क्यों होता है कमर दर्द और इसे कैसे करें दूर
कमर दर्द की शिकायत आज सिर्फ बड़ी उम्र की ही नहीं बल्कि युवाओं की भी समस्या बन गई है। लेकिन कुछ आदतों को बदलकर इस समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है, आइए जानें कैसे।

कमर दर्द की समस्या आजकल एक आम समस्या हो गई। सिर्फ बड़ी उम्र के लोग ही नहीं बल्कि युवा भी इसकी शिकायत करते रहते है। इसका मुख्य कारण लगातार कई घंटों तक कुर्सी पर बैठकर काम करना, बेतरतीब जीवनशैली और शारीरिक श्रम न करना है।

लोग अक्सर कमर दर्द से परेशान रहते है। इस दर्द के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे प्रमुख कारण रीढ़ की हड्डी में परेशानी है। रीढ़ के अंदरूनी हिस्सों में तरल पदार्थ की कमी होने के कारण आस-पास के हिस्सों में हड्डियां बढ़ने लगती है जिससे कमर में दर्द होने लगता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, कमर में दर्द का कारण आपके जीन में छुपा होता है। अधेड़ उम्र की लगभग हर तीसरी महिला को रीढ़ संबंधी परेशानी होती है। जानकारों को मानना हे कि इनमें से लगभग 8; प्रतिशत महिलाओं को यह बीमारी विरासत में मिलती है।

लगातार उच्च कैलरी और कम पोषक तत्वों वाला आहार लेने से वजन बढ़ने लगता है। जिसका सीधा असर कमर पर पड़ता है और कमर दर्द होने लगता है। इसके अलावा ज्यादा वजन होने से ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका भी ज्यादा होती है।

मांसपेशियों पर अत्यधिक तनाव, अधिक वजन, गलत तरीके से बैठना, हमेशा ऊंची एड़ी के जूते या सेंडिल पहनना, गलत तरीके से अधिक वजन उठाना, बहुत अधिक तनाव, ज्यादा समय तक कुर्सी पर बैठना, शरीर में लम्बे समय से बीमारियों का होना, अधिक नर्म गद्दों पर सोना आदि से भी कमर दर्द होता है।

अधिकतर लोगों को कमर के मध्य या निचले भाग में दर्द महसूस होता है। यह दर्द कमर के दोनों और तथा कूल्हों तक भी फ़ैल सकता है। बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द की समस्या बढ़ती जाती है। नतीजा काम करने में परेशानी। कुछ आदतों को बदलकर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। आइए कमर दर्द से निजात पाने के ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में जानें।

कमर दर्द को दूर करने के लिए योग बहुत फायदेमंद होता है। भुन्ज्गासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, श्वसन आदि कुछ ऐसे योगासन हैं जो की कमर दर्द में काफी लाभ पहुंचाते हैं। कमर दर्द के योगासनों को योगगुरु की देख रेख में ही करने चाहिए।

अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें। इसके अलावा नर्म गद्देदार बिस्तर से परहेज करना चाहिए। कमर दर्द के रोगियों को थोड़ा सख्त बिस्तर बिछाकर सोना चाहिए।

ऑफिस में काम करते समय कभी भी पीठ के सहारे न बैठें। अपनी पीठ को कुर्सी पर इस तरह टिकाएं कि यह हमेशा सीधी रहें। गर्दन को सीधा रखने के लिए कुर्सी में पीछे की ओर मोटा तौलिया मोड़ कर लगाया जा सकता है। कार चलाते वक्त सीट सख्त होनी चाहिए, बैठने का पोश्चर भी सही रखें और कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट टाइट कर लें।

कमर दर्द के लिए एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। सैर करना, तैरना या साइकिल चलाना सुरक्षित एक्सरसाइज हैं। व्यायाम करने से मांसपेशियों को ताकत मिलेगी तथा वजन भी नहीं बढ़ेगा। तैराकी वजन कम करने के साथ-साथ कमर के लिए भी बहुत फायदेमंद है। साइकिल चलाते समय कमर सीधी रखनी चाहिए।

कमर दर्द में भारी वजन उठाते समय या जमीन से किसी भी चीज को उठाते समय कमर के बल ना झुकें बल्कि पहले घुटने मोड़कर नीचे झुकें और जब हाथ नीचे वस्तु तक पहुंच जाए तो उसे उठाकर घुटने को सीधा करते हुए खड़े हो जाएं।

इन सब के अलावा कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन करें। साथ ही नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह एक अचूक उपाय है। रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियं डालकर गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।
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