मुंह के इन रोगों के बारे में जानकर हो जाएंगे आप हैरान
मुंह की देखभाल करने में कई लोग बहुत अधिक लापरवाही बरतते हैं। जिससे मुंह में कई सारे रोग होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। अगर आप भी मुंह की सफाई में लापरवाही बरतते हैं तो आपको भी हो सकती हैं इनमें से कोई एक बीमारी।

शरीर का सबसे जरूरी अंग मुंह को माना जाता है जहां से पूरे शरीर को खाना पहुंचता है। जबकि इसकी साफ-सफाई को लेकर हम ज्यादा सतर्क नहीं रहते। किडनी, दिल व बालों को स्वस्थ रखने के लिए आप ना जाने क्या-क्या करते होंगे, लेकिन क्या आपको याद है कि आपने मुंह का विशेष ध्यान रखने के लिए कुछ किया हो। जबकि कई शोध से पता चला है कि मुंह में भी कई तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों के बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे।
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ये मुंह की बहुत ही गंदी बीमारी है जिसमें पूरी जीभ काली दिखाई देती है। सामान्य तौर पर जीभ गंदी होने के दौरान सफेद दिखती है जबकि इस बीमारी में जीभ काली दिखाई देती है। ये बीमारी बहुत अधिक धूम्रपान करने, एंटीबायोटिक्स का सेवन करने, बहुत अधिक चाय या कॉफ़ी पीने से होती है। इसके अलावा मुंह में पर्याप्त मात्रा में लार ना बनने के कारण भी ये बीमारी होती है।
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मुंह के छालों के बारे में तो सबने सुना होगा और इससे हर कोई अपने जीवनकाल में एक बार तो जरूर ग्रस्त हुआ होगा। इसे मुखव्रण भी कहते हैं। ये बीमारी कैंडिडा यीस्ट के कारण होती है जिससे पूरे मुंह के अंदर में नुकीले और लाल-लाल दाने होते हैं जिसमें मरीज कुछ भी खा नहीं पाता औऱ बोल नहीं पाता।
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ये बीमारी सबसे अधिक पीड़ादायक होती है। आपने कई बार नोटिस किया होगा कि आपके होठों के किनारे फट गए हैं। होंठों के किनारों के फटने को एंगुलर चेईलिटिस कहते हैं। इस बीमारी में कुछ भी तीखा खाने में दर्द देता है जिससे मरीज कुछ भी तीखा या गर्म खाने में असमर्थ होता है। यहां तक की इस बीमारी के दौरान मरीज ज्यादा मुंह भी नहीं खोल पाता। ऐसा मुंह के किनारे होंठों की नमी जम जाने के कारण होती है जिससे मुंह के किनारे माइक्रोऑर्गेनिज्म और यीस्ट विकसित होने लगते हैं और होंठ फट जाते हैं।
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कई बार मुंह में कीटाणुओं के कारण होठों में छोटे-छोटे फोड़े होने लगते हैं जिसके कारण मुंह खोलने में ही काफी दर्द होता है। ऐसा हार्मोंस डिसबैलेंस, तनाव, आहार में विटामिन्स की कमी, संक्रमण या अतिसंवेदनशीलता के कारण होता है। कई बार इस बीमारी के अधिक होने पर ये फोड़े जीभ, मसूड़ों और गालों तक आ जाते हैं जिसमें बहुत अधिक असहनीय दर्द होता है।
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