कब्ज एक समस्या

अनियमित खान-पान और बिगड़ी हुई दिनचर्या का असर हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। रात को खाना खाया और सो गए। दिन में कुछ भी अनाप-शनाप खा लिया। इन सभी आदतों के चलते कब्‍ज एक आम समस्‍या बन चुकी है। यह पाचन-तंत्र का प्रमुख विकार है। अगर यह पुराना हो जाए तो कई अन्‍य परेशानियां भी उत्‍पन्‍न कर सकता है।
विषाक्त पदार्थों का निकलना

पानी हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। शरीर की आंतरिक सफाई के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। कम पानी पीना भी कब्‍ज का एक मुख्‍य कारण होता है। जानकार मानते हैं कि हमें हर घंटे एक गिलास पानी पीना चाहिए। सुबह गुनगुना पानी पीने से शरीर के सारे विषैले तत्‍व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पूरा सिस्‍टम साफ हो जाता है।
फलों का सेवन

अमरूद, पपीता, अनार, आम, अंजीर, नाशपाती और संतरे में मौजूद फाइबर के कारण कब्ज का इलाज करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार हैं। इन फलों का सेवन करने से कब्‍ज नही होता हैं। अगर आपका कब्ज गंभीर है तो रोज सुबह अंजीर, किशमिश को पानी में भिगोकर खाने और रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है।
पालक का उपयोग

पालक सर्वश्रेष्ठ फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में से है। यह पाचन तंत्र से संबंधित विकारों के उपचार में उपयोगी होता है। पालक का रस या पालक को कच्चा खाने से कब्ज का नाश होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज भी इस सरल तरीके से मिट जाती है।
शहद का सेवन

कब्‍ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। लेकिन आप को अपने शरीर में पाचन और कब्ज के इलाज के लिए इसकी सही मात्रा के बारे में पता होना चाहिए। रात को सोने से पहले एक चम्‍मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्‍ज दूर हो जाता है।
अनाज भी खाएं

कब्ज को रोकने और इलाज के लिए आपको प्रतिदिन अनाज का लगभग 130 ग्राम उपभोग करना चाहिए। अनाज आपको पूरे गेहूं की रोटी, स्टार्च सब्जियां, जौं के आटा और जई के आटा से मिलता हैं। यह कब्‍ज का सही घरेलू उपचार हैं।
त्रिफला

अनियमित दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों के कारण कब्ज की समस्‍या होती है। त्रिफला कब्‍ज को दूर करने का असरकारी उपाय है। त्रिफला यानी हरड़, बहेड़ा और आंवले का चूर्ण। इस चूर्ण को लगातार 6 माह तक पानी के साथ सोते समय लेने से कब्ज़ की परेशानी हमेशा के लिये दूर हो जाती है। आप चाहें तो एक लिटर पानी में एक बड़ा चम्‍मच त्रिफला डालकर रात को रख दें। सुबह खाली पेट उस पानी को पीने से भी हाजमा ठीक होता है। इस पानी से आंखों पर छींटे मारना आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है।
ईसबगोल

ईसबगोल की भूसी एक बीज का छिलका है जिसमें पानी चूसने वाले अपाच्‍य तत्‍व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। यह उतना ही प्राकृतिक तरीका है जितना कब्‍ज में साबुत दालें, फल और सब्जियां होती है। दिन में एक बार, एक या दो चम्मच ईसबगोल की भूसी को दूध या पानी में भिगोकर लेना चाहिए। रात में सोने से पहले गर्म दूध के साथ लेने से सुबह तक कब्‍ज ठीक हो जाती हैं।
गुड़

गुड़ भी अच्छा और प्राकृतिक कब्ज निवारक पदार्थ है। इसका स्वाद बहुत ज्यादा मीठा होता है, इसे आप दूध या भोजन के साथ ले सकते है। रोज दो चम्मच गुड़ कब्ज़ के लिए पर्याप्त होता है।
अंजीर

अंजीर के सूखे फल बहुत ही गुणकारी होते हैं। इसे कब्‍ज हरण फल भी कहते है। अंजीर आंतों की गतिविधि बढ़ता है जिससे कब्ज की समस्‍या दूर होती है। इससे गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है। साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर पीने से लाभ होता है। और स्थायी रूप से रहने वाली कब्ज अंजीर खाते रहने से दूर हो जाती है।