भोजन को दूषित करने वाले तत्वों का सेवन कैसे करें कम
स्वस्थ और पौष्टिक आहार के सेवन की जितनी जरूरत होती है उससे कहीं अधिक जरूरत इस बात पर ध्यान देने की है कि आप जो खा रहे हैं वो विषाक्त न हो, थोड़ी सावधानी से भोजन को दूषित करने वाले तत्वों से बच सकते हैं।

स्वस्थ और साफ आहार का सेवन करने से ही बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। लेकिन हवा में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे पानी और खाने की चीजों में मिल कर उन्हें विषाक्त कर देते हैं। इनका सेवन करने से ये वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और कई संक्रामक बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इसके कारण पाचन संबंधित समस्या होती है और शरीर कमजोर होने लगता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर भोजन को दूषित करने वाले तत्वों के सेवन को कम किया जा सकता है।
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पानी पीने से पहले यह पता करना जरूरी है कि वह पानी साफ है या नहीं। कई बीमारियों को फैलाने वाले सूक्ष्म जीव पानी में रहते हैं। अगर शक हो तो केवल मिनरल वॉटर का ही सेवन करें। बॉडी में पानी की कमी से ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे ब्रेन में सही मात्रा में लिक्विड नहीं पहुंच पाता। इसका असर ब्रेन की क्षमता पर पड़ता है, और हमें थकान महसूस होती है। इसलिए रोजाना कम से कम 7-8 गिलास पानी पिएं।
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रसोई में भी कई भयानक बीमारियों वाले जीवाणु होते हैं जो खाने के जरिये पेट में जाते हैं। कटिंग बोर्ड पर मांस या कोई भी सब्जी काटने के बाद इसे धोना जरूरी है। इस्तेमाल से पहले चेक कर लें कि आप धुला हुआ बोर्ड ही इस्तेमाल कर रहे हैं। आपके घर में इस्तेमाल होने वाले तरह तरह के ब्रश भी कई बीमारियों का घर हो सकते हैं। इस्तेमाल के बाद इन्हें धो कर रखना चाहिए। अगर मुमकिन हो तो ब्रश को हर महीने बदलें।
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एक बात याद रखें कि कहीं भी बाहर से घर आने के बाद, किसी बाहरी वस्तु को हाथ लगाने के बाद, खाना बनाने से पहले या खाने से पहले, बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। औषधीय साबुन से अपने हाथ धोएं, ताकि किसी प्रकार के कीटाणु न रहें।
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खाने में हरी साग- सब्जियां, सलाद, दही, दूध, दलिया, दाल, अंकुरित चने आदि का प्रयोग जरूर करें। इसमें भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑयल जैसे- सोयाबीन, सनफ्लॉवर, मक्का या ऑलिव ऑयल का ही प्रयोग करें। जंकफूड, सॉफ्ट ड्रिंक आदि के सेवन से बचें। रात का खाना हल्का-फुल्का लें। इससे खाना पचने में आसानी होगी।
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क्या आपको प्रोसेस्ड फूड सुविधाजनक लगता है? यदि ऐसा है तो इस बात को समझ लें कि प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। उसमें सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है। उनमें पौष्टिक तत्व कम और फाइबर भी कम होता है। ऐसे भोज्य पदार्थों से जितना परहेज रखें, उतना अच्छा है। इनके बजाए ताजी सब्जियां खाएं। यदि आपको मजबूरी वश प्रोसेस्ड फूड खरीदना ही पड़े तो ऐसा फूड खरीदें जिनमें अनाज भरपूर मात्रा में हों, जैसे गेहूं की ब्रेड, पास्ता वगैरह। इनमें वसा कम होती है और सैचुरेटेड फैट नहीं होता।
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पूरे हफ्तेभर के फल और सब्जियां आप रेफ्रीजरेटर में जमा कर रख लेते हैं। रेफ्रीजरेटर में सप्ताह भर की सब्जियां और फलों को एकसाथ रखने से उनके पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। फलों और सब्जियों में पौष्टिकता बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि आप उन्हें थोड़ी मात्रा में खरीदें। हो सके तो फल और सब्जियों को गर्म पानी में धोकर इस्तेमाल करें।
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एक बार में भरपेट भोजन करने के बजाय थोडे-थोड़े अंतराल पर फल या दूसरे स्नैक्स लें। इससे बारिश के मौसम में एक तो पाचन संबंधी समस्याओं से दूर रहेंगे, दूसरे आवश्यक पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति होगी। ताजा और गर्म भोजन ही खाएं। अगर भोजन बच भी जाता है तो उसे एयरटाइट कंटेनर में बंद करके फ्रिज में रखना चाहिए। 24 घंटे से पहले बने भोजन को न खाएं। ऐसा भोजन खाने से आधा घंटा पहले उसे फ्रिज से निकालकर सामान्य ताप में लाएं और फिर उसे गर्म करें।
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