कुदरती तरीके से किडनी से विषैले पदार्थों को करें बाहर
किडनी हमारे शरीर का प्रमुख अंग है जो खून को साफ कर शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है साथ ही रक्त की अम्लीयता नियंत्रण में रखकर बीमारियों से भी बचाता है।

किडनी यानी गुर्दा हमारे शरीर का प्रमुख अंग है जो खून को साफ कर शरीर के विषाक्त पदार्थों को मूत्र के रास्ते बाहर निकालता है। इसके अलावा यह रक्तचाप नियंत्रण, सोडियम व पोटैशियम की मात्रा में नियंत्रण और रक्त की अम्लीयता में नियंत्रण भी करता है। जब किडनी हमारी शरीर में एकत्रित हुई गंदगी को हटाने में अक्षम हो जाती है तो उसे किडनी फेल्योर कहा जाता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि किडनी को विषैले पदार्थों से दूर रखा जाये और शरीर को बीमारियों से भी बचाया जाये।
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कम पानी पीने से किडनियों को नुकसान हो सकता है। पानी की कमी के चलते किडनी और मूत्रनली में संक्रमण होने का खतरा भी अधिक रहता है। जिससे पोषक तत्वों के कण मूत्रनली में पहुंचकर मूत्र की निकासी को बाधित करने लगते हैं। साथ ही किडनी में स्टोन की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।
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ताजे फलों और फलों के जूस का सेवन करने से किडनी से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। दरअसल फलों में पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फलों के साथ हरी और पत्तेदार सब्जियों में भी पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अंगूर, नींबू, संतरा, केला, किवीज, आदि का सेवन करना फायदेमंद है।
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बेरीज का सेवन करना भी किडनी के लिए फायदेमंद है। इसलिए ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी का सेवन जरूर करें। बेरीज में क्वीनाइन नामक पौष्टिक तत्व पाया जाता है जो यह खुद को हिप्यूरिक एसिड में बदल देता है। हिप्यूरिक एसिड यूरिक एसिड को एक जगह जमने से रोकता है जिससे किडनी संबंधित बीमारियों से बचाता है।
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धूम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से कई गंभीर समस्याएं तो होती ही हैं, लेकिन इसके कराण ऐथेरोस्कलेरोसिस रोग भी होता है। जिससे रक्त नलिकाओं में खून का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है। इसलिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने से बचें।
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किडनी को विषैले पदार्थों से बचाने के लिए सुबह उठने के बाद पेशाब जरूर करें। रात भर में मूत्राशय पूरी तरह मूत्र से भर जाता है, जिसे सुबह उठते ही खाली करने की जरूरत होती है। लेकिन जब आलस की वजह लोग मूत्र नहीं त्यागते और काफी देर तक उसे रोके रहते हैं तो आगे चलकर यह किडनी को भारी नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण किडनी स्टोन भी हो सकता है।
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यह सत्य है कि नमक हमारे भोजन के स्वाद को बढ़ाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन किडनी के लिए विपरीत प्रभाव डालता है। हमारे द्वारा भोजन के माध्यम से खाया गया 95 प्रतिशत सोडियम गुर्दों द्वारा मेटाबोलाइज्ड होता है। इसलिए नमक का अनावश्यक रूप से अधिक मात्रा में सेवन गुर्दों की क्रियाशीलता को बढ़ाकर उनकी शक्ति को कम कर देता है।
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शुगर की मात्रा रक्त में बढ़ने के कारण सबसे अधिक समस्या किडनी को होती है। मधुमेह के शिकार लगभग 30 प्रतिशत लोगों को किडनी की बीमारी हो ही जाती है और किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोग मधुमेह पीड़ित हो जाते हैं। इससे यह बात तो तय है कि इन दोनों समस्याओं का आपस में संबंध है। इसलिये रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
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किडनी को खराब करने में कुछ अन्य आदतें जैसे, बहुत ज्यादा शराब पीना, पर्याप्त आराम न करना, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा का अधिक सेवन करना, देर तक भूखा रहना या दूषित भोजन करना, हाईपरटेंशन का इलाज ना कराना तथा बहुत ज्यादा मांस खाना भी कुछ ऐसी आदते हैं जिनके कारण किडनी को भारी नुकसान पहुंचता है।
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