एक्सरसाइज मिथ

एक्सरसाइज को लेकर लोगों काफी मिथक लिये जीते हैं। लोगों को भ्रम होते हैं कि कई लोगों के कुदरती एब्स होते हैं या क्रंचिज करने से ही एब्स बनते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि मसल्स और फैट दोनों के अलग गुण होते हैं। मसल कभी फैट में नहीं बदल सकती और फैट मसल्स में नहीं। बस जब आप व्यायाम करना बंद कर देते हैं, तो आपकी मसल, कसरत से पहले वाली अवस्था में आ जती हैं। तो चलिये जानें ऐसे ही कुछ एब्स से जुड़े मिथकों के बारे में।
कुल लोगों के स्वभाविक ही होते हैं एब्स

कई लोग मानते हैं कि ईश्वर कि कृपा से कई लोगों के एब्स स्वभाविक रूप से ही बन जाते हैं, और वह कुछ भी खाएं, उनका बढ़िया मेटाबॉलिज्म सब हज़म कर देता है और उन्हें मोटा नहीं होने देता। लेकिन आपको जानकर खुशी होगी की चर्बी का परत के नीचे सभी इंसानों के एब्स छिपे होते हैं। इन्हें उजागर करने के लिए बस संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम की जरूरत होती है।
पहले जंक फूड और फिर एक्सरसाइज

कई लोगों को लगता है कि अगर ज्यादा जेक फूड खा भी लिया तो आधा घंटा ओर रनिंग या एक्सरसाइज कर वो बेलेंस हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है, आपको फ्लेट टमी और एब्स पान के लिए संतुलित डाइट की जरूरत होती है। थोड़ी ज्यादा एक्सरसाइज प्राकृतिक एब्स कोक बाहर लाने में सहायक नहीं होती।
कुछ फूड आपके फैट को खतम कर सकते हैं

कुछ कंपनियां दावा करती हैं कि उनके बनाएं फूड प्रोडक्ट्स के सेवन से पेट और आस-पास की अतिरिक्त चर्बी घुल कर बाहर हो जाती है। लेकिन वास्तव ऐसे भोज्य पदार्थों का होना संभव नहीं है। इसलिए इस प्रकार के भ्रमों से दूर ही रहें तो अच्छा है।
केवल क्रंचेज से बनते हैं एब्स

जब एब्स बनाने की बात होती है तो लोग क्रंचेज करना शुरू कर देते हैं। क्रंचेज में पेट के एक बहुत छोटे हिस्से पर काम करने वाली एक्सरसाइज होती है। इसलिए सिर्फ अधिक क्रंचेज करने से आपके एब्स नहीं बनते हैं। क्रंचेज करने पर कुछ स्थान को छोड़कर बॉडी का मूवमेंट बहुत ही छोटे दायरे में होता है और ज्यादातर लोग छोटे मूवमेंट वाले क्रंचेज ही पसंद करते हैं क्योंकि वे ज्यादा असान होते हैं।
एब्स की ही रेग्युलर एक्सरसाइज करना

जल्दी मजबूत एब्स बनाने के चलते रोज़ एब्स की ही एक्सरसाइज करना एक ऐसी ग़लती है जिसे कई लोग करते हैं। जबकि नियमित रूप से शरीर के किसी एक ही पार्ट की एक्सरसाइज करने से शरीर को गंभीर नुकसान हो सकता है या शरीर में दर्द बढ़ सकता है।
सांस रोक कर एक्सरसाइज

एक्सरसाइज के दौरान ठीक से सांस न लेना एक बड़ी ग़लती है। एब्स की एक्सरसाइज करते समय सांस लेने का तरीका सेहत और एक्सरसाइज़ के बेहतर परिणाम के लिए अहम होता है। एब्स की एक्सरसाइज करते समय जोर लगाते समय सांस को बाहर की ओर छोड़ना चाहिए। वहीं, मसल्स को छोड़ते समय सांस को अंदर की ओर लेना चाहिए।
कंपाउंड एक्सरसाइज ना करना

कंपाउंड एक्सरसाइज ना करना भी एक बड़ी गलती है। यदि आप सख्ती से केवल एब एक्सरसाइज करते हैं तो आप एक ग़लती कर रहे हैं। एब एक्सरसाइज के साथ कंपाउंड एक्सरसाइज जैसे डेडलिफ्ट्स, स्क्वैट्स व ओवरहेड प्रेस्सेस करने से पेट के हर इंच की कोर एक्सररसाइज होती है और एब्स निकल कर आते हैं।
एक्सरसाइज की शुरुआत एब एक्सरसाइज से करना

एक्सरसाइज की शुरुआत ही एब एक्सरसाइज से बिल्कुल न करें। आपके एब्स आपके कोर एरिया का हिस्सा होते हैं और जो अपने शरीर को स्थिर करने में मदद करते है। यदि आप शुरू में ही एक्सरसाइज कर एब्स को थका देंगे तो आप एब्स बनाने वाली अन्य एक्सरसाइज नहीं कर पाएंगे।
केवल एब्स एक्सरसाइज करना

एब्स बनाने के लिए अपनी लोअर बैक को कभी नज़रअंदाज न करें। बहुत सारे लोग एब्स एक्सरसाइज के दौरान पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों की उपेक्षा करते हैं, जो कोर एरिया होता है और एब्स बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसलिए कोर को मजबूत बनाने के लिए अपनी लोअर बैक के लिए भी एब्स की तरह करें।