महिलाओं का स्वास्थ्य के प्रति ध्यान न देना

खान-पान में बदलाव, काम का बोझ, जीवन स्तर में बदलाव आदि के कारण आज दुनियाभर की महिलाओं सबसे अधिक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सबका सबसे बड़ा कारण महिलाओं का अपने आप से जुड़ें किसी भी मुद्दे का नजरअंदाज करना है। अधिकतर महिलाएं अपने बच्‍चों और परिवार में उलझी रहती हैं और अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान नहीं देती। ध्‍यान न देने के कारण कई बार बीमारियां लाइलाज स्‍टेज पर पता चलती है। image courtesy : gettyimages.com
महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच

यदि घर की महिला स्‍वस्‍थ और खुश रहेगी तभी उसका परिवार भी सेहतमंद होगा। इसलिए अगर आप भी अपने परिवार की महिलाओं जैसे मां, बहन या पत्‍नी से प्‍यार करते हैं। तो आपका यह फर्ज बनता है कि आप उनकी देखभाल करें और 40 की उम्र पार कर चुकी अपनी घर की महिलाओं की समय-समय पर जांच करवाये। इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से हम आपको बताते हैं कि घर की महिलाओं के लिए कौन से टेस्‍ट करवाने जरूरी है। image courtesy : gettyimages.com
स्तनों की जांच

हर महिला को अपने स्‍तनों की जांच हर दिन करनी चाहिए। अगर उसको कुछ भी अलग सा लगें तो उसे तुरंत डॉक्‍टर से जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा 40 से 50 साल के मध्‍य की महिला को हर 2 साल के बाद मैमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए, खासकर तब जब आपके यहां परिवार के इतिहास में स्‍तन कैंसर पहले से हो चुका हो। image courtesy : gettyimages.com
त्वचा का कैंसर

आजकल त्‍वचा कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है। इसलिए आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि आपके लिए खास महिला की त्‍वचा पर किसी भी प्रकार का मस्‍सा दिखे तो उसे नियमित रूप से किसी अच्‍छे त्‍वचा रोग विशेषज्ञ से जांच करवाने के लिए जरूर लेकर जाएं। त‍ाकि किसी भी तरह की बीमारी हो तो पहले पता चल जाएं। image courtesy : gettyimages.com
ऑस्टियोपोरोसिस

ऑस्टियोपोरोसिस जो महिलाओं की आम समस्‍या है। यह समस्‍या महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद कैल्शियम की कमी के कारण होती है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती है। इस बीमारी को लेकर थोड़ा सचेत होना चाहिए। क्योंकि जब तक किसी औरत को इस बीमारी के बारे में पता चला है, तब तक बहुत देर हो जाती है। और इसका इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए समय-समय पर इसकी जांच करवानी चाहिए। image courtesy : gettyimages.com
मधुमेह

महिलाओं में 40 से 50 साल की उम्र में मधुमेह होने की आशंका अधिक होती है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसकी शिकार महिलाएं अधिक होती है। मधुमेह के दौरान शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है़ जिससे पेंक्रियाज सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती है। इसलिए आपको साल में एक बार महिलाओं की ब्‍लड शूगर की जांच जरूर करवानी चाहिए। image courtesy : gettyimages.com
कानों की जांच

अक्‍सर यह माना जाता है कि 50 की उम्र के बाद महिलाओं की श्रवण शक्ति कमजोर होने लगती है। लेकिन आजकल ऊंचा और इयरफोन से म्‍यूजिक सुनने के कारण कम सुनने की समस्‍या बहुत बढ़ गई है। कम सुनने का असर आपकी लाइफ पर पड़ने लगता है खासकर जब घर की महिला ऊंचा सुनने लगे। इसलिए आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप घर की महिला के कानों की जांच नियमित रूप से करवाएं। image courtesy : gettyimages.com
आंखों की जांच

एक उम्र के बाद आंखों से संबंधित बीमारियां होने का खतरा सभी को रहता है, इसलिए तो हर व्‍यक्ति को कम से कम साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए। आंखों की जांच खासकर उस समय और जरूरी हो जाती है अगर आप चश्मा लगाती हैं। आंखों की जांच न केवल विभिन्न आंख की समस्याओं को रोकने में मदद नहीं करती है बल्कि मोतियाबिंद जैसी समस्‍याओं को भी समय पर पता चल जाता है। image courtesy : gettyimages.com
रक्ताल्पता परीक्षण

आमतौर पर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है। लेकिन अगर आपके घर की महिला अक्‍सर या नियमित रूप से थका-थका सा महसूस करती हैं या उन्‍हें सांस लेने में परेशानी होती है तो उसका एनीमिया परीक्षण जरूर करवाना चाहिए। इस टेस्‍ट से रक्त में आयरन और लाल कोशिकाओं के स्तर को मापने में मदद मिलती है। image courtesy : gettyimages.com
डिप्रेशन

आजकल की जीवनशैली और आराम की कमी के कारण महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जांती है। इसलिये डिप्रेशन को कम करने के लिए महिलाओं को स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट करवाना बहुत जरूरी होता है। स्क्रीनिंग टेस्‍ट के दौरान डॉक्टर नींद की आदतों, जिन्दगी की परेशानियों, दबी हुई इच्‍छाओं और पसंदीदा एक्टिविटी आदि के बारे में सवाल पूछता है जिससे महिलाओं का डिप्रेशन कम होने लगता हैं। image courtesy : gettyimages.com