जिंदगी की उठा पटक के बीच कैसे पाएं बच्चों की नींद
नींद की कमी कई बड़ी बीमारियों को भी जन्म दे सकती है, इसलिए जरूरी है कि पूरी नींद ली जाए। कुछ बातों का ध्यान रख, जिंदगी की उठा पटक के बीच भी बच्चों जैसी नींद ली जा सकती है।

चिड़चिड़ा मिजाज, गड़बड़ स्वास्थ्य और बेकार गुजरते दिन, इन सबकी गुत्थी जिस एक चीज पर आकर खुलती है वह है नींद की कमी। नींद अर्थात ऐसी दवा जिसकी सही समय पर सही डोज लेने पर जिंदगी सेहतमंद और खुशियों भरी बनी रहती है। लेकिन तेजी से भागती जिंदगी में कई चिंताएं और परेशानियां आ घेरती हैं, जिस कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है। नींद की कमी कई बड़ी बीमारियों को भी जन्म दे सकती है, इसलिए जरूरी है कि नींद पूरी हो। पर इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। तो चलिए जानें कैसे निकालें इसके लिए वक्त।

अच्छी और पर्याप्त नींद के लिए सबसे पहले प्रतिदिन बिस्तर पर जाने और सुबह उठने का समय निश्चित करें। दरअसल हम अपनी ही आदतों से बंधे होते हैं, और हमारी नींद भी इसका अपवाद नहीं है। एक स्वस्थ व्यक्ति को 7 या 8 घंटे की नींद प्रतिदिन लेना जरूरी है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नियत समय पर बिस्तर पर जायें और नियत समय पर ही इसे छोड़ भी दें। तो यदि हम नींद के इस नियमित पैटर्न का पालन करने लगें तो इससे हमारे शरीर की प्राकृतिक घड़ी, हमारी नींद शुरू करने और इसे बनाए रखने में मददगार साबितक होती है।

देखिए अच्छी नींद का सोने की जगह से गहरा संबंध होता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि जहां आप सोते हो वहां का वातावरण, शांत और आरामदायक हो। अध्ययनों से पता चला है कि शांत वातावरण में सोने से नींद अच्छी और गहरी आती है। अधिक शोर और रोशनी में सोने पर नींद छीक से नहीं आती और कई बार रात को टूटती भी है। बेडरूम को शांत, साफ और आराम दायक बनाएं, ये आराम की जगह होनी चाहिए, तनाव का स्रोत नहीं।

इस बात को गांठ मार लें, बेडरूम सोने की जगह होता है न की टीवी देखने और अपने पालतू जानवरों के साथ खेलने या फिर दफ्तर का काम करने की। बदलते समय के साथ हमारा बेडरूम बहुउद्देशीय हो गया है। यहां हर वो चीज होती है जो नींद भगाने और तनाव देने में सहायक होती है। जैसे टीवी, कम्प्यूटर, कम्प्यूटर गेम, टेलीफोन आदि। ये सभी चीजें हमारी नींद खराब करने में विशेष भूमिका निभाती हैं। इसलिए सबसे पहले इन सब चीज़ों को अपने बेडरूम से बाहर कीजिए और सोने जाने के पहले इनका प्रयोग न कीजिए। आपको बतचा दें कि कम्प्यूटर की हल्की सी रोशनी आपके दिमाग को एक्टीवेट कर देती है। इसके अलावा सोने जाने से पहले अपने पालतू पशुओं को भी बेडरूम के बाहर कर दीजिये।

यूं तो कैफीन, शराब और तम्बाकू आदि सभी नींद और हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं और इनका सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन खासतौर पर सोने के 4 से 6 घंटे पहले कैफीन, शराब और तम्बाकू का सेवन मत करिए। कैफीन कॉफी, सोड़ा या चाय में तो होती ही है साथ ही चाकलेट जैसी चीजों में भी पाई जाती है। कुछ शोध बताते हैं कि सोने के 6 घंटे पहले तक भी इन चीजों के सेवन से नींद आने में परेशानी होती है। इसी प्रकार निकोटिन भी आपकी नींद को बाधित कर सकता है। कई लोग मानते हैं कि सोने से पहले शराब पीने से नींद अच्छी आती है, लेकिन वास्तव में होता इसका उल्टा है। शराब पीकर सोने से आप उबासी तो आती है पर नींद नहीं आती।

यदि हम रात में पर्याप्त नींद ले लेते हैं तो दिन में झपकी लेने की जरूरत ही नहीं है। दरअसल दिन में झपकियां लेने से रात में सोना थोड़ा कठिन हो जायेगा। जो लोग रात में पर्याप्त नींद लेते हैं उन्हें दिन में झपकी लेने की जरूरत ही नहीं होती। अगर आप पूरी रात आराम से सोते हैं और दिन में भी सोने की इच्छा रखते हैं तो इसका मतलब है कि आप ठीक प्रकार से नींद नहीं ले पा रहे हैं। और ये नींद के विकार के लक्षण हो सकते हैं।

सोने से तकरीबन दो घंटे पहले हॉट बाथ करने से अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है। हॉट बाथ से शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है और राहत महसूस होती है। साथ ही इससे गहरी नींद लेने में काफी फायदा होता है। लेकिन यदि आपको बिना हॉट बाथ के ही नींद आ रही है तो आप हॉट बाथ न लें।

रोज व्यायाम करें, लेकिन सोने से चार घंटे पहले इसे न करें। रात में अच्छी नींद लेने का सबसे अच्छा तरीका है दिन भर क्रियाशील रहना और शारीरिक रूप से फिट बने रहना। लेकिन सोने से पहले व्यायाम नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से नींद आने में दिक्क्त होती है।

अगर आप बेहतर नींद के लिए सारी कोशिशें कर रहे हैं लेकिन आपने नाइट वियर्स (सोने के कपड़े) पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो थोड़ी दिक्कत हो सकती है। अच्छी नींद के लिए शरीर के साथ-साथ मौसम के अनुरूप सोने के कपड़े चुने जाएं तो आपको गहरी और अच्छी नींद आएगी। इसलिए जब भी आप सोने जाएं तो सूती कपड़े पहनें। दरअसल इनमें से हवा आसानी से पास होती है। सूती कपड़े पसीना भी सोखते हैं और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

देखिए बच्चे हो या बड़े, एक नियम जरूर बना लें कि सोने के पहले या तो मंद सा संगीत सुनेंगे या कोई किताब पढ़ेगें। इसके अलावा या साथ में सोने से पहले गर्म पानी से नहायें। एक गिलास गर्म दूध पीकर बिस्तर पर जाये, इससे दिनभर की थकान मिट जायेगी और नींद अच्छी आयेगी।

अगर आपको सोने में दिक्कत होती है या आप अनिद्रा के मरीज हैं तो जागने के बावजूद जबरदस्ती लेटे मत रहिए। जब आप लगातार सोने की कोशिश करते हैं और सो नहीं पाते, तो आपका दिमाग भी यह सोचना शुरू कर देता है की इस जगह वो सो ही नहीं सकता। और अगर यही सिलसिला रात दर रात जारी रहे, तो बिस्तर पर लेटते ही तनाव होने लगता है और नींद नहीं आती। अगर बिस्तर पर लेटने के 15 मिनट के भीतर नींद न आये, तो वहां से उठकर किसी दूसरी जगह लेट जाएं।

दिन की गतिविधियों के लिए नींद का बलिदान कतई न करें। आपके शरीर को नींद की बेहद जरूरत होती है और आपको उसका सम्मान करना चाहिये। कई बार हम दिन का काम समय पर पूरा नहीं पाते और देर रात तक करते रहते है। इसके अलावा हमारे मनपसंद काम जैसे कोई टीवी कार्यक्रम देखना, इंटरनेट पर गेम खेलना, बाहर खाना खाने जाना व अन्य ऐसी ही बहुत सी चीजें होती जिनके लिये हम नींद की अनदेखी करते हैं। इसलिुए नींद का एक पुख्ता शिड्यूल बनायें और उस पर दृढ़ता से टिके रहें। दिन के मामले दिन में सुलझाएं और रात को उन्हें भूल कर चैन से सोयें।
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