अपने बच्चे की पॉजिटिव सेल्फ-इमेज बनाने में कैसे करें मदद
बच्चों की पॉजिटिव सेल्फ-इमेज बनाने से बच्चा जीवन के हर कदम पर बिना किसी सहारे के आगे बढ़ता है और रास्ते में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना में खुद से करें।

एक अलग पहचान बनाने की कोशिश सभी की होती है और सभी यही चाहते हैं कि दुनियावाले उनके रवैये और उनकी अलग शैली के लिए उनको जानें। बच्चों में यही भावना विकसित करने की जरूरत है जिससे वे जीवन के हर कदम पर बिना किसी सहारे के आगे बढ़ते जायें और रास्ते में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना वे खुद से करें। अपने बच्चे में एक सकारात्मक सेल्फ इमेज बनाने में आप उनकी मदद करें, हमारे द्वारा बताये गये कुछ टिप्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
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यह दौर कंपटीशन का है और आने वाले दिनों में प्रतियोगिता के साथ चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। इसके लिए अपने बच्चे को अभी से तैयार कीजिए, उसे कंपटीटिव प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने दीजिए। इससे वह चुनौतियों का सामना करेगा और उस स्थिति में अपने दिमाग का प्रयोग करना भी सीखेगा।
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ऐसा नहीं है कि आप घर के मुखिया हैं तो सारी जिम्मेदारी आपकी ही होगी, बल्कि अगर आप थोड़ी जिम्मेदारी अपने बच्चे को देंगे तो वह इसे निभायेगा साथ ही उसके व्यक्तित्व का विकास भी होगा। जिम्मेदारी का निर्वहन करते वक्त उसे सही और गलत का अंदाजा लगेगा साथ ही वह आने वाले दिनों में जिम्मेदारी निभाने के योग्य भी बनेगा।
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बच्चे की सेल्फ इमेज बनाने के लिए यह भी जरूरी है कि आप हमेशा उसे नये कार्य सौंपिये और नई चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाइये। हर बार अलग-अलग चुनौतियों का सामना करने से उसके व्यक्तित्व का विकास होगा साथ ही उसका आत्मविश्वास भी जागेगा।
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स्कूल में मिलने वाले होमवर्क और दूसरे काम से बच्चे अक्सर निराश भी हो जाते हैं, ऐसे में उनके ऊपर अधिक दबाव न डालें। इससे बच्चे के मन में निराशा की भावना पैदा होगी और वह परेशान हो सकता है। बल्कि इस स्थिति से उबरने में उसकी मदद करें।
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पॉजिटिव सेल्फ इमेज बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि आपका बच्चा दूसरों का सहयोग करना सीखे। इससे वह दूसरों की भावनाओं और उनकी जरूरतों को भी समझेगा। इसलिए बच्चे को दूसरे की सहायता करने के लिए प्रेरित कीजिए।
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'डिसीजन मेकिंग' ऐसी स्थिति है जिसमें दक्ष होने के बाद ही कोई पूर्ण होता है, इसकी ट्रेनिंग अपने बच्चे को दीजिए। कई मामलों में उसे खुद निर्णय लेने दीजिए। अगर उसका निर्णय सही है तो उसे बेहतर बनाने की कोशिश करें और अगर उसके निर्णय के कारण वह असफल हुआ तो उसकी कमियों को दूर करने की कोशिश कीजिए। इससे वह अगली बार बेहतर निर्णय ले पायेगा।
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बच्चे के व्यक्तित्व के विकास में कई चीजें बाधक हैं, इसके लिए जरूरी है उसे कुछ परिस्थिति और कुछ बातों से बचायें। ऐसे काम उसे न सौंपे जिसे करने में मुश्किल आये, उसकी गलतियों को उसे बतायें, उसकी छोटी-छोटी बातों में ही आप उसकी प्रशंसा न करें। हमेशा उसे यह शिक्षा दें कि हर काम को वह आसानी से और बेहतर तरीके से कर सकता है।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।