आयरन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
आयरन की कमी से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं और हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ सकता है। आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का सबसे जरूरी घटक होता है। आइए इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताते हैं।

आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का सबसे जरूरी घटक होता है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन भेजने का कार्य करता है। शरीर की हर कोशिका को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी के कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं और हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ सकता है। चलिये आज आपको आयरन से जुड़े कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी देते हैं।
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शरीर में आयरन पर्याप्त मात्रा में होने रपर शरीर की हर कोशिका पूरी तरह से ऊर्जा से भरी रहती है। आयरन की कमी से एनीमिया की बीमारी होने के अलावा दूसरी बीमारी होने का जोखिम बना रहता है। इसके कमी से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता घटती है, जिससे कोई भी बीमारी जल्दी शरीर में घर कर जाती है। बच्चों इसकी कमी से एकाग्र नहीं हो पाते हैं। गर्भवती महिला में इसके कमी से उनके साथ-साथ शिशु पर भी बूरा प्रभाव पड़ता है।
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आयरन से शरीर में हेमोग्लोबिन का निर्माण होता है और ऑक्सीजन पूरे शरीर में, खासकर फेफड़ों तक पहुंचती है। शरीर में आयरन की कमी या आयरन की अधिकता भी समस्याएं खड़ी कर सकती है। स्वस्थ रहने के लिए, व्यक्ति को उसकी उम्र और लिंग के हिसाब से आयरन की मात्रा का सेवन करना चाहिये। लेकिन जरूरी मात्रा से अधिक सेवन करने से नुकसान हो सकता है।
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गर्भवती महिलाओं को आयरन की सबसे अधिक जरूरत होती है। किसी गर्भवती महिला को रोज़ 27 मिलीग्राम आयरन की ज़रुरत होती है। 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को 18 मिलीग्राम आयरन के सेवन की सलाह दी जाती है, वहीं 50 वर्ष से ऊपर की उम्र के पुरुषों और महिलाओं को 8 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है।
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शरीर में आयरन की अधिकता भी ठीक नहीं है। यह अनुवांशिक समस्याओं को जन्म देती है, जिससे शरीर के अंगों पर बुरा असर पड़ता है और यह लीवर के कैंसर का कारण भी बन सकता है।
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आयरन युक्त कुछ आहार जैसे, मांस खासकर, रेड मीट ट्यूना और सालमन मछली, अंडे बीन्स, सेके हुए आलू, छिलके के साथ सूखे हुए फल (मेवे), पालक एवं हरी और पत्तेदार सब्ज़ियां, होल ग्रेन आदि के सेवन से आयन की पर्याप्त मात्रा ली जा सकती है। वैसे बाज़ार में आयरन के अनेक सप्लीमेंट भी मिलते हैं, लेकिन आयरन के नैसर्गिक स्रोत कहीं बेहतर होते हैं।
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जब आप आयरन युक्त खाद्द पदार्थों का सेवन करते हैं तो शरीर आयरन को छोटी आंत के ऊपरी भाग के द्वारा सोखता है। आयरन का मूल स्रोत मूलतः शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के आहार होते हैं।
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अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो इसे पहचानना मुश्किल नहीं होता। शरीर में आयरन की कमी के लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं। आयरन की कमी होने पर बिना काम किये थकान होने लगती है और हमें पता लग जाता है कि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो रही है।
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