किचन गार्डनिंग के टिप्स

अगर आप किचन गार्डन की योजना बना रहे हैं तो योजना शुरू करने से पहले आपको कुछ कारकों पर विचार करना होगा। पौधे तभी अच्‍छे से बढ़ते हैं जब परिस्थिति उनके अनुकुल होती है। इसलिए अधिक सब्जियों और जड़ी बूटियों को सफलता से उगाने के लिए आपको उन्‍हें अनुकूल स्थिति देनी होगी। यानी अच्छे परिणाम के लिए आपको किचन गार्डन की कुछ बारीकियों को जनना बेहद जरूरी होता है। आइए हम आपको किचन गार्डनिंग से संबंधित कुछ ऐसे टिप्स देते हैं, जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगें।
सूरज की रोशनी वाला हिस्सा

अपने घर के पिछले हिस्से में ऐसी जगह का चुनाव करें जहां पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी पहुंचती हो। क्योंकि सूरज की रोशनी से ही पौधे का विकास संभव है। और ज्‍यादातर सब्जियों ओर जड़ी बूटी वाले पौधों बढ़ने के लिए रोजाना 5-6 घंटे सूरज की रोशनी मिलना बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपना गार्डन छांव वाले जगह पर न बनाएं।
सही माहौल बनाएं

कुछ पौधों जैसे पत्तेदार साग (सलाद, गोभी और पालक) और मूली और चुंकदर को बढ़ने के लिए ठंडे यानी 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान की जरूरत होती है। जबकि मिर्च, सेम, टमाटर और खीरे जैसे पौधों को बढ़ने और ठीक से फल को निर्धारित करने के लिए दिन के तापमान यानी 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर की जरूरत होती है।
सही कंटेनर चुनें

आजकल बाजार में प्लास्टिक के गमले भी मिलते हैं, लेकिन इसकी तुलना में मिट्टी के गमले में पौधों को विकास सही तरीके से होता है। इसीलिए गमला मिट्टी का खरीदें, तो बेस्ट है। पालक, मेथी और चौलाई लम्बे और चौडे गमलों में उगा सकती हैं। इन्हें उगाने के बाद इन पौधों को अन्य किसी गमले में ट्रांसफर ना करें। जैसे जैसे ये बडे होंगे और उन्हें ट्रिम करके यूज करती रहें। इसके अलावा टमाटर, सेम और खीरे और अन्‍य ऊंचाई में बढ़ने वाले पौधों के स्‍पोर्ट के लिए रूट सिस्‍टम की जरूतर होती है। जबकि गाजर और बीट रूट वाले विकसित होने के लिए मिट्टी में अधिक गहराई की जरूरत होती है ताकी यह मिट्टी की सतह के नीचे विकास कर सकें।
मिट्टी तैयार करें

आपके पौधों को शुरुआती दौर में बहुत अधिक पालन-पोषण की जरूरत पड़ेगी। हर पौधे की जरूरत अलग-अलग होती है। आपको पौधे के अनुसार ही उन्हें पोषक तत्व देना चाहिए। जिस मिट्टी पर आप सब्जियां उगाने के बारे में सोच रहे हैं, उसे अच्छे से तैयार कर लें। मिट्टी में अगर पत्थर हो तो उसे हटा लें। साथ ही मिट्टी में कम्पोस्ट भी मिलाएं।
पानी देना और पानी की मात्रा का ध्यान

पौधों को नियमित पानी देना बेहद जरूरी है। खासकर पौधा जब छोटा होता है तो उसे पानी की निहायत जरूरत होती है, क्योंकि उनकी जड़ें इतनी गहरी नहीं होती है कि मिट्टी से पानी सोख सके। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपने गार्डनिंग के लिए जिस मिट्टी का चयन किया है, उसमें पानी की पर्याप्त मात्रा है। साथ ही नियमित रूप से पानी निकासी की भी व्यवस्था है। बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी पौधों के लिए नुकसानदायक होता है। Image Source : Getty