बच्चों से सीख सकते हैं ये बातें

बचपन से अच्छा किसी के जीवन में और कुछ नहीं होता। यह बेपरवाही का वक्त होता है। न चिंता, न फिक्र और न ही कोई परेशानी। लेकिन, बचपन को अकसर मासूमियत के साथ-साथ नादानी से जोड़ा जाता है। लेकिन, बच्चों का यही भोलापन आपको काफी कुछ सिखा भी देता है। अंग्रेजी के नामी साहित्यकार डगलस एडम्स के अनुसार, केवल बच्चे ही चीजों को स्पष्टता के साथ देखते हैं। क्योंकि उनमें वह फिल्टर विकसित नहीं हुई होतीं, जो उम्मीद के बाहर चीजों को देखने से रोकें। image courtesy : getty images

बच्चे बहुत ही सीधे और भोले होते हैं। वह इतने उदार और दयालु होते हैं कि अपनी चीजों को बांटते समय बदले में किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करते। यह चीज बड़ों को बच्चों से सीखनी चाहिए। दयालुता का यह भाव आपको अपने भीतर भी लाना चाहिये।image courtesy : getty images

कहते हैं कि बचपन में किसी भी चीज को आप आसानी से सीख सकते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि जब बच्चे साइकिल चलाना सीखते हैं तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितनी बार गिरें। वह तब कोशिश को बंद नहीं करते जब तक वह सफल नहीं हो जाते। image courtesy : getty images

हम बड़े लोग अक्सर जाति, रंग या धर्म के भेदभाव में उलझें रहते हैं लेकिन बच्चे किसी रंग और जाति को नहीं समझते वह केवल प्यार की भाषा जानते हैं। फिर हम क्यों नहीं कर सकते ऐसा? यह गुण तो हर बड़े को सीखना चाहिये। image courtesy : getty images

जिज्ञासु होने के नाते, बच्चे तेजी से किसी भी चीज के बारे में जान जाते हैं। छोटे बच्चे के अंदर किसी भी चीज को लेकर कल्पना और जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है। अगर आपको भी चीजें सीखनी है तो अपने अंदर जिज्ञासु प्रवृत्ति को हमेशा जीवित रखना होगा। image courtesy : getty images

बच्चे हमेशा निडर रहते हैं। वह कुछ भी करने से डरते नहीं हैं। वे बिंदास होकर जो चाहते हैं वही करते हैं। बड़ों को भी उनसे कुछ सीखना चाहिए। बच्चों की तरह निडर होकर बिंदास जीना चाहिए। image courtesy : getty images

बच्चे हमेशा दूसरों से कुछ भी पूछते हुए हिचकिचाते नहीं है। वह हमेशा चाहते हैं कि जो भी वे पूछ रहे हैं उसका जबाब उन्हें मिलना चाहिए चाहे कुछ भी हो जाए। जबकि इसके विपरीत बड़ों के मन में हमेशा दूसरों से कुछ भी पूछने से पहले इनकार का डर बना लगता है। image courtesy : getty images

बच्चे इतने मासूम होते हैं कि उनका मन अंदर से साफ होता है। वह जैसे बाहर से दिखते हैं वैसे ही अंदर से भी होते हैं। इसलिए उन्हें किसी भी बात का बुरा नहीं लगता। और इसी कारण से वे हमेशा खुश भी रहते हैं। बड़ों को भी नकली आवरणों से बचना चाहिये। image courtesy : getty images

बच्चे हमेशा हर हाल में खुश रहते हैं और जिंदगी का पूरा-पूरा आंनद लेते हैं। आपने किसी छोटे बच्चे को अकेले खेलते देखा है कैसे वह अकेलपन में भी खुश रहता है। आपको भी खुद में खुश रहकर अपनी जिंदगी का पूरा-पूरा आनंद लेना चाहिए।image courtesy : getty images

बच्चों के दिलों में सबके लिए स्नेह और प्यार होता है चाहे वह किसी भी उम्र का व्यक्ति क्यों न हो। चाहे वह उनकी खुद के उम्र का हो या फिर दादा के उम्र का, वे सभी से घुलमिल कर रहते हैं। आप भी उनसे यह सीखकर खुश रह सकते हैं। image courtesy : getty images

छोटे बच्चों को न बीते पलों की चिंता होती है और न ही आने वाले कल की। वह हर पल को अच्छे से जीने की कोशिश करते हैं। आपको भी बच्चों की तरह हर पल को जीने की कोशिश करनी चाहिए। image courtesy : getty images

बच्चों का हमेशा से यह मानना है कि,
"कल्पना कि हर चीज को आप कर सकते हैं....
और आपका जो भी सपना है, सच हो जाएगा"
कुछ भी करने से पहले हमेशा असंभव सा लगता है। एक बच्चा आपको दिखा सकता है कि कैसे करना है। image courtesy : getty images
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