गुडबाय कहने में न हो दर्द

अलविदा कहना हर तरह से तकलीफ देता है। लेकिन अगर आप चाहे तो इस दर्द को कम करना आसान हो सकता है। जानिए किसी को अलविदा या गुडबॉय कहने की तकलीफ को कैसे कम करें।

Anubha Tripathi
Written by:Anubha TripathiPublished at: Aug 06, 2014

दर्द भरा एक शब्‍द

दर्द भरा एक शब्‍द
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गुडबाय... एक छोटा सा लफ्ज। लेकिन कई बार कितना दर्द छुपा होता है इसमें। घर से जाते समय या रिश्‍ता खत्‍म होते समय, नौकरी छोड़ते समय या परिवार के किसी सदस्‍य के आपसे दूर जाते समय... आप कितनी बार इस लफ्ज़ का इस्‍तेमाल करते हैं। भले ही हर बार आपको यह कहने में तकलीफ न होती हो, लेकिन बात जब दिल से जुड़ी हो तो बहुत दुख देता है ये, गुड बाय। लेकिन, इस दर्द से पार पाना ही जिंदगी है। इस दर्द से आगे जाने की कला सीखकर आप फिर बांहें फैलाकर कर सकते हैं जिंदगी का स्‍वागत।

सदा कुछ नहीं रहता

सदा कुछ नहीं रहता
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हम सब इनसान हैं। हम हंसते हैं, खुश होते हैं, गुस्‍सा होते हैं, रोते हैं। यानी हम सब मानवीय संवेदनाओं से जुड़े हैं। लेकिन इस दुनिया में हमेशा कुछ नहीं रहता। इन भावनाओं को प्रेरित करने वाले लोग और कारण सब कभी न कभी जरूर खत्‍म होते हैं। हर आते लम्‍हें को स्‍वीकार करना ही तो जीवन है। इस बात को आत्‍मसात करने के बाद आपके लिए 'गुड बाय' कहना आसान होगा। जब कभी गुड बाय कहते समय आपकी भावनायें हावी होने लगें, तो इस बात को याद रखिये- जीवन में कुछ भी स्‍थायी नहीं।

विदाई का करें सामना

विदाई का करें सामना
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जीवन में किसी के जाने के बाद छोटे-बड़े बदलाव आते रहते हैं। इन बदलावों के साथ पटरी बैठाने के लिए आप संगीत का सहारा ले सकते हैं, दोस्‍त से बात कर सकते हैं, वॉक पर जा सकते हैं या कुछ भी ऐसा कर सकते हैं जिससे आपको रूहानी तौर पर सुकून महसूस हो। कुछ लोगों को फिल्‍मों में सुकून मिलता है, तो कुछ कलम के जरिये अपनी भावनाओं को कागज पर उकरेते हैं। तो, जो भी भार आपके दिल पर है उसे उतारकर रख दीजिये। इसके बाद आपके लिए गुड बाय कहने में आसानी होगी।

होता है होने दो

होता है होने दो
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जिंदगी में नये मौके आपका इंतजार कर रहे हैं। आप उन बेहतर मौकों के लिए नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। लेकिन इस छोड़कर जाने में उत्‍साह और दुख दोनों शामिल हैं। नयी नौकरी का उत्‍साह और पुराने दोस्‍तों के छूटने का गम। दोनों साथ-साथ चलते हैं। ऐसा होना स्‍वाभाविक है। जीवन में जब भी आप बदलाव के दौर से गुजरेंगे तो ऐसा ही होगा। दुविधा भरी इन परिस्थितियों का खुलकर सामना कीजिये। इन्‍हें स्‍वीकार कीजिये और फिर सब ठीक हो जाएगा।

दर्द हमेशा गलत नहीं होता

दर्द हमेशा गलत नहीं होता
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पुराना पीछे छोड़कर नये को गले लगाने के बाद आपको दर्द का अहसास हो रहा है। दर्द का अर्थ यह नहीं कि आपने गलत फैसला किया है। विरोधाभास जो जीवन में सही फैसलों के साथ भी होता है। तो, इस बात पर विचार करना छोडि़ये कि आपको गुडबाय कहते समय दर्द हो रहा है।

दें जज्‍बातों को जुबां

दें जज्‍बातों को जुबां
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आपको विदा लेने में परेशानी हो रही है। भावनाओं का द्वंद्व आपको चैन नहीं लेने दे रहा। तो, अपने जज्‍बातों लफ्जों की शक्‍ल दें। अपने किसी दोस्‍त से बात करें और उसे बतायें कि आखिर आपको कैसा महसूस हो रहा है। लेकिन, किसी बात को शुरू करने से पहले भूमिका तैयार करें। ऐसा न लगे कि आप इसमें गहरा उतर गए हैं। उन्‍हें कहें कि आप डूबना नहीं उबरना चाहते हैं और इसी वजह से आप उनसे बात कर रहे हैं।

हर पहलु को देखें

हर पहलु को देखें
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किसी चीज या रिश्‍ते को छोड़कर आगे जाना चुनौतीपूर्ण होता है। अपने अच्‍छे बुरे अनुभवों का प्रतिबिंब सामने आने दें। आप सारी गलती अपनी मानकर हालात को अपने लिए और बुरा बना सकते हैं। लेकिन, इसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। बल्कि आपकी परेशानी ही बढ़ेगी। इस मामले में आपको सही संतुलन बनाने की जरूरत है। इससे आपके लिए इन हालात का सामना करना आसान हो जाएगा।

वक्‍त हर जख्‍म की दवा है

वक्‍त हर जख्‍म की दवा है
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आप इन हालात में किसी भी वजह से हों। खुद को नये हालात में ढलने का मौका दीजिये। स्‍वयं को थोड़ा वक्‍त दीजिये ताकि आप इन हालात के साथ पटरी बैठा सकें। वक्‍त हर दर्द को भर देता है। जब कभी पीछे मुड़कर देखें तो भावनाओं को काबू रखें। बीती बातों को ज्‍यादा परेशान या बहुत ज्‍यादा खुश होकर न देखें। अपने लिए वक्‍त निकालें और खुद इन हालात के अनुसार ढलने का वक्‍त दें।

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