बॉडी लैंग्वेज के बारे में जरूर जानें ये सात बातें
आमतौर पर भी यही कहा जाता है कि चेहरा किसी भी व्यक्ति के सोच का आईना होता है लेकिन सिर्फ चेहरा ही नहीं बल्कि बॉडी लैंग्वेज व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में पूरी जानकारी देती है।

'किताबें बहुत सी पढ़ी होंगी तुमने, मगर कोई चेहरा भी तुमने पढ़ा है।', ये गीत कुछ सुना-सुना सा लगता है ना! जी हां बाज़ीगर फिल्म का ये गीत चेहरे से मन का हाल बताने की बात करता है। आमतौर पर भी यही कहा जाता है कि चेहरा आपकी सोच का आईना होता है, और चेहरा ही नहीं बल्कि पूरी बॉडी लैंग्वेज ही किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी देती है। लेकिन किसी की बॉडी लैंग्वेज के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। तो चलिये जानें बॉडी लेंग्वेज के बारे में जानें कुछ बातें।
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बॉडी लैंग्वेज एक ऐसी भाषा है जो हम अपनी बॉडी, चेहरे या फिर अपने उठने-बैठने और खड़े होने के ढंग के माध्यम से (अक्सर चुप रहते हुए) बोलते हैं। जब कभी भी हम किसी से बात करते हैं तो हम सिर्फ शब्दों के जरिए ही नहीं बल्कि उसके अपनी बॉडी लैंग्वेज के जरिए भी उससे बात कर रहे होते हैं।
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कई विशेषज्ञों का मानना है कि लोग आपके शब्दों से कहीं अधिक आपकी बॉडी लेंग्वेज पर ध्यान देते हैं। यही कारण है कि जब कभी कोई हमसे कहता है कि मैं ठीक हूं या मुझे कोई समस्या नहीं है तो हम तुरंत समझ जाते हैं कि सामने वाला सही कह रहा है या गलत। बच्चा भी बॉडी लेंग्वेज से ही अपने मन की बात बताता और सुनता है, भाषा तो वो भी बाद में ही सीखता है। यही नहीं हर क्षेत्र, देश और वर्ग के लोगों की भाषा अलग होने के बावजूद बॉडी लैंग्वेज बहुत कुछ बता देती है।
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पुरूषों के हाव-भाव से उनकी मानसिक स्थिति का पता चल जाता है। जो पुरूष कंधे और सीना चौड़ा कर चलते हैं, वे अधिकतर दूसरों पर हुक्म चलाने वाले और गुस्सैल स्वभाव के होते हैं। साथ ही वे शारीरिक रूप से मजबूत भी होते हैं उनके अंदर आत्मविश्वास अधिक होता है और वे जल्दी बीमार भी नहीं पड़ते हैं।
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जब कोई रिश्ते के लिए किसी से मिलने जाता है, तो वहां उसकी बॉडी लेंग्वेज बहुत मायने रखती है। कई बार केवल हाव-भाव ही उस रिश्ते के लिए सहमति और असहमति जता दी जाती है। इसलिये याद रखें कि आपके बॉडी लेंग्वेज से ही सामने वाला आपके व्यक्तित्व को आंक सकता है।
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आपके कपड़े (उन्हें पहनने का तरीका) और मेकअप आदि भी आपकी बॉडी लेंग्वेज को काफी प्रभावित करते हैं। भले ही आप वर्किंग हों या घरेलू, अपने कपड़े और मेकअप ऐसा रखें जिसमें आप कंफर्टेबल हों। वहीं कपड़ों के साथ-साथ चलने, उठने-बैठने का अंदाज भी बदल जाता है इसलिए इस ओर भी ध्यान दें।
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आंखों की भी अपनी जुबां होती हैं और काफी हद तक यह सच भी है, वरना इशारों का कोई अर्थ न होता। बॉडी लैंग्वेज में आंखें एक बड़े औज़ार की तरह काम करती हैं। आप रिश्ते के लिए किसी से मिल रही हों या जॉब के इंटरव्यू में, हमेशा साथ वाले से आपका आई-कॉन्टेक्ट होना चाहिए, इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
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आप घर में हो या बाहर काम करने जाते हों, अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देना आवश्यक होता है। आप घर पर हों या दफ्तर में, आप आपनी बॉडी लेंग्वेज से घर व दफ्तर के सदस्यों भी प्रभावित कर सकते हैं और अच्छा महसूस करा सकते हैं।
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एक अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि आपका चेहरा नहीं बल्कि आपका शरीर यह दर्शाता है कि आपके मन में चल क्या रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जब पुरुषों और महिलाओं को कुछ दूसरे व्यक्तियों के सिर से कंधे तक की तस्वीरें देकर उनके हावभाव को पहचानने को कहा गया तो वे ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन जब उन्हें उस व्यक्ति की पूरी तस्वीर दी गई तो वे इसे बेहतर ढंग से कर पाए। इस्राइली और अमेरिकी शोधकर्ताओं ने इन लोगों को एंडी मुरे और राफेल नाडाल समेत कई अन्य टेनिस खिलाड़ियों की तस्वीरें दिखाई। हालांकि केवल चेहरों की तस्वीरें देने पर लोग विजेताओं को हारने वालों से अलग नहीं कर पाए थे।
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