चने की दाल के पोषक तत्व

100 ग्राम चना दाल में 33000 कैलोरी, 10-11 ग्राम फाइबर, 20 ग्राम प्रोटीन और सिर्फ 5 ग्राम फैट होता है। चने दाल में भी प्रोटीन और फाइबर की सबसे ज़्यादा मात्रा पाई जाती है। इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं।
डाइबिटीज पर नियंत्रण

डाइबिटीज पर नियंत्रण के लिए चने की दाल का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ग्लाइसमिक इंडेक्स होता है।यह रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है और शरीर में ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा को भी कम करने में मदद करता है। जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है।
फाइबर की मात्रा सबसे अधिक

चना दाल में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है, चने की दाल के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं।फाइबर से भरपूर होने के चलते चने की दाल का सेवन वजन कम करने में मदद करता है। फाइबर की वजह से पेट हमेशा भरा भरा सा रहता है। और भूख कम लगती है।ये कोलेस्ट्रॉ़ल को कम करता है, जो पाचन तंत्र को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। चना की दाल से कब्ज की परेशानी दूर होती है।
आयरन की कमी पूरी

चने की दाल के सेवन से आयरन की कमी पूरी होती है। इसमें मौजूद फास्फोरस और आयरन नई रक्त कोशिकाओं को बनाने में सहायक होते हैं और हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाते हैं, जिससे एनिमिया की संभावना कम हो जाती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करने में मददगार है।
पीलिया में फायदा

चने की दालके सेवन से पीलिया में भी काफी फायदा होता है। पीलिया की बीमारी में चने की 100 ग्राम दाल में दो गिलास पानी डालकर अच्छे से चनों को कुछ घंटों के लिए भिगो लें और दाल से पानी को अलग कर लें अब उस दाल में 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4 से 5 दिन तक रोगी को देते रहें। Image Source-Getty