आपको लगता है कि आप अब बड़े हो रहे हैं

शादी के बाद शुरुआती समय में बहुत कुछ नया सीखने और समझने को मिलता है। ऐसा माहौल होता है कि मानों आप बचपन में हैं और बस सब कुछ नया सिखते हुए एक नई शरुआत करनी है। लेकिन इस पूरे दौर में एक अच्छी बात भी होती है, ये दौर आपके लिये जितना चुनौतीपूर्ण होता है, उतना ही मज़ेदार भी होता है। इस लिहाज़ से भी शादी का पहला साल काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। Images source : © Getty Images
दिमाग की उथल-पुथल पढ़ जाती है

शादी से महज़ कुछ हफ्तों पहले तक आपका लगभग 70 प्रतिशत दिमाग़ शादी से संबंधित चीज़ों में लगा होता है। शादी के बाद अचानक दिमाग में नए विचार आने लगते हैं और एक हैंगओवर जैसा हो जाता है। दिमाग अचानक उथल-पुथल से गुज़रने लगता है और आपकी निर्णय लेने की क्षमता बाधित होती है। लेकिन इसमें एक अच्छी बात ये है कि अब फैंसले लेने के लिये आपके पास एक नहीं दो दिमाग होते हैं। बस आपको इन दो दिमागों को साथ चलाने की कला सीखनी होती है। Images source : © Getty Images
बच्चे की प्लानिंग के सवाल होने शुरू हो जाते हैं

आप शायद अपनी शादी के कपड़े ड्राइक्लीन करावा कर अलमारी में रख भी नहीं पाते होंगे कि आपके सामने एक सवाल आ जाता है, बच्चा कब प्लान कर रहे हो? खैर ये पूरी तरह आपका फैंसला होता है, लेकिन इस फैंसले को लेने के लिये शादी का पहला साल बेहद अहम होता है। Images source : © Getty Images
रोज़ लड़ना और रोज़ मनाना सीखते हैं

यूं तो लड़ना मनाना बचपन से ही चलता रहता है, और जहां लड़ कर माना लिया जाए, सच्चा प्यार वहीं होता है। लेकिन शादी के बाद पहले साल में होने वाली लाड़ाइयां थोड़े अलग तरह की होती हैं। यहां लड़ाइयां प्यार भरी नोक-झोंक वाली होती हैं। इस समय दोनों लोग साथ एडजस्ट कर रहे होते हैं और छोटी से लेकर बड़ी बात तक को प्यार से लड़-झगड़ कर सुलझाना सीख लिया जाता है। इसका फायदा ये होता है कि आप दोनों की बॉंडिंग इससे और बेहतर हो जाती है। Images source : © Getty Images
संभोग करना बेहद आम हो जाता है

हम ये नहीं कह रहे हैं कि संभोग का क्रेज़ कम या खत्म ही हो जाता है, बल्कि शादि से पहले की वाली आपाधापी और जोश़ को एक सही दिशा मिल जाती है। आप इस पहले साल में दांपत्य जीवन के सुख के चरम को महसूस कर पाते हैं। इससे आप लोगों के बीच पूरे जीवन के लिये एक गहरा रिश्ता बनता है। Images source : © Getty Images