ब्रीदिंग तकनीक से घटाएं मोटापा

कहते हैं कि चर्बी रहित और लचीली शरीर हो तो कई बिमारियों से स्वतः ही बचाव हो जाता है। ये बाद बिल्कुल सच है, फिट शरीर न सिर्फ प्रतिभा को बेहतर बनाता है, बल्कि स्वस्थ और चुस्त जीवन जीने में भी मदद करता है। लेकिन अगर आपके शरीर पर अतिरिक्त चर्बी है तो जरूरी नहीं कि आप भोजन करना छोड़ दें या फिर पूरा दिन जिम में ही बिताएं। अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो इन 5 ब्रीदिंग तकनीकों (प्रणायाम) को अपनाकर भी वजन कम कर सकते हैं। इन ब्रीदिंग तकनीकों की मदद से न सिर्फ आपका अतिरिक्त वजन कम होता है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर बनता है। चलिये जानें कौंन सी हैं ये 5 ब्रीदिंग तकनीक - Images source : © Getty Images
कपालभाती प्राणायाम योग (Kapalbhati Pranayama)
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कपालभाती प्राणायाम योग तकनीक के नियमित अभ्यास से पेट के आसपास की चर्बी कम होती है। कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठना होता है और फिर सांस को बाहर छोड़ना होता है। सांस को बाहर छोड़ते हुए पेट को भीतर धकेला जाता है। इस प्राणायाम के नियमितच अभ्यास से न केवल मोटापे की समस्या दूर होती है बल्कि चेहरे की झुर्रियां और आंखों के नीचे के काले घेरे भी दूर होते हैं।Images source : © Getty Images
भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama)

भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठजाएं और हाथों से घुटनों को दबाएं। इस तरह आपका पूरा शरीर (कमर से ऊपर का भाग) सीधा रहता है। इसके बाद मुंह बंद करके नाक के दोनों छिद्रों से पूरक-रेचक को झटके के साथ जल्दी-जल्दी करें। ऐसा कर आप महसूस करेंगे कि शांस बाहर छोड़ते वक्त हर झटके से नाभि पर थोड़ा सा दबाव पड़ेगा। ठीक इसी तरह इसे तब तक करें जब तक कि थकान न महसूस होने लगे। अब दाएं हाथ से बाएं नाक के छिद्र को बंद करें और दाएं से ज्यादा से अधिक वायु पूरक के रूप में भीतर भरें। अब आंतरिक कुम्भक करने के बाद श्वास को धीरे-धीरे छोड़ें। यह एक भास्त्रका कुम्भक होता है। ध्यान रहे कि हृदय रोग, फेंफडे रोग और किसी भी अन्य प्रकार के गंभीर रोग से ग्रसित होने पर में इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए। Images source : © Getty Images
अनुलोम-विलोम प्रणायाम (Anulom Vilom Pranayama)

अनुलोम-विलोम का अभ्यास करने से से थायराइड ग्लैंड्स से हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं। यह मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाते हैं जिससे शरीर की चर्बी नष्ट होती है। अनुलोम-विलोम प्रणायाम करने के लिए पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करें और नाक के बाएं छिद्र से सांस भीतर भरें और ठीक इसी तरह से बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से दबा लें और दाहिनी नाक से अंगूठे को हटाते हुए सांस को बाहर छोड़ें। अब अपनी दायीं नासिका से ही सांस अंदर लें और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को कुछ सेकंड बाद बाहर छोड़ें। अनुलोम-विलोम प्रणायाम को सुबह सवेरे की ताज़ी हवा में बैठकर करें।Images source : © Getty Images
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)

भ्रामरी प्राणायाम करने के लिये सुखासन, सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जाएं और दोनों होथों की अंगुलियों में से अनामिका अंगुली से अपनी नाक के दोनों छिद्रों को हल्का सा दबाएं। अपनी तर्जनी को कपाल पर, मध्यमा को आंखों पर, सबसे छोटी अंगुली को होठ पर रखते हुए अंगुठे से दोनों कानों के छिद्रों को बंद करें। इसके बाद सांस को धीरे-धीरे खींचें और फिर कुछ देर भीतर रोककर रखें और फिर उसे धीरे-धीरे आवाज करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से निकालें। अब सांस छोड़ते समय अनामिका अंगुली से नाक के छिद्रों को हल्का सा दबाएं (इससे थोड़ा कंपन उत्पन्न होगा)। इसे लेटकर कभी नहीं करना चाहिये। Images source : © Getty Images