वजाइना टाइटनिंग

वर्कआउट से वजाइना को टाइट किया जाता है। वजाइना की मासपेशियां काफी स्ट्रॉन्ग होती है और यही इसका प्लस प्वाइंट भी है। लेकिन ऑर्गज्म औऱ सेक्स का अधिक मजा लेने के लिए वजाइना टाइट भी की जाती है। ऐसा बढ़ती उम्र में मांसपेसियों के ढीले होने के दौरान किया जाता है। क्योंकि बढ़ती उम्र का असर वजाइना की मांसपेशियों पर भी पड़ता है। कीगल एक्सरसाइज पेल्विक मसल्स को टाइट करने के लिए काफी कारगर है। इससे ऑर्गज्म में मदद मिलती है।
कभी खत्म नहीं होती वजाइना

वजाइना मांसल मांसपेशियों से घिरी होती है जिसके कारण वो जरूरत के समय में फैल पाती है। वजाइना इंटरकोर्स और बच्चे को जन्म देने के दौरान 200 प्रतिशत तक फैल जाती है। वजाइना खुद की जरूरत खुद पूरी करती है। ये खुद क्लीन होता है औऱ खुद ही जरूरत के अनुसार फैलती है। वजाइन से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।`क्लाईटोरिस` कभी खत्म नहीं होती। जब आपके शऱीर में कुछ भी नहीं होता तो भी ये रहती है।
एक समान नहीं होते

ये सबसे हैरान करने वाली बात है कि वजाइना का साइज सभी महिलाओं में अलग-अलग होता है। शरीर के हिस्सों में यही एक हिस्सा है जिसका आकार हर महिला में अलग होता है। कुछ `क्लाईटोरिस` वजाइन के खुलने वाले द्वार के नजदीक ही होता है तो कुछ `क्लाईटोरिस` वजाइना से थोड़े दूर होते हैं। `क्लाईटोरिस` के वजाइना से दूर होने की स्थिति में महिलाओं को जल्दी ऑर्गज्म नहीं होता।
गर्भावस्था की सूचना देती है

गर्भावस्था का पता लगाने के लिए वजाइना से अच्छा और सटीक जरिया कोई नहीं। कई शोध में ये परमाणित हुआ है कि वजाइना प्रेगनेंट होने के समय को बता देती है। दरअसल ऑव्यूलेशन के दौरान कर्विकल म्यूकस और अधिक क्लियर, लचीला और खींची हुई हो जाती है। अगर आप गर्भनिरोधक नहीं ले रही हैं और गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हैं तो आप वजाइना देखकर अपने ऑव्यूलेशन का पता लगा सकते हैं।
बच्चों को जन्म देना

ये अविश्वसनीय है लेकिन सच भी कि एक वजाइना से 10 पाउंड से अधिक वजन के बच्चे का जन्म हो सकता है। बच्चे के जन्म के बाद वजाइना को वापस उस अपने सामान्य आकार में आने में अधिक से अधिक छह महीने का वक्त लगता है। ये आपके शरीर की क्षमता पर निर्भर करता है।