कैसे आपके काम आ सकता है तनाव
तनाव हमेशा आपकी सेहत के लिए खराब नहीं होता है। यह आपके बहुत काम भी आ सकता है जानिए कैसे?

ज्यादातर लोगों का मानना है कि तनाव हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है लेकिन अगर आपको किसी काम को लेकर थोड़ा सा तनाव हो यह आपकी सेहत के लिए कई फायदों की वजह भी हो सकता है। शोध की मानें तो जो लोग तनाव को बुरा और डरावना मानकर बेवजह तनाव बढ़ा लेते हैं उनकी अपेक्षा तनाव को हल्के में लेने वाले लोग 43 प्रतिशत अधिक जीते हैं। दरअसल, सेहत का संबंध तनाव से ज्यादा उसका सामना करने के तरीके से है। आइए जानें थोड़ा-बहुत तनाव लेना आपके कितने काम आ सकता है।

2013 के शोध की मानें तो थोड़ा तनाव लेने से शरीर में कोर्टिकोस्टेरोन नामक स्ट्रेस हार्मोन बनता है जो मानसिक क्षमता बढ़ाता है और इससे सीखने में आसानी होती है।

शोधों की मानें तो सीमित मात्रा में तनाव से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जिससे डीएनए और आरएनए का बचाव होता है लेकिन तनाव अधिक होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी कोशिकाओं को झेलना पड़ सकता है।

थोड़े तनाव की स्थिति शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मददगार होती है। यह शरीर की प्रतिरोधी कोशिकाओं को अधिक सक्रिय कर देता है जिससे संक्रमण से लड़ने में आसानी होती है।

तनाव से पाएं मुक्तिएक अध्ययन के मुताबिक छोटा-मोटा तनाव लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हल्का-फुल्का तनाव न केवल संक्रमण से बचाता है बल्कि जख्म भरने में भी सहायक होता है। तनाव से शरीर में प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने वाले हार्मोन का रिसाव ज्यादा होता है। इसी वजह से जख्म जल्दी भरते हैं।

यदि सर्जरी के पहले रोगी को उसका थोड़ा सा तनाव हो तो यह उसकी रिकवरी को आसान बनाता है। कई शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं कि तनाव के दौरान शरीर की प्रतिक्रियात्मक कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। नतीजतन सर्जरी के बाद व्यक्त्ि का शरीर तेजी से रिकवर करने लगता है। 'जर्नल ऑफ बोन एंड ज्वाइंट सर्जरी' पत्रिका में प्रकाशित इस शोध के नतीजे 57 रोगियों के ब्लड सैंपल के अध्ययन पर आधारित हैं।

अक्सर देखा जाता है कि तनाव में रहने वाले लोग किसी भी बात का सीधा जवाब नहीं देते, हालांकि थोड़े वक्त के लिए रहने वाला तनाव व्यक्ति को मिलनसार बना देता है। कई शोध इस बात को प्रमाणित भी करते हैं। तनाव की स्थिति शरीर में ऑक्सिटॉक्सिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यूं तो इस हार्मोने का संबंध सेक्स की इच्छा व प्रजनन से होता है, लेकिन तनाव के दौरान यह सामाजिक होने व दूसरों से मिलने-जुलने के लिए प्रेरित करता है।

थोड़े समय तक रहने वाला तनाव के दौरान शरीर अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय होकर काम करता है। इन हालात में शरीर तेजी से प्रतिक्रिया करता है। इसका सीधा फायदा हमारे इम्यून सिस्टम को मिलता है। इस स्थिति में शरीर से कॉर्टिकोस्टेरॉइड हार्मोन निकलने में आसानी होती है। इनकी मदद से शरीर अपनी संरक्षित ऊर्जा का इस्तेमाल कर संक्रमण से तेजी से लड़ता है। हां, अधिक देर तक तनाव शरीर और मानसिक स्थिति के लिए अच्छा नहीं होता। यह शरीर की ऊर्जा घटाने लगता है। इसके साथ ही इससे कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।

तनावपूर्ण स्थिति में व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देता है। खेल का मैदान हो या दफ्तर में डेडलाइन पर काम खत्म करने की मांग। इन सब तनावों में दिमाग तेजी से काम करने लगता है। इसकी वजह थोड़े समय के लिए रहने वाला तनाव हो सकता है।

तनाव के दौरान मस्तिष्क के 'प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स' हिस्से में हार्मोन प्रसारित होता है जिससे दिमाग के निर्णय लेने की गति बढ़ जाती है। हालांकि लंबे समय तक रहने वाली तनावपूर्ण स्थिति एल्जाइमर के खतरे को बढ़ाती है।
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