केवल प्रेग्नेंसी ही नहीं है माहवारी अनियमित होने का कारण
समय पर माहवारी न होना कोई भंयकर समस्या नहीं हैं लेकिन फिर भी इसके कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस स्लाइड शो के माध्यम से आप अनियमित माहवारी कारणों के बारे में जान सकती हैं।

अनियमित माहवारी
केवल प्रेग्नेंसी के कारण ही माहवारी अनियमित नहीं होती, अन्य बहुत से कारण इसके अनियमित होने के। कई महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। लेकिन शर्म या संकोच के कारण इस समस्या के बारे में किसी से बात नहीं करतीं। समय पर माहवारी न होना कोई भंयकर समस्या नहीं है, लेकिन फिर भी इसके कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस स्लाइड शो के माध्यम से आप अनियमित माहवारी कारणों के बारे में जान सकती हैं।

तनाव
तनाव माहवारी के लिए जिम्मेदार हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को कम कर देता है। जिससे माहवारी चक्र प्रभावित होता है और अनियमित होने लगता है। इस समस्या को आप योग और ध्यान के माध्यम से कम कर सकती हैं।

थकान
थकान भी अनियमित माहवारी के लिए जिम्मेदार होता है। भोजन, पानी और आराम की कमी से मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है। इसलिए अनियमित माहवारी की समस्या से बचने के दिन भर की गतिविधियों में से अपने लिए पर्याप्त समय निकालें और भरपूर नींद लें।

बीमारी
कुछ बीमारिया और दवायें भी माहवारी के अनियमित होने का कारण होती हैं। अगर आपकी कोई बीमारी अनियमित माहवारी का कारण बनती है, तो आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। दवा ऑव्युलेशन की प्रक्रिया को भी प्रभावित करती हैं।

थायराइड की समस्या
थायराइड हार्मोंन के शरीर में अधिक मात्रा में मौजूद होने पर शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। इसका प्रभाव माहवारी पर भी पड़ता है और वह अनियमित हो जाती है। ऐसे में ब्लड टेस्ट करवाना ठीक रहता है, जिससे अनियमित माहवारी के कारणों का सही पता चल सके।

ओवरी में सिस्ट पीसीओएस
सही समय पर माहवारी का न आना पीसीओएस कहलाता है। हार्मोन में जरा सा भी बदलाव माहवारी के चक्र पर तुरंत असर डालता है और माहवारी अनियमित हो जाती हैं। इसलिए आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपने डाक्टर से संपर्क करें।

वजन में उतार-चढ़ाव
वजन में उतार-चढ़ाव का असर भी माहवारी पर पड़ता है। वजन के अत्यधिक बढ़ने या वजन घटने से माहवारी चक्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और माहवारी अनियमित हो जाती है।

अत्यधिक व्यायाम
अचानक वजन कम होने से हार्मोन में परिवर्तन होने लगते हैं। वजन घटाने के लिए अत्यधिक व्यायाम करने से माहवारी चक्र प्रभावित होता है। इसलिए वजन कम करने का कार्यक्रम धीरे-धीरे सही आहार और व्यायाम से शुरू करना चाहिए। ताकि इससे आपका मासिक चक्र प्रभावित न हो। साथ ही कोशिश करें कि महीने के उन पांच दिनों में व्यायाम कम करें।

बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स या अन्य कुछ दवाइयां से भी माहवारी चक्र अनियमित हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योकि शरीर को बर्थ कंट्रोल पिल्स के साथ एडजस्ट होने में कई महीने लग जाते हैं और दवाइयां एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवर पर असर डालती हैं। इसलिए इन दवाओं को लेने से पहले अपने डाक्टर से सलाह जरूर लें।

रजोनिवृत्ति
यदि किसी महिला की उम्र 45-50 के आसपास होती है तो उसके हार्मोन लेवल में परिवर्तन आने लगता है। ऐसे में अनियमित माहवारी होना सामान्य बात है। ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

आहार
आहार से भी माहवारी प्रभावित होती हैं। कई बार हम वजन बढ़ाने आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ा देते हैं। कार्बोहाइड्रेट से शरीर में हार्मोन के स्तर में परिवर्तन आने लगता है। इसका असर आपकी माहवारी पर पड़ने लगता है और वह अनियमित हो जाती हैं।
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