एरोमाथेरेपी से जुड़े तथ्यों के बारे में जानें
वैकल्पिक चिकित्सा के ही एक प्रकार यानी एरोमाथेरेपी से जुड़े कुछ तथ्यों की जानकारी के लिए जरूरी पढ़ें हमारा यह स्लाइड शो।

आयुर्वेद या होम्योपैथ की तरह एरोमाथेरेपी भी वैकल्पिक चिकित्सा का एक प्रकार है। एरोमाथेरेपी का उद्देश्य आवश्यक तेलों और अन्य खुशबूदार संयंत्र यौगिकों का उपयोग कर व्यक्ति के स्वास्थ्य और मनोदशा में सुधार लाना है। इस स्लाइड शो के माध्यम से हम आपको एरोमाथेरेपी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में जानकारी देगें।

ऐरोमा का अर्थ है खुशबू और थेरेपी का उपचार। ऐरोमाथेरेपी उपचार की वह पद्धति है जिसमें खुशबू के द्वारा अनेक बीमारियों का निदान संभव है। जी हां, आपको बीमारी के लिए गोली, कैप्सूल या कुछ भी लेने की जरूरत नहीं होती, एरोमाथेरेपी खुशबुओं से इलाज करती है। आवश्यक तेल की खुशबू का अहसास ही इलाज होता है। प्रत्येक खुशबू से सीधे हमारा मस्तिष्क प्रभावित होता है, हर तेल में एक विशेष प्रकार की उपचारिक शक्ति होती है, जिसके द्वारा पूर्ण रूप से प्राकृतिक उपचार होता है।

आवश्यक तेल संयंत्र कोशिकाओं के बीच छोटी बूंदों के रूप में मौजूद रहते हैं। यह बूंदें प्रकृति में सुंगधित होती है और सत्त फूल, घास, बीज, जड़ी बूटी, खट्टे फल, पत्ते, छाल और जड़ों की छाल से निकाले जाते हैं।

क्या आप जानते हैं कि यह तेल बेहद महंगे होते है, क्योंकि इन्हें बनाने की प्रक्रिया बहुत ही धीमी है और इसका श्रम ज्यादा और महंगा होता है। गुलाब की तेल की एक बूंद को बनाने में 30 से ज्यादा गुलाब के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है और इस लिक्विट का एक लीटर बनाने में 4-5 लाख से ज्यादा खर्च होता है।

पौधे के जरूरी एसेन्स मौजूद होने के कारण इन तेलों में कई प्रकार के चिकित्सकीय गुण होते है। यह तेल पौधों की जलवायु परिवर्तन, कीट, रोग आदि से रक्षा करता है और शोधों के अनुसार तेजी से मनुष्य के लिए अपने प्रभाव का प्रदर्शन करते है!

इसकी खुशबू का असर अलग-अलग व्यक्ति पर अलग-अलग प्रकार से होता है। जैसे एसिडिटी, गुस्से, अल्सर, बुखार आदि के इलाज के लिए कुलिंग और शांत प्रभाव वाले गार्डेनिया, चमेली, गुलाब, चंदन आदि का प्रयोग किया जाता है। जबकि सिरदर्द, तंत्रिका चिंता, अनिद्रा आदि से ग्रस्त लोगों के लिए गर्म और स्फूर्तिदायक तेल जैसे कपूर का इस्तेमाल किया जाता है।

एरोमाथेरेपी में कई प्रकार के तेलों का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे अपच, अनिद्रा, मुंहासे, दर्द, तनाव आदि को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा आप इन तेलों का उपयोग कामुक भावना को जगाने, दिमाग को तेज करने और चेतना का विस्तार करने के लिए भी कर सकते हैं।
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