मानव जीवन का आम हिस्सा बन गई है। उनमें से एक समस्या कार्पल टनल सिंड्रोम की भी है। कार्पल टनल सिंड्रोम एक विशेष प्रकार की नर्व पर पड़ने वाले दबाव से होने वाली परेशानी है। आमतौर पर यह आपकी कलाई और हाथ की उंगलियों को शिकार बनाती है। लेकिन कई बार दर्द बढ़कर बाहों तक भी पहुंच जाता है। इस परेशानी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे, कलाई पर लगातार पड़ने वाला दबाव (कम्प्यूटर पर लगातार काम करने या किसी खेल में कलाई का बहुत उपयोग), दिन भर बहुत काम से घिरे रहना, गर्भावस्था के दौरान शरीर में फ्लूइड की कमी, कलाई में किसी तरह की चोट या फिर रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी कोई बीमारी आदि। लेकिन घबराइए नहीं कुछ प्राकृतिक उपायों जैसे नियमित व्यायाम तथा सही पोश्चर से इस समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से ऐसे की कुछ प्राकृतिक उपायों की जानकारी लेते हैं।

कार्पल टनल के दर्द अपने बैठने के तरीके में थोड़ा बदलाव लाने से काबू पाया जा सकता है। यदि आप दिनभर एक जगह बैठकर या किसी एक ही पोश्चर में बैठकर काम करते हैं तो सबसे पहले इसे बदलने की कोशिश करें। अपनी पीठ को सपोर्ट देते हुए सीधे बैठने की कोशिश करें।

कार्पल टनल के दर्द को नियमित एक्सरसाइज से भी काबू पाया जा सकता है। खासतौर पर कलाई और उंगलियों से जुड़ी एक्सरसाइज इसमें बहुत मददगार साबित होती हैं। इसके लिए एक बार किसी भी विशेषज्ञ से गर्दन, हाथों, कंधों और बांहों की सामान्य एक्सरसाइज को सीखने और फिर नियमित रूप से वैसे ही करना सबसे कारगर सिद्ध होता है। इसके अलावा बांहों, कलाइयों और उंगलियों को स्ट्रेच करने, कंधों और गर्दन की सामान्य एक्सरसाइज करने, कलाइयों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाने जैसे एक्सरसाइज से भी इस दर्द को काबू पाया जा सकता है।

यदि आप कम्प्यूटर पर लगातार काम करते हैं तो कलाई को सपोर्ट देने वाले जैल युक्त माउस पैड का प्रयोग करें और साधारण बैठी हुई स्थिति में आपकी कोहनियां शरीर के दोनों ओर आराम की स्थिति में होनी चाहिए। साथ ही आपका सिर व गर्दन सीधे तथा बिना अकड़े होने चाहिए ताकि ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे। जो लोग निरंतर कंप्यूटर के माउस का इस्तेमाल करते हैं उन्हें अपनी कलाई के जोड़ों को मोड़ कर रखने की बजाए अधिकतर सीधा रखकर काम करना चाहिए।

हाथों व कलाइयों पर अधिक दबाव डालने से बचना चाहिए। यदि आप लंबी दूरी तक लगातार ड्राइव करते हैं तो कोशिश करें कि स्टियरिंग व्हील या हैंडल पर आपकी ग्रिप थोड़ी ढीली रहे ताकि कलाइयों पर ज्यादा दबाव न बने। हाथों पर दबाव डालकर नहीं सोना चाहिए। सही मुद्रा में सोना चाहिए ताकी हाथों की नसों पर दबाव न पड़ें।

हाथों पर नियमित मसाज कराना चाहिए, कार्य करते समय छोटे-छोटे ब्रेक लेने चाहिए, कार्य शुरू करने से पहले हाथों को गर्म कर लेना चाहिए और एक हाथ के बजाय दोनों हाथों को बराबर काम में लेना चाहिए। साथ ही कलाई पर बर्फ रखकर सेंक कर सकते है। डॉक्टर द्वारा बताई गई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भी लाभ होता है। इसके अलावा बर्फ की मालिश और इंटर फेरेंसियल थेरेपी के माध्यम से भी इसका इलाज किया जाता है।
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