बादाम खिलाएं

सुबह अपने बच्चे को खाली पेट पांच भीगे हुए बादाम खिलाएं। बादाम में प्रचूर मात्रा में विटामिन और मिनरल जैसे विटामिन ई, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो दिमाग को सुबह-सुबह एक्टिव बनाने में मदद करते हैं। लेकिन हमेशा बच्चों को बादाम भिगाकर और छीलकर ही खिलाएं। क्‍योंकि सूखे बादाम गर्म करते हैं और इसके भूरे रंग के छिलके में टनीन होता है जो बादाम के पोषक तत्‍वों के अवशोषित कर लेता है।
पहाड़ा(टेबल) याद कराएं

बच्चों को सुबह-सुबह पंद्रह मिनट के लिए 2 से 20 तक के टेबल बुलवाएं। उन्हें रटवाएं नहीं। उन्हें केवल एक-एक बार हर टेबल को पढ़ने के लिए बोलें। एक महीने में ही उन्हें सारे टेबल याद हो जाएंगे। साथ ही दिमाग भी हमेशा एक्टिव बने रहता है और मेमोरी पावर भी बूस्ट बनी रहती है।
बोल-बोलकर पढ़ें

बच्चे को बोलें कि जब भी वो पढ़े तो बोल-बोल कर पढ़े। इससे उनकी उच्चारण क्षमता अच्छी बनेगी और बड़े होने पर उन्हें अपने उच्चारण के लिए किसी के सामने उपहास का पात्र नहीं बनना पड़ेगा। इससे उनमें दूसरों से संवाद करने की क्षमता भी स्थापित होगी।
उठक-बैठक कराएं

सुबह-सुबह बच्चों को तीस से पचास बार उठक-बैठक जरूर कराएं। इसकी शुरुआत दस बार उठक बैठक करने से शुरू करें। एक महीने में ही वे पचास बार खेलते-खेलते उठक-बैठक करने लगेंगे। इससे बच्चों का स्टेमिना मजबूत होगा और हड्डियां मजबूत बनेंगी।
दूध जरूर पिलाएं

बच्चों को सुबह में या रात को सोते वक्त एक गलास दूध जरूर पिलाएं। लेकिन दूध पैकेट वाला ना हो। गाय का दूध जो आप लेकर आइए और उसे पिलाइए। भले ही ये दूध पानी मिला हुआ हो। क्योंकि पैकेट वाले दूध में उतनी मात्रा में पोषक-तत्व नहीं होते जो गाय के दूध में होते हैं।