सर्दियों में कैसे करें डायबिटीज की देखभाल
सर्दियों में डायबिटीज के रोगियों के लिए अधिक समस्या होती है, क्योंकि इस मौसम में उनका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और खाना आसानी से नहीं पचता, इसलिए डायबिटीज के रोगियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सर्दियों के मौसम को यूं तो स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी के लिए अनुकूल एवं उपयुक्त माना जाता है, लेकिन डायबिटीज के रोगियों के लिए यह समय मुसीबतों से भरा हो सकता है, उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। क्योंकि इस समय उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और खाना पचाने में समस्या होती है। इसके अलावा सर्दियों में ब्लड शुगर के कारण दिल के रोगों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए मधुमेह रोगी इस मौसम में डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए ध्यान बरतें।
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डायबिटीज को अगर सामान्य शब्दों में परिभाषित करें तो 'इस बीमारी में शरीर का पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर हो जाता है। शरीर शर्करा यानी ग्लूकोज को ही पचाने में सक्षम नहीं होता, इसके अलावा भोजन के रूप में खाए जाने वाले सभी पदार्थों को ठीक से पचा नहीं पाने के कारण पेट संबंधित बीमारियों जैसे - कब्ज, वायु विकार और कमजोरी की समस्या हो जाती है।
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ग्लूकोज से शरीर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन मधुमेह रोगियों के शरीर में ग्लूकोज का पाचन नहीं होता है, बल्कि इसकी जगह प्रोटीन का पाचन होने लगता है। इससे मधुमेह रोगी दुबला हो जाता है। इसी कारण डायबिटीज के रोगियों में प्रोटीन की जरूरत अधिक होती है। डायबिटीज रोगियों का इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है। इसलिए मधुमेह के रोगी इस मौसम में प्रोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें।
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सर्दियों के मौसम में त्वचा में रूखेपन के कारण खुजली होती है। ऐसी स्थिति में अधिक खुजलाने पर त्वचा की पहली परत छिल जाती है जिसके कारण पानी निकलने लगता है और घाव हो जाते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए यहां मुश्किल हो जाती है, क्योंकि घाव भरने में समय लगता है। ऐसे मरीज की त्वचा छिलना या घाव बनना खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी को शुगर का स्तर नियंत्रित रखना चाहिए।
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दूसरे मौसम में भी मधुमेह के रोगियों को ऑयली आहार के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में इनको इससे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस समय इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है। इसलिए डायबिटिक्स को तेल, घी, चिकनाई एवं वसा वाली वस्तुएं अत्यन्त कम मात्रा में खानी चाहिए। इसके अलावा डिब्बाबंद, बोतलबंद एवं प्रोसेस्ड व रिफाइंड वस्तुओं से बचें।
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डायबिटीज के रोगियों को एक बार में अधिक खाने से बचना चाहिए, बल्कि कम मात्रा में कई बार में खाना इनके लिए फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज के रोगी ब्रेड, चावल, दाल आदि चिकित्सक की सलाह के बाद ही खायें। संतरा, सेब, पपीता, अमरूद आदि 200 से 250 ग्राम प्रतिदिन खा सकते हैं। दूध-दही आदि सामान्य मात्रा में ही लें। सूप एवं नारियल पानी भी ज्यादा मात्रा में न लें। सलाद अंकुरित अनाज, खारी, मूली, टमाटर, पत्तेदार सब्जियां शिमला मिर्च, लौकी आदि का सेवन कर सकते हैं।
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डायबिटीज के रोगियों को नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करनी चाहिए, खासकर सर्दियों में। क्योंकि इस मौसम में त्वचा में रूखापन आ जाता है और खुजली होती है, अगर गलती से उनमें खुजली भी करने से त्वचा कट भी जाये तो घाव हो सकता है। यह घा..
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मधुमेह के रोगियों को सर्दियों में भी नियमित व्यायाम करना चाहिए। नियमित व्यायाम और टहलने से शरीर मजबूत होता है और कमजोरी दूर होती है। अत: इस मौसम में सुबह-शाम टहलना फायदेमंद है। डायबिटीज में नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचता है, इससे हाथ-पैर की उंगलियों में सूनेपन का आभास होता है। अत: हाथों व पैरों की उंगलियों में अधिक समस्या होती है, इसलिए इस मौसम में उनको हिलाते रहें।
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