घर में शांति कैसे बनाएं
प्यार भरी नोक-झोंक हर रिश्ते के लिए अच्छी मानी जाती है। लेकिन अगर कुछ खास बातों का ध्यान ना रखा जाए तो इस नोक-झोंक को गंभीर रुप लेने में ज्यादा समय नहीं लगता।

हर रिश्ते में छोटी-मोटी नोंक-झोंक रिश्ते को मजबूत बनाए रखती है। एक-दूसरे से बेहद प्रेम करने वाले प्रेमी जोड़े के बीच जब किसी बात को लेकर बहस होती है तो कुछ खास बातों का खयाल रखना जरूरी होता है। इससे ना सिर्फ एक दूसरे के प्रति प्यार बढ़ता है बल्कि यह आपके रिश्ते को भी मजबूत बनाता है।

अगर कभी आपका पार्टनर गुस्से मे है और वो आपसे लड़ाई कर रहा है तो ऐसे में पलट कर उसकी बातों का जवाब देने की जगह उसकी बातों को सुनना अच्छा रहेगा। आपको याद होगी कि दोस्तों से लड़ाई के वक्त भी आप कुछ ऐसा ही करते थे तो अपने प्यार के लिए क्यों नहीं। यकीन मानिए ऐसा करने से आपके पार्टनर का गुस्सा अपनेआप खत्म हो जाएगा।

आमतौर पर ज्यादातर प्रेमी जोड़े छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई कर लेते हैं जो कि आपके रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है। हमेशा बेकार की बहस से बचने की कोशिश करनी चाहिए। हर रोज होने वाली लड़ाई आपके रिश्ते को खोखला कर सकती है। ऐसे में कोशिश करें छोटी-छोटी बातें बड़ी ना बनें।

अगर आप दोनों के बीच की लड़ाई गंभीर रुप ले चुकी है तो कोशिश करें कि एक ब्रेक लें। कुछ देर के लिए कमरे से या उस जगह से हट जाएं जहां आपका पार्टनर हो। खुद को और अपने पार्टनर के गुस्से को कम करने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए। इससे आप दोनों का गुस्सा कम होगा और आप शांत दिमाग से एक फिर से बात कर पाएंगे।

हो सकता है कि आप दोनों के विचार आपस में मेल ना खाते हो। इसमें कोई बुरी बात नहीं। हालांकि यह मतभेद केवल वैचारिक ही रहें तो अच्छा। इन बातों को लेकर अपने मन में खटास पैदा करना सही नहीं है। जरूरी है कि आप इन बातों को आपस में बैठकर सुलझा लें। लेकिन इस मुद्दे पर लड़ाई करने या बहस करना रिश्ते के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

व्यक्ति हर समय एक ही मूड में नहीं होता। हो सकता है कि किसी समय आपके पार्टनर का मूड अच्छा न हो। ऐसे में आपको चाहिए कि बेकार की बहस से दूर रहें। उस समय उससे गुस्से से बात करने से झगड़ा बढ़ने की आशंका अधिक रहती है। आपको चाहिए कि बाद में आराम से उस मुद्दे पर बात करें। यदि आपके साथी का स्वभाव तेज है तो आपको अपने साथी को समझते हुए नरमी से पेश आना चाहिए।

झगड़ा तो होता रहता है, इसके लिए बातचीत बंद करने की क्या जरूरत है। कुछ देर की नाराजगी तो ठीक है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि मुंह फुलाकर लगातार संवाद करते रहें। पुरानी बातों को लेकर बहस न करें और अतीत को लेकर झगड़ा न करें।

कभी भी तीसरे व्यक्ति के लिए आपस में न झगड़े या फिर किसी के बहकावे में आकर बिना कारण जानें झगड़ा न करें। यदि आपस में झगड़ा है भी तो बाहर के किसी तीसरे व्यक्ति के साथ शेयर न करें।

झगड़े के दौरान एक-दूसरे के परिवार को बीच में न लाएं। झगड़ा आप कर रहे हैं ना कि आपका परिवार। ऐसे में परिवार को बीच में लाना ठीक नहीं। हर किसी को अपना परिवार और उसकी गरिमा प्यारी होती है। ऐसे में जरूरी है कि आप उसका मान रखें और एक दूजे के परिवार को लेकर नाहक बहस न करें।

एक-दूसरे की कमजोरी का मजाक न उड़ाए और न ही झगड़े में ऐसी बातों को तूल दें। जितनी जल्दी हो सकें झगड़े को खत्म करें या फिर झगड़े का कारण ढूंढ उसका समाधान करें। झगड़ा व बहस वैचारिक होनी चाहिए। एक दूजे की कमजोरी को बीच में लाकर इसे निजी नहीं बनाना चाहिए।

अगर लड़ाई के दौरान आप बेकार की बहस से बचना चाहते हैं तो इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने साथी को थाम लें। ऐसे में उसका सारा गुस्सा गायब हो जाएगा और वो भी आपके गले लगने के लिए मजबूर हो जाएगा।

आपकी गलती है, तो भी आप माफी मांगने की पहल करें इससे आपके साथी को अच्छा लगेगा और आपके बीच पैदा हुई गलतफहमियां भी दूर होंगी। याद रखिए जितनी जिम्मत गलती करने के लिए चाहिए होती है उससे ज्यादा हिम्मत उस गलती के लिए माफी मांगने के लिए चाहिए होती है।
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