एड्रिनल ग्रंथि की थकान क्या है और कैसे करें इसे दूर
बेवजह थकान और प्रतिरोधक क्षमता में कमी तथा ऐसी ही तमाम स्वास्थ्य समस्याओं के मूल में कहीं न कहीं एड्रिनल ग्रंथि की थकान कारण हो सकती है। जानिये क्या है एड्रिनल ग्रंथि, कैसे करती है यह काम, इसकी कमजोरी के क्या पड़ते हैं प्रभाव और कैसे पाया जा सक

एड्रिनल ग्रंथि को सुप्रारेनल ग्रंथि भी कहा जाता है। यह तिकोने आकार की ग्रंथि किडनी के ऊपर स्थित होती है। इस ग्रंथि का काम तनाव को नियंत्रित करना होता है। यानी एड्रिनल ग्रंथि में किसी भी प्रकार की परेशानी आने का अर्थ है कि इससे आपकी सेहत को काफी गहरा नुकसान पहुंच सकता है। Image Courtesy- getty images

हममें से कई लोगों के लिए तनाव और व्यस्त जीवनशैली सम्मान की तरह बन गयी है। लेकिन, इस तनाव का प्रभाव हमारी एड्रिनल ग्रंथि की थकान के रूप में सामने आता है। यदि आप भी तनाव का आनंद लेने लगे हैं और कॉफी के बिना आपकी जिंदगी नहीं चलती, तो आपको सोचने की जरूरत है। Image Courtesy- getty images

अच्छी प्रतिरोधक क्षमता के लिए एड्रिनल ग्रंथि का मजबूत होना जरूरी है। थॉयराइड ग्रंथि के सही प्रकार से काम करते रहने के लिए इस ग्रंथि का सही होना बहुत जरूरी है। इससे हॉर्मोंस का स्तर नियंत्रित रहता है, वजन काबू में रहता है और साथ भावनाओं को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं यह ग्रंथ भूख व कई अन्य चीजों को भी नियंत्रित करती है। यानी आपका वजन काबू में रखने और सेहत संबंधी अन्य समस्याओं से बचाने में इस ग्रंथि महत्वपूर्ण भूमिका होती है। Image Courtesy- getty images

यदि आपको जरा सा काम करते ही पसीना आना, कमर और घुटने में कमजेारी व दर्द होता होना, आंखों के नीचे काले घेरे, थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, रक्त शर्करा व रक्तचाप में कमी और हार्ट पलपरेशन आदि इस बात का संकेत हैं कि एड्रिनल ग्रंथि सही प्रकार कार्य नहीं कर रही है। Image Courtesy- getty images

यदि आपको रोशनी से संवेदनशील हो जाते हैं या फिर आपको रात में देखने में परेशानी होती है, तो यह भी इस बात की ओर इशारा है कि आपकी एड्रिनल ग्रंथि अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रही है और आपको इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। Image Courtesy- getty images

कम स्टेमिना होना, तनाव होना और छोटी-छोटी बात में चिढ़ होना भी एड्रिनल ग्रंथि की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करती है। इसके साथ ही अधिक कार्बोहाइड्रेट लेने के बाद मूड में परिवर्तन होने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। Image Courtesy- getty images

अधिक नमक, मीठा और कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने की इच्छा होना भी एड्रिनल ग्रंथि की कमजोरी का इशारा हो सकते हैं। इसके साथ ही आपको एल्कोहल की तलब भी लग सकती है। आपके लिए अपनी इन भावनाओं को रोक पाना कठिन हो जाता है, यह जानते हुए भी इन चीजों का अधिक सेवन आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। Image Courtesy- getty images

यदि आप अपनी उम्र से अधिक नजर आते हैं, या फिर थोड़ी देर खड़े होते ही आपको थकान होने लगती है, आपके सिर में दर्द होने लगता है, तो यह भी एड्रिनल ग्रंथि की थकान का संकेत हो सकते हैं। कामेच्छा में कमी इसका एक और संकेत है। इसके साथ ही एकाग्रता में कमी और ध्यान भटकने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। Image Courtesy- getty images

आपको पूरी नींद लेनी चाहिए। रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लेना जरूरी है। अच्छा है तो यही है कि आप आधी रात से पहले सोने चले जाएं। यही वह वक्त होता है जब हमारा शरीर सबसे अधिक हीलिंग करता है। Image Courtesy- getty images

ध्यान और योग को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइये। इससे आपको मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से शांति और ऊर्जा मिलेगी। स्वस्थ जीवन के लिए ये दोनों ही चीजें बहुत जरूरी हैं। साथ ही इससे आपकी एड्रिनल ग्रंथि को भी सपोर्ट मिलता है। आपको रोजाना कुछ देर शवासन करना चाहिए। Image Courtesy- getty images

चीनी का स्वाद भले ही मीठा हो, लेकिन यह आपके शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती है। इसके साथ ही प्रोस्सेड कार्बोहाइड्रेट भी आपके लिए अच्छा नहीं होता। इनमें अतिरिक्त कैलोरी होती है, जो आपकी एड्रिनल ग्रंथि पर तनाव डालती है। इससे आपको डायबिटीज होने का खतरा भी हो सकता है क्योंकि एड्रिनल रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने का काम भी करती है। Image Courtesy- getty images

आपको अपने आहार का विशेष खयाल रखना चाहिए। आपको शाकाहार और ऑर्गेनिक फूड को तरजीह देनी चाहिए। आपके आहार में खूब सब्जियां, फल और नट्स बीन्स और साबुत अनाज शामिल होने चाहिए। Image Courtesy- getty images

कॉफी भले ही आपको पसंद हो, लेकिन अच्छा यही है कि आप कॉफी छोड़ दें। आप कॉफी को ग्रीन टी, पिपरमिंट टी और सिंहपर्णी चाय से बदल सकते हैं। इससे आपको ऊर्जा भी मिलेगी और सेहत भी अच्छी रहेगी। Image Courtesy- getty images
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