रोगों के इलाज में मिट्टी का उपयोग

धरती के साथ मां शब्द को जोड़कर प्रयोग किया जाता है। कहा जता है कि सभी मिट्टी से पैदा हुए हैं और मिट् में ही विलीन हो जाते हैं। हो भी क्यों ना, मिट्टी दुनिया का सारा कूड़ा और सभी प्रकार की गन्दगी को भीतर समा लेती है और खुद को शुद्ध भी रखती है। जमीन के अंदर जो भी दबाया वो मिट्टी ही बन जाता है। मिट्टी में बड़ी ताकत होती है, और इसका उपयोग कई तरह के रोगों के इलाज में भी किया जाता है। Images source : © Getty Images
मिट्टी के चिकित्सीय गुण

मट्टी नमें अनेक चिकित्सकीय गुण होते हैं, जैसे इसमें विषाक्त पदार्थों को भीतर खींच लेने का गुण होता है। त्वचा रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, सूजन, दर्द आदि होने पर भी मड बथ काफी लाभदायक होती है। मिट्टी जलन, स्राव और तनाव आदि को दूर करती है। शरीर की अतिरिक्त ताप को मिट्टी सामान्य करती है। मिट्टी शरीर को ठंडक पहुंचाती है। यह तन की दुर्गंध और दर्द आदि को भी दूर करने वाली होती है। इसके अलावा यह शरीर को चुम्बकीय ताकत देती है जिससे उसमें चुस्ती-फुर्ती और ताकत आती है।Images source : © Getty Images
इस्तेमाल में आने वाली मिट्टी

'मिट्टी चाहे कोई सी भी किस्म की क्यों न हो लेकिन होनी साफ-सुथरी जगह की चाहिए जैसे जहां सूरज की रोशनी पहुंचती हो तथा जमीन से दो या ढाई फुट से निकाली हुई हो। हर मिट्टी को धूप में सुखाकर और छानकर इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है। इसके अलावा दीमक के टीले की भुरभुरी मिट्टी भी बहुत गुणकारी होती है। नहाने, सिर धोने या तैलीय त्वचा के फेस पैक के लिए मुलतानी मिट्टी बहुत लाभकारी होती है।Images source : © Getty Images
क्या हैं मिट्टी के अलग-अलग प्रयोग

मिट्टी में सोने से कई फायदे होते हैं। इससे नींद न आना, स्नायु की कमजोरी और खून की खराबी आदि रोग दूर होते हैं। इसके अलावा मिट्टी की मालिश-मिट्टी को शरीर पर अच्छी तरह से मलने से और शरीर पर लगाने से जहरीले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। साबुन के स्थान पर शुद्ध मिट्टी लगाकर नहाने से कई प्रकार के रोगों में फायदा होता है। मिट्टी पर नंगे पैर चलने से गुर्दे के रोगों में आराम होता है, आंखों की रोशनी बढ़ती है और शरीर को चुम्बकीय शक्ति प्राप्त होती है। Images source : © Getty Images