प्राकृतिक तरीकों से करें पित्त की पथरी दूर

पित्ताशय हमारे शरीर का एक छोटा सा अंग होता है जो लीवर के ठीक पीछे होता है। पित्ताशय यकृत द्वारा उत्पन्न पित्त को संग्रहित करता है। इसका कार्य पित्त को संग्रहित करना तथा भोजन के बाद पित्त नली के माध्यम से छोटी आंत में पित्त का स्त्राव करना है। पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है। कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्राल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्राल की बनी होती है। धीरे धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं। पित्त की पथरी का घरेलू उपचार संभव है और काफी आसान। आइये जानते हैं ऐसे कौन से जूस हैं जो प्राकृतिक रूप से पित्त की पथरी को दूर कर देते हैं।
चुकंदर, नाशपाती और सेब का जूस

इन रसों के द्वारा पथरी का प्राकृतिक तरीके से प्रभावी उपचार किया जा सकता है। विभिन्न रस जैसे चुकंदर का रस, नाशपाती का रस और सेब का रस लीवर को स्वच्छ करते हैं। पथरी बनने से रोकने के लिए इन तीनों रसों के मिश्रण का सेवन करें।
ऐप्पल सीडर विनेगर

ऐप्पल सीडर विनेगर की अम्लीय प्रकृति लीवर को कोलेस्ट्राल बनाने से रोकती है जो अधिकाँश पथरियों का कारण होता है। यह पथरी को विघटित करने तथा दर्द को समाप्त करने में सहायक होता है।
विटामिन सी जूस

विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को विघटित करता है। आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि। पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है।
गाजर और ककड़ी का जूस

अगर आपको पित्ती की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है।
हल्दी

पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री होती है। हल्दी पित्त, पित्त यौगिकों और पथरी को आसानी से विघटित कर देती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती हैं।