जानें शिशु के लिए कितना फायदेमंद है सोया मिल्क

जब शिशु अपने 6 माह पार कर लेता है तब भी मां के लिए यह किसी चुनौती सरीखा होता है कि शिशु को कौन सा दूध शुरु किया जाए। कई मांएं विकल्प के तौर पर सोया मिल्क का चयन करती हैं। हालांकि इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन इसके प्रति सजग होना और इससे जुड़े कुछ तथ्यों का जानना जरूरी है। यहां हम कुछ ऐसे ही तथ्यों पर नजर डालेंगे।

Meera Roy
Written by:Meera RoyPublished at: May 30, 2016

विशेषज्ञों से सलाह लें

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अकसर मांओं को लगता है कि शिशु के लिए सोया मिल्क बेहतरीन विकल्प है। जबकि ऐसा नहीं है। आप जब भी अपने शिशु को सोया मिल्क की शुरुआत करें तो डाक्टर से संपर्क हमेशा करें। ध्यान रखें कि चाहे तमाम कंपनियां सोया मिल्क शिशु के जन्म से ही पीने लायक बना रही हों बावजूद इसके आपको सतर्क रहना जरूरी है। सामान्यतः विशेषज्ञ सोया मिल्क को 6 माह से कम आयु के बच्चों के लिए सोया मिल्क को तरजीह नहीं देते। यदि आपका शिशु पूरी तरह सोया मिल्क पर ही निर्भर है तो बेहतर है कि उसे नियमित डेंटिस्ट के पास ले जाएं।Image source-Getty

विकल्प के तौर पर चुनें

विकल्प के तौर पर चुनें
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यदि आपके शिशु को गाय के दूध से एलर्जी हो तो आप सोया मिल्क को विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं। लेकिन आपको यह बताते चलें कि सोया मिल्क एलर्जी न होने की गारंटी नहीं है। असल में यह जानना आवश्यक है कि आपके शिशु को किस प्रकार का दूध सूट करता है। यदि उसे पशु के दूध से एलर्जी है तो विशेषज्ञों की सलाह मुताबिक कब और कितना सोया मिल्क लेना है, यह अवश्य जान लें। आपको यह भी बताते चलें कि सामान्यतः शिशुओं को गाय के दूध से एलर्जी नहीं होती। अपने शिशु के लिए लो फैट सोया मिल्क को ही तरजीह दें। Image source-Getty

समस्या न बन जाए

समस्या न बन जाए
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यदि आप बिना किसी सलाह के अपने शिशु को सोया मिल्क पिला रही हैं तो ध्यान रखें कि कहीं यह समस्या का सबब न बन जाए। दरअसल सोया मिल्क में ओस्ट्रोजेन जैसे तत्व मसलन फाइटोएस्ट्रोजेन बहुतायत में पाए जाते हैं। फाइटोएस्ट्रोजेन पौधों में प्राकृति रूप से मौजूद होते हैं। अतः सोया भी इसका अपवाद नहीं है। जो शिशु सोया मिल्क पर ही पूरी तरह निर्भर है सोया मिल्क के सेवन के चलते उनमें फाइटोएस्ट्रोजेन सम्बंधित बीमारी बढ़ने की आशंका हो जाती है। यह आपके शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है।Image source-Getty

विशेषता

विशेषता
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सामान्यतः सोया मिल्क में ऐसी कोई विशेषता नहीं है जो अन्य दूध में मौजूद न हो। इसके उलट सोया मिल्क के प्रतिदिन सेवन से शिशु के आने वाले दांतों को नुकसान हो सकता है। वे सड़ सकते हैं। यही कारण है कि सोया मिल्क पर निर्भर शिशुओं के लिए नित्य सफाई की सलाह देते हैं। साथ ही उन्हें नियमित पानी का सेवन भी करते रहना चाहिए ताकि उनमें पानी की कमी न होने पाए।  असल में सोया मिल्क में ग्लुकोस सिरप मौजूद होता है जो दांतों के लिए हानिकारक है। अतः शिशु को पानी अवश्य पिलाएं।Image source-Getty

सोते वक्त न दें

सोते वक्त न दें
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जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि सोया मिल्क शिशु के स्वास्थ्य के लि कोई खास लाभकर नहीं है। लेकिन रात को सोते वक्त सोया मिल्क कतई न दे। यह आपके शिशु को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। कोशिश करें कि सोया मिल्क हमेशा कप में दें। यह भी ध्यान रखें कि यदि आपने यह दूध बोतल में दिया है तो शिशु बोतल के निप्पल से ज्यादा देर तक न खेले। सोया मिल्क पर आश्रित शिशुओं के प्रति अतिरिक्त सजग रहना जरूरी है। Image source-Getty

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