एनीमिया दूर करने वाले सात प्राकृतिक उपचार
शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य से कम होने के कारण खून में इसकी कमी हो जाती है। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि कुछ प्राकृतिक उपायों को अपना आप इस समस्या से आसानी से बच सकते हैं।

शरीर में खून की कमी को एनीमिया या रक्ताल्पता कहते हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य से कम होने के कारण खून में इसकी कमी हो जाती है। यह कोशिकाओं में ऑक्सीकरण का दौरा कम कर देता और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है। जिसके चलते व्यक्ति एनिमिया से ग्रस्त हो जाता है। रक्ताल्पता भारतीय महिलाओं के बीच एक सामान्य समस्या है। जो गर्भवती महिलाओं, मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव के कारण अधिक पाई जाती है। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि कुछ प्राकृतिक उपायों को अपना आप इस समस्या से आसानी से बच सकते हैं।
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हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, ब्रोकली, पत्ता गोभी, धनिया और शलजम आयरन और फोलिक एसिड का बहुत अच्छा स्रोत है। खासतौर पर यह गर्भावस्था के दौरान शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। साथ ही इससे वजन तो कंट्रोल होता ही है और साथ में खून में भी तेजी से बढोतरी होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने से पेट भी ठीक रहता है। एनीमिया से ग्रस्त लोग अपने सूप, रोटी, सांभर या करी में इन सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं - यह शाकाहारी आहार में आयरन को बढ़ाने वाले सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।
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अनार आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य मिनरल से समृद्ध फल है। इसके अलावा, विटामिन सी की मौजूदगी इसे आयरन के अवशोषण में सुधार कर एनीमिया के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचार में से एक बनाता है। इसके अलावा प्रतिदिन अनार का जूस पीने से शरीर में रक्त का संचालन अच्छी तरह से होता है।
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खजूर आहार फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ए, सी के अलावा सोडियम, सल्फर, क्लोरीन और आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। यह सब मिलकर इसे एनीमिया को दूर करने वाला एक कारगर उपाय बनाते है। खजूर को आप ताजा या चटनी के रूप में इमली या गुड़ मिलाकर या फिर लड्डू, बर्फी या केक जैसे व्यंजनों में मिलाकर भी खा सकते हैं।
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अधिकांश भारतीय परिवारों में प्रयुक्त होने वाला काले रंग का चीनी का विकल्प यानी गुड़ हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करने में मदद करता है। गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत होने के कारण एनीमिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक जरूरी है।
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शतावरी बहुत पहले से महत्वपूर्ण औषधि के रूप में प्रयोग की जा रही है। इसका प्रयोग कई प्रकार के रोगों में किया जाता है। शतावरी झाड़ीनुमा पौधा होता है जिसमें फूल व मंजरियां एक व दो इंच लंबे या गुच्छे में लगे होते हैं। शतावरी को शुक्रजनन, शीतल, मधुर एवं दिव्य रसायन माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, शतावरी संयंत्र सतावर से प्राप्त किया जाता है जो एनीमिया को दूर करने वाला अच्छा उपाय माना जाता है।
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चुकन्दर से प्राप्त उच्च गुणवत्ता का लोह तत्व रक्त में हीमोग्लोबिन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता के लिए बेहद प्रभावशाली है। खून की कमी यानी एनीमिया की शिकार महिलाओं के लिए चुकंदर रामबाण के समान है। चुकन्दर के अलावा चुकन्दर की हरी पत्तियों का सेवन भी बेहद लाभदायी है। इन पत्तियों में तीन गुना अधिक आयरन तत्व होते है।
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विटामिन सी गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट से आयरन का अवशोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इसलिए एनीमिया से ग्रस्त लोगों को अपने आहार में संतरा, स्ट्रॉबेरी, कीवी और अंगूर जैसे खट्टे फलों को शामिल करना चाहिए। इसे अलावा विटामिन सी के लाभ प्राप्त करने के लिए आप अपने सलाद या करी में नींबू के रस को भी मिला सकती है।
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