इंसानी दिमाग की ये आश्चर्यजनक बातें हैरान कर देंगी आपको!
मानव मस्तिष्क के कई रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक ऐसी अबूझ पहेली बना हुआ है जिसके कई रहस्यों से पर्दा हटना अभी बाकी है। आइए जानें दिमाग से जुड़े ऐसे ही आश्चर्यजनक तथ्यों को इस स्लाइड शो में

इनसानी दिमाग शायद कुदरत के सबसे विचित्र निर्माणों में से है। अपने इसी दिमाग के दम पर इनसान ने पाषाण युग से लेकर आज यहां तक की यात्रा की है। कहते हैं कि इनसान अपने मस्तिष्क का केवल चार से पांच फीसदी ही इस्तेमाल कर पाता है बाकी 95 फीसदी मस्तिष्क अनछुआ ही रह जाता है। मानव मस्तिष्क के कई रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक ऐसी अबूझ पहेली बना हुआ है जिसके कई रहस्यों से पर्दा हटना अभी बाकी है। आइए जानें दिमाग से जुड़े ऐसे ही आश्चर्यजनक तथ्यों को इस स्लाइड शो में

दिमाग के बारे में तथ्य है कि आपका मानव दिमाग 5 साल की उम्र तक 95 प्रतिशत बढ़ता है। 18 साल की उम्र तक आते-आते 100 प्रतिशत विकसित हो जाता है और उसके बाद इसका बढ़ना रूक जाता है।

जब आप जाग रहे होते है तो दिमाग दस वाट की ऊर्जा के बराबर शक्ति प्रदान करता है। यह ऊर्जा बिलजी के बल्ब को जला सकती है। वहीं मस्तिष्क के संदेश भेजने की गति 170 मील यानी करीब 272 किमी प्रति घंटा होती है।

दिमाग शरीर के सभी अंगों को कंट्रोल करता है यह तो आप जानते ही हैं। लेकिन, क्या आपको इस बात का पता है कि दिमाग का दायां हिस्सा शरीर के बायें भाग को तथा बायां हिस्सा शरीर के दायें भाग को नियंत्रित करता है।

अकसर आपने सुना होगा कि पढ़ाई करने वाले बच्चों को उनके मां-बाप कहते है कि सुबह जल्दी उठकर पढ़ो उस समय दिमाग फ्रेश होता है। क्योंकि सुबह को किसी भी काम के लिए ज्यादा उपयुक्त समझा जाता है लेकिन दिमाग के बारे में यह तथ्य है कि दिमाग रात को ज्यादा एक्टिव होता है।

शरीर के अलग-अलग हिस्सों की सूचना अलग रफ्तार से और अलग न्युरॉन के जरिये दिमाग तक पहुंचती है। लेकिन सारे न्युरॉन एक जैसे नहीं होते। कुछ न्युरॉन सूचना को 0.5 मीटर प्रति सैकेंड की रफ्तार और कुछ 120 मीटर प्रति सैकेंड की रफ्तार से दिमाग तक पहुंचाते है।

ऐसा माना जाता है कि एक दिन में 20 हजार बार पलक झपकाने के कारण हम दिन में 30 मिनट तक अंधे रहते हैं। परन्तु असल में एक दिन में 20 हजार बार पलक झपकाने के बावजूद हम 30 मिनट तक अंधे नहीं रहते। क्योकि दिमाग इतने कम समय में वस्तु का चित्र अपने आप बनाए रखता है। पलक झपकने का समय 1 सैकेंड के 16वें हिस्से से कम होता है परन्तु दिमाग किसी भी वस्तु का चित्र सैकेंड के 16वें हिस्से तक बनाए रखता है।

मानव की ग्रोथ दिन की अपेक्षा रात को ज्यादा होती है। ऐसा दिमाग के एक छोटे से भाग में मौजूद पिटूइटेरी ग्रंथि के कारण होता है। यह ग्रंथि रात को सोते समय बढ़ने वाला एक हार्मोन को छोड़ती है।

दिमाग में न्युरॉनज की गिणती दिमागी क्रियाएं करके बढ़ा सकते हैं क्योंकि शरीर के जिस भी भाग की हम ज्यादा उपयोग करते है, वह ज्यादा विकसित होता जाता है। इसी तरह पढ़ने और बोलने से बच्चों का दिमागी विकास ज्यादा होता है।

दिमाग शरीर का लगभग 2 प्रतिशत ही होता है। लेकिन यह कुल ऑक्सीजन में से 20 प्रतिशत खपत करता है और खून भी 20 प्रतिशत का उपयोग करता है।

क्या आप इस बात से वाकिफ है कि दिमाग का 40 प्रतिशत भाग का रंग ग्रे है और बाकि के 60 प्रतिशत भाग का रंग सफेद होता है। दिमाग में मौजूद ग्रे भाग न्युरॉन होते है जो संचार का काम करते हैं।

दिमाग लगभग 6 मिनट तक ऑक्सीजन न मिलने पर भी रह सकता है, लेकिन इससे ज्यादा समय होने पर उसके डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। मस्तिष्क 10 मिनट से अधिक बिना ऑक्सीजन के नहीं रह पाता।
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