कैसे सुधारें खान-पान की आदतें
इन उपायों को अपनाकर आप अपने आहार में सुधार कर अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं।

साबुत अनाज परिष्कृत अनाज की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है। साबुत अनाज में अघुलनशील और घुलनशील फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-ई और अन्य कई पोषक तत्त्व शामिल होते हैं। साबुत अनाज कोलेस्ट्रॉल के स्तर, रक्त प्रवाह और रक्तचाप को निंयत्रित करने में मदद करता है जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है। इसके साथ ही साबुत अनाज से कैंसर जैसी बीमारियों के संभावित खतरों को भी दूर रखा जा सकता है।

फलों और सब्जियों में विटामिन-सी, पोटेशियम, फोलेट और जस्ता सहित प्रोटीन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की एक विस्तृत श्रृंखला होती हैं। इस महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखें कि जितनी विविध और ज़्यादा मात्रा में आप फल और सब्जियों का सेवन करेंगे उतनी विविध और व्यापक मात्रा में आपको पोषक तत्व मिलेंगे।

ओमेगा -3 तेल शक्तिशाली तेल है। यह दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह जोड़ों को लुबिरिक्रेंट प्रदान करता है। और साथ ही यह हमारे मस्तिष्क के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। सलमोन, ट्राउट और हेरिंग जैसी मछलियां ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं। आपको सप्ताह में दो बार कम से कम में ओमेगा थ्री युक्त खाद्य पदार्थ जरूर लेने चाहिए।

फाइबर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। यह रोगों के खिलाफ एक दीवार की भांति काम करता है। फलों, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियों आदि में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर युक्त भोजन सेहतमंद तो होता ही है साथ ही यह वजन को भी नियंत्रित रखता है। साथ ही यह मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है।

हमारे शरीर में लगभग 70 फीसदी पानी होता है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और पानी में सीधा सम्बन्ध है। पानी शरीर में चयापचय प्रतिक्रियाओं के बहुमत के लिए आवश्यक होता है। पानी की कमी से हमें डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन से थकान और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन सब समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना कम से कम आठ से दस गिलास पानी जरूर पिएं।

कहते हैं खाना पियो और पानी खाओ। सुनने में बात अजीब है, लेकिन आयुर्वेद में भी माना जाता है कि खाने को इतना चबाना चाहिए कि वह आसानी से गले के नीचे उतर जाए। ग्रीक शोधकर्ताओं ने पाया धीरे खाना दो जरूरी हार्मोन के स्तर को बढ़ा देता है। इसकी वजह से आपका पेट भरा हुआ रहता है।

बेशक, आपको कोई भोजन बहुत पसंद है, लेकिन इनका सेवन जरूरत से ज्यादा न करें। अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों को कैसे बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक बनाया जाए, इसका खयाल जरूर रखिए।

ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट तत्त्वों से भरपूर होती है। चीन में शोधकर्ता मानते हैं कि हरी चाय पीने से एक मजबूत स्केलेटन के निर्माण में मदद मिलती है और बढ़ती उम्र में हड्डियों के टूटने से रक्षा होती है।

अगर जंक फूड घर पर नही होगा तो आपके इनके सेवन की सम्भावना कम हो जाएगी। बाजार में जंक फूड्स के आकर्षण से विचलित न हों। स्वयं पर नियंत्रण रखें।

संतृप्त वसा आपके लिए अच्छे नहीं होते। ये आपके दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पूर्ण वसा डेयरी उत्पादों से बचने की कोशिश करें। इसके बजाय, कम वसा या वसा रहित पनीर, दही और दूध का उपयोग करें।
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