व्यायाम की कमी से कमजोर होती हैं भारतीयों की हड्डियां
व्यायाम की कमी आपकी हड्डियों को भी कमजोर बना सकती है। इस बात को जानने के लिए इस स्लाइड शो में पढ़ें विशेषज्ञों की राय।

व्यायाम की कमी हमारे स्वास्थ्य के लिए प्रभावित करता है। यह बात तो शायद हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आप इस बात से परिचित है कि व्यायाम की कमी आपकी हड्डियों को भी कमजोर बना सकती है। इस बात को जानने के लिए इस स्लाइड शो में पढ़ें विशेषज्ञों की राय।

वैश्वीकरण और फास्ट फूड चेन के बढ़ जाने से जीवन शैली से संबंधित बहुत से रोग देखने को मिलते हैं। लेकिन नवीनतम अनुसंधान के परिणामस्वरूप व्यायाम और खराब जीवनशैली के कारण हड्डियों की कमजोरी भी इस श्रृंखला में जुड़ गया है।

लास वेगास के जाने-माने आर्थोपेडिक सर्जन एरिक जीगन के अनुसार, अमेरिकी या ब्रिटिश लोगों की तुलना में भारतीय लोगों की हड्डियां पारंपरिक रूप से कमजोर और विकृत होती हैं और भारतीयों में ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डी विकार होने का खतरा भी अधिक होता है।

सर्जन एरिक जीगन, हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। वहां पहुंचकर एरिक ने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों की हड्डियां काफी कमजोर होती हैं। अमेरिकी लोगों में ऐसा देखने को नहीं मिलता वहां पर लोगों के घुटने की हड्डी का आकार भी यहां के लोगों की तुलना में बड़ा होता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में घुटनों की सर्जरी का स्वरूप अमेरिका की सर्जरी से बिल्कुल अलग होता है।

गोवा के बोन विशेषज्ञ अमेया वेलिंगकर के अनुसार, इसका कारण अमेरिका एवं ब्रिटेन की तुलना में भारतीय लोग घुटने के दर्द या बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए उन्हें अधिक परेशनियों का सामना करना पड़ता है और आखिर में जाकर वह सर्जरी को विकल्प के रूप में चुनते हैं।

वेलिंगकर के अनुसार, भारतीय लोगों में कमजोर हड्डियों का बड़ा कारण नियमित व्यायाम न करना है। भारतीय लोग शारीरिक गतिविधियों को नजरअंदाज करते हैं जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं और बाद में तकलीफ बढ़ती है।

वेलिंगकर ने कहा, भारतीय लोगों की हड्डियां दूसरे लोगों की तुलना में कम गुणवत्ता वाली होती हैं और नियमित व्यायाम की कमी उन्हें और भी कमजोर कर देती हैं। उन्होंने कहा कि हम नियमित व्यायाम का जितना ध्यान रखेंगे, हड्डियों की तकलीफ से उतने ही दूर रहेंगे।

वेलिंगकर ने कहा कि पश्चिमी देशों में लोग स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक होते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं जिसकी वजह से उनकी हड्डियां मजबूत और उच्चतम गुणवत्ता वाली होती हैं। अतः हमें हडि्डयों के रोग से बचने के लिए रोजाना व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम से न केवल हम रोग से बचे रहेंगे बल्कि हडि्डयों का विकास भी अच्छा होगा। इससे हमारा शरीर को चुस्त और फुर्ति भी मिलेगी।

व्यायाम से हड्डियों के आसपास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। नियमित रुप से तेज चलते हुए सैर करने से आपकी हड्डिया मजबूत रहती हैं। इसके अलावा डांस, वेट ट्रेनिंग और स्विमिंग से हड्डियों को मजबूती प्रदान की जा सकती है। इससे आपके संतुलन तथा समन्वय में भी सुधार होता है और गिरने आदि से टूटने वाली हड्डी समस्या से भी बच जाते हैं।

आंकड़े बताते हैं कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से ग्रस्त लोगों की संख्या ज्यादा है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, व्यायाम की कमी के साथ भारतीय लोग विटमिन डी की कमी से भी ग्रस्त हैं। यही कारण है कि उनकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इससे बचने के लिए सूर्य की रोशनी में बैठें क्योंकि यह विटमिन डी का सबसे बडा स्रोत है। इसके लिए रोज सुबह कम से कम 15 मिनट तक धूप में जरूर बैठें।
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