महिलाओं की स्वास्थ्य समस्या

दिन भर में कितना काम करती हैं महिलायें। घर-दफ्तर, घर-बाहर कितना कुछ संभालती हैं वे। इतना सब करते हुए वे अपने स्‍वास्‍थ्‍य के लिए समय ही कहां निकाल पाती है। लेकिन, कुछ ऐसी हर्ब्‍स हैं, जो महिलाओं की सेहत को दुरुस्‍त रखने में मदद कर सकती हैं। आइए जानें क्‍या हैं वे हर्ब्‍स-
एलोवेरा

एलोवेरा को घृतकुमारी व घी ग्वार भी कहा जाता है। एलोवेरा में 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं। एलोवेरा के कांटेदार पत्तियों को छीलकर रस निकाला जाता है। यह महिलाओं मे लिकोरिया, माहवारी आदि बीमारियों में लाभदायक होता है। एलोवेरा विशेष रूप से चिकनी मांसपेशियां जैसे श्रोणि क्षेत्र को भी आराम देता है। यह मांसपेशियों में तनाव और ऐंठन को भी कम करता हैं।
हींग

हींग प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह वह हार्मोन है जो मासिक धर्म प्रक्रिया शुरू होने में मदद करता है। मासिक धर्म से जुड़ी परेशनियों जैसे पेट में दर्द, समय पर न होना, गैस और सूजन आदि को इस जड़ी बूटी के सेवन से ठीक किया जा सकता है।
सिंहपर्णी (डैन्डेलियोन्स)

डैन्डेलियोन्स इसे हिंदी में सिंहपर्णी के नाम से भी जाना जाता है। सिंहपर्णी पीएमएस से जुड़ी समस्‍या जैसे अतिरिक्त पानी और वजन। इस समस्‍या से निजात पाने में मदद करता है। साथ ही मासिक धर्म के दौरान फूलने वाली भावना से भी राहत देता है।
गिलोय

गिलोय एक रसायन के रूप में काम करता है और उम्र के असर को कम करता हैं। इसमें विरोधी भड़काऊ, ज्वरनाशक और मूत्रवर्धक गुण होते हैं। गिलोय मूत्र विकार, सामान्य दुर्बलता, ऑटोइम्यून डिजीज और अपच के उपचार में प्रयोग किया जाता है। यह एक माइल्‍ड क्लीनसर के रूप में भी कार्य करता है। यह महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए उपयोगी जड़ी-बूटी हैं।
शतावरी

शतावरी एक जड़ है जो उम्र के असर को कम करने, मूत्र संबंधी रोगों में और पेट सम्‍बन्‍धी रोगों में प्रयोग की जाती है। यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के लिए सबसे अच्‍छी जड़ी बूटी मानी जाती है। यह इन्फर्टिलिटी, कामेच्छा, गर्भपात, रजोनिवृत्ति, लिकोरिया, योनि दीवार में सूखापन कमी आदि के इलाज के लिए उपयोगी होती है और इसमें गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में पीएच संतुलन करने की क्षमता भी होती है।
मेथी

मेथी को स्त्री सौंदर्य को बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन जड़ी बूटी माना जाता है। यह मधुमेह के उपचार और स्तन कैंसर की रोकथाम में बहुत उपयोगी होती है। यह हार्मोन के स्तर में संतुलन करके पीएमएस और रजोनिवृत्ति दोनों के साथ जुड़े लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
रेड क्लोवर (लाल तिपतिया घास)

रेड क्‍लोवर प्रजनन सम्‍बन्‍धी समस्‍या, हार्मोनल असंतुलन, पीएमएस, माहवारी सम्‍बन्‍धी समस्‍याओं को दूर करने में मदद करता है। जो महिलाएं गर्भाधारण की कोशिश कर रही है उनको इसका सेवन करना चाहिए क्‍योंकि यह योनि के पीएच का संतुलन गर्भधान के पक्ष में करता हैं।
मुलेठी

मुलेठी में एस्ट्रोजेनिक कंपाउंड्स होते है जो अवसाद के इलाज के लिए उपयोगी होते है। मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होती है। मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से स्त्रियां, अपनी योनि, सेक्‍स की भावना और सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।