फिटनेस के बारे में तथ्य

आगे बढ़ने की होड़ में लोग अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति लापरवाह हो रहे हैं। अनियमित जीवनशैली के कारण लोग बीमारियों के आगोश में जा रहे हैं, युवा भी ऐसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं जो उम्रदराज लोगों को होती है। आस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज, हार्ट अटैक आदि के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही हैं। इसके लिए सबसे ज्‍यादा जिम्‍मेदार खाद्य-पदार्थ में जरूरी पौष्टिक तत्‍वों की कमी है। आगे के स्‍लाइडशो में जानिए स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े कुछ दिलचस्‍प तथ्‍यों के बारे में।
वजन घटाने के लिए

अमेरिका की मिसुरी विश्‍वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि समान वजन घटाने और फिटनेस पाने के लिए पुरुषों को जितना व्यायाम करना पड़ता है, महिलाओं को उससे लगभग एक तिहाई ज्यादा व्यायाम करने की जरूरत होती है। इसके अलावा, पुरुषों का सिर्फ व्यायाम करने से काम चल जाता है, जबकि महिलाओं को इसके साथ-साथ खाने पर सख्त नियंत्रण रखने की भी जरूरत पड़ती है। इसके लिए महिला और पुरुष के शरीर में अंतर और हार्मोन भी जिम्‍मेदार हैं।
फिटनेस और नींद

पर्याप्‍त नींद का भी असर फिटनेस पर पड़ता है। कुछ शोधों में यह पाया गया है कि किसी भी इंसान को प्रतिदिन औसतन 7 से 8 घंटे की गहरी नींद की आवश्‍यकता होती है। लेकिन जो लोग मात्र 4 या 5 घंटे की नींद लेकर सुबह उठकर वर्कआउट करते हैं तो उन्हें इस दौरान कभी-कभी झपकी भी आने लगती है। इसकी वजह से एक्सरसाइज में गलतियां होती हैं और चोट लगने का भी खतरा अधिक रहता है। अगर नींद पूरी न हो तो इससे सुबह के समय शरीर में मेटाबॉल्जिम प्रक्रिया धीमी हो जाती है और इस वजह से एक्सरसाइज करने के बावजूद शरीर में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है।
डिनर और फिटनेस

कुछ लोगों को लगता है कि डिनर नहीं करने से वजन नियंत्रित हो सकता है और फिटनेस को बरकार रखा जा सकता है। जबकि यह बिलकुल सही नहीं है और इसके कारण आपका शरीर कमजोर होता है, इसके कारण वजन पर भी कोई असर नहीं होता है। सुबह वर्कआउट करने के लिए आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा की जरूरत होती है, लेकिन यदि आप खाली पेट एक्सरसाइज या जॉगिंग करते हैं तो इसके कारण पेट में दर्द और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए रात में डिनर अवश्‍य करें, लेकिन ओवरईटिंग से बचें और हो सके तो सोने से 2 घंटे पहले डिनर कर लें, इससे खाना आसानी से पच जायेगा।
फिटनेस के लिए टीवी का सहारा

कुछ लोग सुबह-सुबह टेलीविजन के सामने या उसके ट्रेनर के अुनसार वर्कआउट करते हैं। अगर आपको ट्रेडमिल पर चलते हुए या वेट लिफ्टिंग के दौरान टीवी देखने की आदत है तो इसे बदलिए, क्‍योंकि इसके कारण आपको चोट लग सकती है। यदि आप साइकल पर कॉर्डिओवस्कुलर व्‍यायाम के दौरान या ट्रेडमिल पर चलते हुए टीवी देख रहे होते हैं तो इस समय आपका सारा ध्‍यान एक्सरसाइज के तरीके के बजाय टीवी पर होता है, इसकी वजह से कई बार हैंडल पर आपकी पकड़ ढीली पड़ जाती है, जिससे शरीर को एक्सरसाइज का पूरा फायदा नहीं मिल पाता। इसलिए व्‍यायाम के दौरान हो सके तो टीवी देखने के बजाय अच्‍छा संगीत सुनें।
फिटनेस की प्लानिंग

फिटनेस के लिए सबसे जरूरी है प्‍लानिंग करने की, क्‍योंकि यदि आप एक ही व्‍यायाम रोज करते हैं तो यह आपके लिए उबाऊ हो सकता है और आपका मन व्‍यायाम करने में कम लगेगा और कुछ दिनों बाद इसे करना बंद भी कर सकते हैं क्‍योंकि इसका असर आपके शरीर में दिखेगा नहीं। उदाहरण के तौर पर कुछ लोग सिर्फ मॉर्निग वॉक करते हैं तो कुछ लोग एरोबिक्स, इससे कारण उनके फिटनेस रुटीन में बोरियत आ जाती है और उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। इसलिए एक सप्ताह के अंतराल पर जॉगिंग, एरोबिक्स, स्किपिंग और कार्डियोवस्‍कुलर व्‍यायाम को शामिल कीजिए।
वार्मअप भी जरूरी

शरीर को फिट रखने के लिए व्‍यायाम शुरू करने से पहले वार्मअप करना बहुत जरूरी होता है। कुछ लोग समय बचाने के लिए वार्मअप के बिना सीधे व्‍यायाम शुरू कर देते हैं, जो कि सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है। क्‍योकि वार्मअप आपके शरीर को एक्सरसाइज के अनुकूल बनाता है। इससे रक्त संचार समान होता है और शरीर का तापमान भी संतुलित हो जाता है। यदि वार्मअप किए बिना एक्सरसाइज की जाए तो इससे मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। इसलिए यदि आप एरोबिक्स, जॉगिंग, और ब्रिस्क वॉक करते हैं तो हैं तो इसके लिए कम से कम पाच मिनट के लिए वार्मअप अवश्‍य करें।
फुटवेयर का चुनाव

कुछ लोग फिट रहने के लिए व्‍यायाम तो शुरू कर देते हैं लेकिन उसके लिए गलत फुटवेयर का चुनाव करते हैं। कुछ तो ट्रेडमिल एक्सरसाइज के दौरान बॉस्केट बॉल शूज पहनते हैं तो कुछ एरोबिक्स के दौरान वॉकिंग शूज। इसकी वजन से न केवल पैरों के तलवों में दर्द होता है बल्कि घुटने, कूल्हे और पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द हो सकता है। इसलिए प्रत्‍येक व्‍यायाम के लिए उसी के अनुकूल फुटवेयर का चुनाव जरूरी है।
मांसपेशियों के लिए सप्लीमेंट

कुछ लोग अपने मसल्‍स को बनाने के लिए विटामिन के सप्‍लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं, कुछ लोग तो अधिक मात्रा में विटामिन की गोलियों का सेवन करते हैं जिसका साइड इफेक्‍ड होता है और इसके कारण समस्‍या हो सकती है। विटामिन सप्‍लीमेंट के साथ-साथ पौष्टिक आहार का सेवन भी बहुत जरूरी है। रेड मीट में आयरन प्रचुर मात्रा में मिलता है जो मांसपेशियों का निर्माण करता है। शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के लिए प्रोटीन के विभिन्न स्रोतों जैसे - मछली, अंडे, डेयरी उत्‍पादक का सेवन करें।
वर्कआउट के लिए समय न हो तो

यदि आपके पास वर्कआउट और जिम जाने के लिए सयम की कमी है तो कोई बात नहीं हैं और भी कई ऐसे तरीके हैं जिनसे आप खुद को फिट रख सकते हैं। तेजी से टहलकर भी आप खुद को फिट रख सकते हैं। अगर संभव हो तो बस स्‍टॉप से अपने दफ्तर तक पैदल चलकर जाइए। लिफ्ट की बजाया सीढि़यों का प्रयोग कीजिए। विशेषज्ञ मानते हैं कि नियमित 45 से 60 मिनट तक पैदल चलना आपको जरूरी फिटनेस प्रदान करता है।