घरेलू उपायों से करें फाइब्रॉएड का इलाज
फाइब्रॉएड के लक्षणों की गंभीरता और जटिलताओं को कम करने के लिए हालांकि उचित निदान और उपचार की आवश्यकता होती है। लेकिन पारंपरिक उपचार के साथ-साथ, आप कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार भी कर सकते हैं।

फाइब्रॉएड का घरेलू इलाज
फाइब्रॉएड यानी रसौली। इसे ट्यूमर भी कहते हैं। रसौली ऐसी गांठें होती हैं, जो महिलाओं के गर्भाशय में या उसके आसपास पनपती हैं। इसके कारण बांझपन का खतरा होने की आशंका रहती है। वैसे तो 16 से 50 साल की महिलाएं कभी भी इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं, लेकिन अक्सर 30 से 50 साल की महिलाओं में ये अधिक देखी जाती है। ये गांठें अलग-अलग आकार की होती हैं। इनका आकार तब बढ़ता है, जब एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है, जैसे गर्भावस्था के दौरान। इनका आकर तब घटने लगता है, जब एस्ट्रोजन का स्तर गिरने लगता है, जैसे मेनोपॉज के बाद। बहुत सी महिलाओं को पता ही नहीं होता है कि उन्हें रसौली है क्यों कि उनमें ऐसे कोई लक्षण ही नहीं होते हैं। हालांकि ज्यादातार मामलों में यहां फाइब्रॉएड के कुछ प्रभावी घरेलू उपचारों की जानकारी दी गई हैं।
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ग्रीन टी
अध्ययनों से पता चला है कि नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से फाइब्रॉइड को स्वाभाविक रूप से दूर किया जा सकता है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला एपीगेलोकैटेचिन गैलेट (Egihallocatechin gallate) नामक तत्व, फाइब्रॉइड कोशिकाओं के विकास को रोकता है। इसके अलावा इस तत्व में एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एंटी-प्रोलीफेरशन और एंटी-ऑक्सीटेंड से भरपूर होता है। फाइब्रॉएड के आकार को कम करने के अलावा, नियमित रूप से 2-3 कप ग्रीन टी पीने से फाइब्रॉएड के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।
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सिंहपर्णी
लिवर के काम में खराबी आने से अधिक हार्मोंन बनने से फाइब्रॉएड की समस्या हो सकती है। सिंहपर्णी फाइब्रॉइड के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है, जो लिवर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त कर शरीर से अतिरिक्त एस्ट्रोजन को साफ करता है। इसे बनाने के लिए 2-3 कप पानी लेकर उसमें सिंहपर्णी की जड़ की तीन चम्मच मिलाकर, इसे 15 मिनट के लिए उबाल लें। फिर इसे हल्का ठंडा होने के लिए रख दें। इसे कम से कम 3 महीने के लिए दिन में 3 बार लें।
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दूध
अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग दिन में चार या अधिक सर्विंग डेयरी उत्पाद लेते हैं, उनमें दिन में एक बार लेने वाले की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत फाइब्रॉएड की कमी पाई जाती है। हालांकि इसका एकदम सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है, लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार, डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला कैल्शियम सेल के प्रसार को कम करने में मदद करता है। इसलिए आपको अपने आहार में दूध और डेयरी उत्पादों को शमिल करना चाहिए।
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आंवला
एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण, आंवला फाइब्रॉइड और इसके लक्षणों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक इलाज है। एक चम्मच आंवला पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से हर सुबह खाली पेट लें। अच्छे परिणाम पाने के लिए कुछ महीने इस उपाय को नियमित रूप से करें।
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एप्पल साइडर सिरका
एप्पल साइडर सिरका फाइब्रॉएड के लिए एक और प्रभावी घरेलू उपाय है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाकर और फैट लॉस को बढ़ावा देकर फाइब्रॉएड के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। हालांकि इस बात को लेकर कोई भी वैज्ञानिक सबूत नहीं है, लेकिन माना जाता है कि एप्पल साइडर सिरका फाइब्रॉएड ट्यूमर को हटने में आपकी मदद कर सकता हैं। एप्पल साइडर सिरका की एक चम्मच लेकर उसे एक गिलास पानी में मिलाये। नियमित रूप से इस मिश्रण का सेवन करें।
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लहसुन
लहसुन प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है, जिससे ट्यूमर और गर्भाशय फाइब्रॉएड के विकास को रोका जा सकता है। इस प्रकार, एक व्यक्ति को तीन से पांच लहसुन की लौंग खाने की सिफारिश की जाती है। अगर आपको इसका स्वाद और गंध समझ में नहीं आती तो आप इसे एक गिलास दूध के साथ ले सकती हैं। इसके अलावा दूध भी फाइब्रॉएड को कम करने में आपकी मदद करता है।
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बरडॉक रूट
बरडॉक रूट लिवर की क्षमता में सुधार कर, एस्ट्रोजन के उपापचय कर फाइब्रॉएड को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें लिगनेन आर्कटिगेनिन की उच्च मात्रा फाइब्रॉइड के आकार को कम करने में मदद करती है। फाइब्रॉइड के उपचार के लिए आप इस घरेलू उपचार को अपना सकते हैं।
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