मोटे लोगों के साथ होता है नौकरी में भेदभाव, जानें कैसे?
अमेरीका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान पढ़ाने वाली एनरिका रग्स ने अपने शोध में कहा है कि कार्यस्थल जैसी जगहों पर मोटे लोगों के साथ पतले लोगों की तुलना में काफी भेदभाव होता है।

रिसर्च में सामने आया है कि मोटे लोग या शरीर से भारे लोगों के साथ नौकरी में काफी भेदभाव होता है। अक्सर कार्यस्थल में मोटे लोगों को नौकरी देने से बचा जाता है। क्योंकि लोग ऐसा समझते हैं कि मोटे लोग अच्छी तरह भागदौड़ नहीं कर सकते हैं। जिसके चलते आॅफिस का काम प्रभावित हो सकता है।

मोटापे के आधार पर भेदभाव को सामाजिक मान्यता मिली हुई है। ऐसा करने को लोग गलत नहीं मानते। अमरीका में बड़ी तादाद में लोग मोटे हैं और उनके साथ काफी भेदभाव होता है। जिसके चलते रिसर्च में ये बात भी सामने आई कि मोटे लोगों को नौकरी मिलने के चांस इसलिए भी कम होते हैं क्योंकि लोग समझते हैं कि ये ग्राहक या आॅफिस के लोगों से सही से बात नहीं कर पाते हैं।

मनोवैज्ञानिकों की मानें तो खूबसूरत या अच्छी पर्सनेलिटी के लोग सामने वाले को जल्दी से अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। यानि कि ऐसे लोगों को जल्दी नौकरी मिलने के चांस होते हैं। जबकि मोटे लोगों के साथ अक्सर ऐसा नहीं होता है। कंपनियों को लगता है कि मोटे लोग भद्दे होते हैं। उन्हें देखकर ग्राहक भाग जाएंगे। हालांकि ये ख्याल गलत है।

ब्रिटेन की एक्सटर यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में पाया था कि मोटी औरतों को जिंदगी में कामयाबी के बेहद कम मौके मिलते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मोटी औरतों के पास खुद को साबित करने के बहुत कम चांस होते हैं। मोटे लोग ऐसी नौकरियों में भी नहीं रखे जाते जहां ग्राहकों से ज्यादा बातचीत की जरूरत होती है।

रिसर्च में ये भी सामने आया है कि मोटे लोगों को फिट लोगों की तुलना में सैलरी भी बहुत कम मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोटे लोगों को काम के लिए कमतर करके आंका जाता है। यानि कि उन्हें नौकरियां मिलती भी हैं तो कम तनख्वाह वाली मिलती हैं।
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