गर्मी से राहत देता बेल पत्र

बेल की तरह ही इसके पत्ते भी गर्मी से राहत दिलाते है। बेल की कोमल पत्तियों को सुबह−सुबह चबाकर खाने और फिर ठंडा पानी पीने से शूल तथा मानसिक रोगों में शांति मिलती है। शरीर में गर्मी बढ़ने पर या मुंह में गर्मी के कारण अगर छाले हो जाएं, तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से लाभ मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं। लू लगने पर इसके पत्तों को पैरों पर मलने पर आराम मिलता है।
आंखों की चुभन दूर करता बेल पत्र

बेल के पत्तों का प्रयोग आंखों से संबंधित समस्यायों को भी दूर करता है। आंखों में दर्द होने पर बेल के पत्तों का रस, स्वच्छ पतले वस्त्र से छानकर एक-दो बूंद आंखों में टपकाएँ। इससे दुखती आंखों की दर्द चुभन ठीक होती है। साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। कंजक्टिवाइटिस की समस्या होने पर भी इसका प्रयोग फायदेमंद रहता है।
दिल संबंधी रोगो में फायदेमंद बेल पत्र

दिल के रोगियों के लिए बेल के पत्ते अमृत की तरह काम करते है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से दिल के दौरा का खतरा कम हो जाता है। साथ ही इससे दिल मजबूत होता है और ठीक तरह से काम करता है। दिल के अलावा बेल आंतों के लिए अच्छा होता है। पेट व आंतों के कीड़े मारकर बाहर निकाल देता है।
कफ, वात्त को शांत करता बेल पत्र

बेल के पत्ते की तासीर गर्म और कफ वात को शांत करने वाली होती है। मौसम बदलने पर होने वाले सर्दी, जुकाम और बुखार आदि की समस्याएं के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है। ऐसे में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद है। सांस संबंधी समस्या से पीड़ितों के लिए भी इसके पत्ते का रस अमृत का काम करता है।
मोच व अंदरूनी चोट में राहत देता बेल पत्र

मोच व अंदरूनी चोट आदि लगने पर भी बेल पत्र का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अंदर मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण चोट को भरने में सहायता करते है। बेल पत्रों को पीस कर थोड़े गुड़ में पकाइए। इसे थोड़ा गर्म पोटली बना र चोट की जगह पर लगा दे। दिन में तीन-चार बार पोटली बदलने पर आराम आ जाएगा।