जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के कारण

जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां इस बात का लक्षण है कि आज की जीवनशैली के साथ कुछ गलत हो रहा है। हालांकि एक समय में इसे 'दीर्घायु की बीमारियों' के रूप में माना जाता था, लेकिन अब यह सच नहीं है, क्‍योंकि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां के लिए अब कोई उम्र विशिष्‍ट नहीं है। जीवनशैली के विकल्‍पों से जुड़े रोग जंक फूड और प्रसंस्‍कृत भोजन, शारीरिक गतिविधियों की कमी, काम के तनाव और अन्‍य कारकों के कारण युवा वयस्‍कों के साथ बच्‍चे को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की मौजूदगी इस सदी में इन समस्याओं को बढ़ा रही है। आज दिल के रोगों, कैंसर, मोटापा, डायबिटीज, स्ट्रोक और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां हमारे देश में विकलांगता का कारण बन रही हैं। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें कि आखिर जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के मुख्‍य कारण क्‍या है।
खाने की अनहेल्दी आदतें

हेल्दी और पौष्टिक आहार स्वस्थ जीवन की कुंजी है। लेकिन खाने की गलत आदतों और खाने की पसंद ने कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज और अन्‍य विभिन्‍न प्रकार की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा दिया है। खाने की गलत आदतों में कुछ खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, आहार में पोषक तत्‍वों की कमी और परिष्‍कृत और प्रसंस्‍कृत खाद्य पदार्थ का अत्‍यधिक सेवन शामिल हैं। इसके अलावा अत्यधिक ट्रांस फैटी एसिड, डायट्री कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटड फैट से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाईपरटेंशन और डायबिटीज जैसी समस्याओं का जन्म होता है और यह सभी दिल के रोगों का कारण बन जाते हैं।
मोटापा भी है कारण

मोटापा या सामान्य से अधिक वजन होने की समस्या दरकिनार भले ही कर दी जाए लेकिन यह जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियों जैसे शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक स्‍लीप एपनिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, पीठ दर्द और पित्ताशय की थैली के रोग और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाने वाला एक कारक हो सकती है। मोटापा कैंसर, कोरोनरी धमनी रोग से भी बहुत नजदीकी से जुड़ा है। एक शोध के अनुसार, कमर के आकार में वृद्धि उम्र की कमी का संकेत है।
तनाव का असर

आधुनिक जीवनशैली से जुड़ा तनाव भी ऐसी बीमारियों के बढ़ने का कारण बन रहा है। कई बार तनाव अवसाद का रूप ले लेता है। जिससे लोग आमतौर पर धूम्रपान, शराब और अस्वस्थ चीजों का सेवन कर तनाव से बचने की कोशिश करते हैं और यह सब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का कारण बन जाता है।
अपर्याप्त नींद

नींद मानव स्वास्थ्य और भलाई के लिए सबसे अधिक उपेक्षित आवश्यकताओं में से एक है। कई अध्ययनों ने स्पष्ट रूप से सामान्य स्वास्थ्य के लिए नींद की मात्रा और गुणवत्‍ता दोनों के महत्‍व को दर्शाया हैं क्‍योंकि यह विभिन्न चयापचय, अंत: स्रावी और शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों को प्रभावित करता है। सोने का अभाव, चाहे वह अपर्याप्त नींद हो या कमी के माध्यम से बाधित और नींद की गुणवत्ता में कमी उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर, मोटापा, स्लीप एपनिया और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्‍याओं का खतरा बढ़ जाता है।
स्मोकिंग, सबसे बड़ा कारण

संपर्क के उच्‍च जोखिम के कारण स्‍मोकिंग सबसे बड़े सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं में से एक है। स्‍मोकिंग कई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं जैसे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा, फेफड़ों के कैंसर, मुंह के कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर, कई श्वसन संबंधी विकार, हृदय रोग, स्ट्रोक और विभिन्न जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों के साथ जुड़ा है।
एल्कोहल का सेवन

हालांकि कम मात्रा में शराब के सेवन से किसी भी महत्‍वपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का खतरा नहीं होता है और अगर उचित तरीके से लिया जाये तो कुछ स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हो सकते हैं। लेकिन शराब के अत्‍यधिक सेवन से जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के विकास में प्रमुख योगदान का कारक हो सकता है। अत्यधिक शराब के सेवन से एचडीएल का स्तर बढ़ता है, हृदय रोग, कोलोरेक्टल और स्तन कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जीवनशैली से जुड़ी अन्‍य बीमारियां जैसे गर्ड और लीवर सिरोसिस आदि के विकास में भी योगदान देता है।Image Source : Getty