इन टिप्स की मदद से करें रक्तचाप कम
उच्च रक्तचाप की समस्या से बचने और उसे जल्द सामान्य करने के लिए आप कुछ आसान और कारगर नुस्खों की मदद ले सकते हैं।

कहते हैं यदि दिल दुरुस्त हो तो शरीर भी तंदुरुस्त रहता है। और अपने दिल को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उसका पूरा खयाल रखें। और अपने रक्तचाप को भी काबू में रखें। लेकिन बढ़े हुए रक्तचाप को कम कैसे किया जाए, यह एक बड़ा प्रश्न है। तो चलिये बताते हैं आपको रक्तचाप कम करने के कुछ तेज, आसान और प्रभावी तरीके।
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एक छोटा कटोरा दही रोज़ जमाएं और पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके इसका सेवन करें। एक अमरीकी युनिवर्सिटी के अनुसार दही शरीर के लिए आवश्यक कैल्शियम की मात्रा शरीर को प्रदान करता है। साथ ही, ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखती है।
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उच्च रक्तचाप के रोगी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उसे नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक रक्त पके दबाव को बढाने वाला सबसे प्रमुख कारक होता है।
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रक्त का गाढा होना भी उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है। रक्त गाढा होने से उसके प्रवाह में बाधा होती है। जिससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ़ जाता है। लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बेहत कारगर है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देता और धमनी की कठोरता में लाभदायक होता है।
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आंवला और शहद भी उच्च रक्तचाप मेंलाभ करता है। एक बडा चम्मच आंवला का रस और उतनी ही मात्रा में शहद मिलाकर सुबह - शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में फायदा होता है।
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जब ब्लड प्रेशर बढ़ जाए तो आधा गिलास कुनकुने पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोलकर 2-2 घंटे के अंतर से पियें। ऐसा करने से जल्द ही ब्लड प्रेशर सामान्य स्थिति में आ जाता है।
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तरबूज का मगज और पोस्त दाना दोनों बराबर मात्रा में लें और इसे पीसकर मिला लें। एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम खाली पेट पानी से इसे लें। 3 से 4 हफ़्तों तक लें। लाभ होने पर आप इसका सेवन पहले भी बंद कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर सामान्य होता है।
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रक्तचाप बढ़ा होने पर इसे जल्दी नियंत्रित करने के लिये आधे गिलास पानी में एक या आधा नींबू निचोडकर दो-दो घंटे के अंतर से पीते रहें। या तुलसी की दस और नीम की तीन पत्तियों को पानी के साथ खाली पेट सात दिनों तक लें तो अच्च रक्तचाप में लाभ होता है।
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बढ़ा हुआ वजन बीपी के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए रोज कुछ देर तो व्यायाम करें, अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। अपने बीपी का ब्योरा रखें और उपचार नियमित लें। और वजन को नियंत्रण में रखें।
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धमनियों के सख्त होने के कारण या उनमे प्लेक जमा हो जाता है और इस वजह से रक्त वाहिकाएं और नसें संकरी हो जाती हैं जिससे रक्त प्रवाह में बाधा होती है। लाल मिर्च के सेवन से नसें और रक्त वाहिकाएं चौड़ी होती हैं, और रक्त प्रवाह ठीक होता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
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हाई ब्लज प्रेशर के नियंत्रण के लिए उपचार तो जरूरी है ही इसके साथ-साथ ठीक दवाएं, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम तथा बेहतर जीवनशैली होनी चाहिए। नियमित उपचार होने से इस समस्या के दुष्परिणाम, जैसे स्ट्रोक पैरालिसिस, हार्ट फेल्योर, रीनल फेल्योर इत्यादि को कम किया जा सकता है।
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