स्किन के हिसाब से ही चुनें फेशियल
फेशियल का चुनाव करने से पहले यह देख लें कि आपकी त्वचा के लिए वो ठीक है या नहीं। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आपको फेशियल का लाभ नहीं मिलेगा।

फेशियल करवाना त्वचा के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन काफी लोगों को यह शिकायत होती है कि फेशियल करवाने के बाद भी उनकी त्वचा पर कोई असर नहीं होता है। इसकी वजह है स्किन के अनुसार फेशियल का चुनाव ना करना। अगर आप अपनी त्वचा के मुताबिक फेशियल नहीं करवाती हैं तो आपके चेहरे पर निखार नहीं आ पाएगा। आइए जानें किस तरह की स्किन के लिए कैसा फेशियल होना चाहिए।

अगर आपकी स्किन नॉर्मल टू ड्राई है, तो फेशियल के जरिए इसमें और निखार ला सकती है। फेशियल मसाज क्लीनिंग कर चेहरे पर शाइन लाता है। सौंदर्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आपकी स्किन नॉर्मल है और आसानी से ड्राई हो जाती है, तो क्लासिक और प्लांट स्टेम सेल फेशियल के ऑप्शन पर जाएं।

क्लासिक फेशियल में क्लीनिंग, टोनिंग और मसाज किया जाता है। यह प्रक्रिया हाथों व गैजट्स दोनों से की जाती है। यह मास्क के साथ स्किन को प्रोटेक्शन भी देता है। इसमें मसाज करते समय अंगुलियों को खास डायरेक्शन से मूवमेंट दी जाती है।

यह फेशियल स्किन को रिफ्रेश करने में मदद करता है और साथ ही यंग लुक देता है। प्लांट सेल में स्किन को अंदर से हेल्दी करने का प्रयास किया जाता है। यह स्किन की सेलुलर लेवल पर हेल्प करता है और डेड व डैमेज्ड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करता है। यही नहीं, सेलुलर रि-जनरेशन प्रोसेस को चुस्त कर यह एजिंग साइन को भी कम करता है। इसमें एक्सफोलिएटर, क्रीम, मास्क, सीरम और अंडर आई जैल जैसे प्रोडक्ट्स शामिल रहते हैं।

ऑयली स्किन के लिए क्रीम और मॉश्चरराइजर से मसाज नहीं दी जाती। दरअसल, ऑयली स्किन के फेशियल ट्रीटमेंट में डीप क्लींजिंग विद एक्सफोलिएशन, टोनिंग, मास्क एंड प्रोटेक्शन होता है। इससे जहां एक्सेस ऑयल को हटाने में मदद मिलती है, वहीं स्किन की डीप क्लीनिंग होने के बाद यह सॉफ्ट भी हो जाती है।

यह फेस की टैनिंग खत्म कर स्किन को ब्राइटनेस देता है और यह ऑयली स्किन के लिए अच्छा है। इसके अलावा, यह स्किन की डीप क्लीनिंग भी करता है। इसमें पर्ल क्रीम से लाइट फेशियल मसाज की जाती है और फिर पर्ल मास्क लगाया जाता

इस फेशियल में स्किन पर सोने का असरदार ट्रीटमेंट देकर निखार ला दिया जाता है। इसमें इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट्स में बाइस कैरेट सोना रहता है। जिसको आप एक दिन पहले करवाकर भी लॉन्ग लॉस्टिंग इफेक्ट पा सकती हैं।

ये अक्सर ड्राई स्किन वाली ब्राइड को दिया जाता है। इससे स्किन ड्राई नजर नहीं आती है, साथ ही इसके बाद मेकअप भी काफी बेस्ड टच वाला लगता है।

इसमें ऐसी क्रीम इस्तेमाल की जाती है, जिसमें खास तरह के कॉलिजन होते हैं। इसमें क्लीजिंग के बाद स्किन की अपर लेयर की अच्छी तरह से पीलिंग भी हो जाती है। न्यू लुक देने के साथ ही यह स्किन को बेदाग व गोरा भी दिखाता है।

इस ट्रीटमेंट को ज्यादातर एक्ने, मुंहासे वाली स्किन पर दिया जाता है। इसमें स्किन को ओजोन स्टीम देकर पूरी तरह से मॉइश्चराइज किया जाता है।
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