साइक्लिंग की तरह है जीवन

साइक्लिंग एक अच्‍छा व्यायाम है। इससे आपका स्टेमिना तो बढ़ता ही है साथ आपकी कैलोरी भी बर्न होती है। और वजन कम करने में और वजन कम होता है। शारीरिक रुप से इसके कइ फायदे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं साइक्लिंग से असल जिंदगी में भी काफी बातें सीखीं जा सकती हैं। आइए जानें क्या हैं वे बातें।
अपनी जगह पर चलें

कई बार हम समय की चिंता करते हुए जिंदगी में तेज रफ्तार से भागने लगते हैं जैसाकि हम साइक्लिंग के दौरान करते हैं। असल जिंदगी में जरूरी नहीं है कि आप वहीं करें जो सब कर रहें हैं। साइक्लिंग आपको सिखाती है कि चीजों को आसानी से लें और इस बात की चिंता ना करें कि कौन कितनी तेज चल रहा है।
लोगों को साइड दें

साइक्लिंग के दौरान जिस तरह कोई आपसे साइड मांगता है उसी तरह कोई असल जीवन में भी आपसे साइड मांगे तो उसे दे देना चाहिए। कहने का मतलब है कि किसी सफलता पर अंदर-अंदर परेशान होने की जगह उसे बधाई दें और अपना काम करते रहें। आपको भी एक दिन मौका जरूर मिलेगा।
हर समय बेस्ट नहीं दे सकते

जीवन की राह चुनौतियो से भरी होती है। आपकी राह कभी मुश्किल तो कभी आसान हो सकती है। जब आप अपना बेस्ट नहीं दे पा रहे हैं तो स्थितियों से लड़ने की जगह उसे आसान बनाना सीखें। रास्ता एकतरफा हो या कोई भी बस चलते रहना चाहिए।
सबसे अलग बनाएं रास्ता

किसी भी समय पर चीजें बिगड़ सकती हैं। जब आपके सामने कोई भी चुनौती आती है तो उस समय जरूरत है शांत, रिलैक्स और खुश रहने की। कठिनाइयों से लड़ना ही इसका रास्ता है लेकिन हो सकता है कि यह थकान भरा हो। अच्छा होगा कि आप अपना रास्ता सबसे अलग बनायें।
नीचे का रास्ता खुशी देता है

ऊंचाई पर पहुंचने की खुशी और एहसास काफी अलग होता है। यह आपको काफी संतुष्ट करता है। इस पल में खुश रहने और चीयर्स करने की करें। जब आप ऊंचाई से नीचे आ रहें तो यह काफी खुशनुमा और ऊर्जा देने वाला होगा।
रुकावटों का ध्यान रखें

ऐसा कई बार होता है कि आप किसी काम को रोक देते हैं, बीच में ही छोड़ देते हैं या उसे छोड़ कर कोई आसान काम करना चाहते हैं। साइक्लिंग में भी कई बार आप थक जाते हैं, रास्‍ता मुश्‍किल हो जाता है। लेकिन, अपने जोश को कायम रखें और आगे बढ़ते रहें।
खुद को सरप्राइज करना

कई बार आप सोचते हैं कि आप यह काम नहीं कर सकते या आपको अपनी क्षमता पर शक होता है। लेकिन जब आप काम को हाथ में लेते हैं तो ना सिर्फ उसे पूरा करते हैं बल्कि बेहतर ढंग से करते हैं। साइक्लिंग में भी यही होता है कि आपको लगता है कि आप अमुक स्‍थान तक साइकिल से नहीं जाते, लेकिन एक बार जब आप पैडल मारना शुरू कर देते हैं तो राहें आसान हो जाती हैं।
दूसरों को धक्का देकर जगह बनाना

आप नहीं चाहते हैं कि आपकी वजह से किसी को दुख हो। लेकिन जो लोग दूसरों की मदद नहीं करते हैं या जो अपनी जगह बनाने के लिए दूसरों को धक्का देते हैं। वो खुद ही चोटिल हो जाते हैं।