मेटा मेडिटेशन करें, प्रेम और दया की भावना जगाएं!
मेडिटेशन खुशी की भावनाओं को जागृत करने और दूसरों के प्रति अच्छी भावनाओं का विकास करने का एक अच्छा माध्यम है।

मेटा मेडिटेशन खुशी की भावनाओं को जागृत करने और दूसरों के प्रति अच्छी भावनाओं का विकास करने का एक अच्छा माध्यम है। इससे न सिर्फ आपका व्यक्तित्व निखरेगा बल्कि आप भीड़ में अलग अपनी पहचान भी बना पाएंगे। क्योंकि किसी के प्रति प्यार और दया की भावना रखने से आप दूसरों को खुश रखते हैं और खुद भी अच्छा महसूस करते हैं।
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मेटा यह शब्द पाली शब्द से लिया गया है। इसका मतलब दया (kindness), परोपकार (benevolence) और साख (good will) होता है। मेटा मेडिटेशन की उत्पत्ति या ये कहें कि इसे करने की शुरूआत बौद्ध परंपराओं से हुई है। विशेषकर इसे थेरवाद ओर तिब्बतियों द्वारा किया जाता रहा है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस मेडिटेशन को बहुत ही प्रभावकारी माना गया है।
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इस मेडिटेशन को करने से आपके अंदर दूसरों के प्रति सहानुभूति बढ़ती है। लोगों के प्रति प्रेम और दया की भावना जागृत होती है। ईष्या और द्वेश जैसी भावनाओं का नाश कर सकारात्मक विचारों का विकास होता है। आत्म स्वीकृति का विकास होता है। इसके अलावा जीवन के उदे्श्य संबंधी भावनाओं में वृद्धि होती है।
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सबसे पहले आप रिलैक्स होकर बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर लीजिए। इसके बाद अपने दिल और दिमाग की दया और परोकार की भावनाओं को जागृत होने दें। इसके बाद अपने प्रति प्यार और दया की भावना विकसित होने दें। फिर इन भावनाओं को दूसरों की तरफ भी अग्रसारित करें।
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इसे आप स्वयं करें, किसी अच्छे मित्र को करने के लिए कहें। असलियत में कोई भी व्यक्ति इस मेडिटेशन को आसानी से कर सकता है।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।