ब्रूफेन के प्राकृतिक विकल्प
बहुत से ऐसे प्राकृतिक उपाय हैं जिनका इस्तेमाल करके आप दर्द को कम कर सकते हैं। इन सब विकल्पों के बारे में जानने के लिए इस स्लाइड को जरूर पढ़ें।

दर्द के लिए ब्रूफेन
आमतौर पर जब भी हम दर्द का अनुभव करते हैं तो दर्द दूर करने के लिए हर्बल दवाओं और प्राकृतिक विकल्पों के स्थान पर ब्रूफेन खाकर बहुत जल्द राहत महसूस करते हैं। अक्सर इसकी एक या दो गोलियां खाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन अगर आप इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानेगें तो आप इसको लेने से पहले कम से कम दो बार सोचेगें।

ब्रूफेन कैसे काम करता है?
ब्रूफेन एक एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है जो सिर दर्द, मासिक धर्म के दर्द, दांत दर्द और गठिया जैसी दर्द में काम आती है। इसका काम दर्द और सूजन के लिए प्रतिक्रिया करने वाले शरीर के विशेष पदार्थों के उत्पादन को ब्लॉक करना है। जिससे परिणामस्वरूप सूजन, दर्द या बुखार में कमी आती है।

साइड इफेक्ट्स
ब्रूफेन दर्द को कम करने की एक कारगर दवा है, लेकिन चक्कर आना, पेट खराब, कब्ज, दस्त, उल्टी, मतली और इसके कई तरह के साइड इफेक्ट है। इसके अलावा यह दिल का दौरा और स्ट्रोक होने की संभावनाओं को भी बढ़ा सकता हैं।

ब्रूफेन के प्राकृतिक विकल्प
ब्रूफेन के बहुत अधिक साइड इफेक्ट है। इसलिए दर्द को कम करने के लिए आपको प्राकृतिक विकल्पों का सहारा लेना चाहिए। बहुत से ऐसे प्राकृतिक उपाय हैं जिनका इस्तेमाल करके आप दर्द को कम कर सकते हैं। इन सब विकल्पों के बारे में जानने के लिए इस स्लाइड को जरूर पढ़ें।

जैतून का तेल
जैतून के तेल में पाया जाने वाला तत्व ऑलियोकेंथल में मजबूत एंटी इफ्मेलेटरी गुण होते जो दर्दनिवारक ब्रूफेन की तरह काम करता है। जैतून का तेल स्वाभाविक रूप से गठिया जैसे जीर्ण सूजन रोगों के दर्द को कम करता है। इसलिये दर्द को कम करने के लिए अपने दैनिक आहार में इसे शामिल किया जा सकता है।

सिंकाई
अगर आपको हाल ही में चोट लगी है तो आप चोट वाले हिस्से पर आइसपैक लगा सकते हैं। बर्फ दर्द को सुन्न और सूजन को रोकने के काम आता है। सूजन को कम करके चिकित्सा में तेजी लाई जा सकती हैं। दूसरी ओर, गर्म सेक करना जोड़ों और मांसपेशियों में जकड़न के उपचार में कारगर होता है। सिंकाई उस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देती है। ब्लड सर्कुलेशन के बढ़ने से ऑक्सीजन और पोषक तत्व भी बढ़ जाते है जिससे उपचार में सहायता मिलती है।

फिजिकल थेरेपी
जब आप मांसपेशियों में ऐंठन और संयुक्त चोटों के कारण दर्द का अनुभव करते हैं, तो फिजिकल थेरेपी के साथ इलाज किया जा सकता है। जब मांसपेशियों प्रेरित होती है तो उस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि होती है। व्यायाम की गति सीमा दर्द को कम करने में मदद करती है क्योंकि यह सामान्य श्रेणी के लिए प्रोत्साहित होती है। इस तरह से फिजिकल थेरेपी से सूजन, जोड़ों में कमजोरी और कठोरता से राहत मिलती है।

लहसुन
यह जड़ी बूटी ऐंठन से राहत देने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। सर्कुलेशन में वृद्धि से सूजन को तेजी से कम किया जा सकता हैं। लहसुन में ट्यूमर को सिकुड़ने के गुण होते है जो कैंसर की वजह होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। लहसुन की एक कली को रोज खाने से दर्द की समस्या से बचा जा सकता है।

कैमोमाइल
कैमोमाइल नामक जड़ी-बूटी से नर्वस पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है और यह इसमें दर्द को कोमलता से कम करने की क्षमता होती है। कैमोमाइल का गठिया, नसों में दर्द, आमवाती दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन और सूजन के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। कैमोमाइल चाय पीने या कैमोमाइल युक्त प्राकृतिक लोशन लगाने से दर्द से राहत मिलती है।

हल्दी
हल्दी में कुरकुमिन नामक तत्व पाया जाता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह पुराने दर्द से भी छुटकारा दिलाता है। गठिया से ग्रस्त लोगों पर किए गए अध्ययन से यह बात स्पष्ट हुई कि हल्दी दर्द से दिलाने का काम करती है। अगली बार जब भी आप दर्द महसूस हो तो इस दर्द से बचने के लिए ब्रूफेन की जगह प्राकृतिक विकल्पों को लेने पर विचार करें।

दर्द कम करने वाले खाद्य पदार्थ
जड़ी बूटियों के अलावा बहुत सारे ऐसे खाद्य पदार्थ भी है जो दर्द को कम करने के लिए आप उपभोग कर सकते हैं। ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सामन और ट्यूना दर्द को नियंत्रण करने में काम आती है। इसके अलावा फल और सब्जियां जिसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है वह शरीर के अंगों की पीड़ा दूर में मददगार हो सकते है। ऐसे फलों में चेरी, मिर्च, अदरक, पुदीना आदि शामिल है।
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