प्यार के कैमीकल लोचे

प्यार की कोई परिभाषा नहीं। प्यार कभी भी किसी को भी हो सकता है। लेकिन जब कोई आपको ये बताए कि प्यार के ये सारे टिप्स आपके दिमाग में बनने वाले डोपमाइन नाम के केमिकल का परिणाम है, तब आप क्या करेंगे? दरअसल प्यार के दौरान हम कुछ ज्यादा सक्रिय और खुश होते हैं जिससे दिमाग का कुछ हिस्सा अधिक सक्रिय हो जाता है और डोपमाइन केमिकल बनता है। जब ये केमिकल बनता है तो बहुत सारे प्यार के लोचे शुरू होते हैं जिसे हम प्यार का असर मानते हैं।
फर्स्ट साइट लव

बॉलीवुड सिनेमा और रोमेंटिक कहानियों ने लोगों के दिमाग में फर्स्ट साइट लव के मिथ को दिमाग के गहरे तक बैठा दिया है। जबकि फर्स्ट साइट लव को डॉ इलियट ने एक सिरे से नकारते हुए कहा है कि, पहली बार मिलने पर सामने वाले की सुंगध, चेहरे, बोलने का तरीका केवल आकर्षित करता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको प्यार हो गया है।
असुरक्षा है जलन का कारण

मैं उसके साथ होता हूं तो तुम्हें बहुत जलन होती है, और तुम्हारा इस तरह से जलना तुम्हारे प्यार का सबूत होता है जो मेरी खुशी का कारण बनता है....ऐसी लाइनें प्यार में जलन होने के दौरान लोग कहते हैं। जबकि जलन, प्यार का कोई पर्यायवाची नहीं है। जलन केवल असुरक्षा के कारण होती है जब इंसान को अपने पार्टनर या लवर पर भरोसा नहीं होता।
दूरी करे प्यार कम

अगर किसी का मानना है कि लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप प्यार को मजबूत करने का काम करता है तो ये सरासर गलत है और सबसे बड़ा मिथ है। दूरी बढ़ने से प्यार में भी दूरी आ जाती है। क्योंकि जब तक दो इंसान एक दूसरे के शरीर को छूते नहीं है तब तक दिमाग में डोपामाइन नहीं बनता जिससे प्यार कमजोर होने लगता है और शिकायतें व झगड़ों का दौर शुरू हो जाता है।
दोबारा भी होता है प्यार

प्यार एक नहीं, दो नहीं... बार-बार होता है। कई लोग बोलते हैं और फिल्मों को डायलॉग ने इसे पुख्ता करने का काम किया है कि प्यार केवल एक बार होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। ये सच है कि एक इंसान की जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन दूसरा इंसान उससे अधिक प्यार तो दे ही सकता है।