निष्क्रिय आक्रमक लोगों से कैसे निबटें

निष्क्रिय आक्रामक लोगों से निबटने के लिए उनसे बातचीत करने के लिए आपको खास बातों का खयाल रखना चाहिए। इसस आप आसानी से उनके साथ बात कर पाएंगे।

Anubha Tripathi
Written by:Anubha TripathiPublished at: Aug 20, 2014

कठिन है इनसे बात करना

कठिन है इनसे बात करना
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निष्क्रिय आक्रामक लोगों से निपटना एक बड़ी चुनौती होता है। वे आप पर सीधा हमला भले ही न करें, लेकिन व्‍यंग्‍यात्‍मक लहजे में वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उनका यह व्‍यवहार उन्‍हें ज्‍यादा देर तक शांति से बात नहीं करने देता। ऐसे लोग अकसर बात करते समय चिढ़ जाते हैं और माहौल को नकारात्‍मक बना देते हैं। आइए जानें कैसे पहचानें और निपटें निष्क्रिय-आक्रामक व्यवहार के लोगों को।

बात-बात में ताना

बात-बात में ताना
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ऐसे लोग कभी आपकी तारीफ नहीं करते। वे अकसर आपको ताना मारते रहते हैं। आपको देखकर उनके चेहरे पर कुटिल मुस्‍कान आ जाती है। आपके अच्‍छे काम में भी वे खामियां निकालने लगते हैं। ऐसे लोगों की नजर में आपकी कामयाबी खटकती है। वे मौके-बेमौके आपको नीचा दिखाने लगते हैं।

सुनाकर बात करना

सुनाकर बात करना
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निष्‍क्रिय आक्रामक लोग आपको सीधे भले ही कुछ न कहें, लेकिन वे बोलते दूसरों को हैं और सुनाते आपको हैं। मान लीजिये आपकी तरक्‍की हुई है, तो वे किसी दूसरे से कहेंगे, 'काम करने से थोड़े ही न तरक्‍की होती है, चमचागिरी करना जरूरी है।' यह बात भले ही सामान्‍य लगे, लेकिन वास्‍तव में वे आप पर तंज कस रहे होते हैं।

आपके सामने दूसरों की बु‍राई

आपके सामने दूसरों की बु‍राई
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कई निष्‍क्रिय आक्रामक लोग आपके सामने दूसरे लोगों की बुराई करने लगते हैं। ऐसा वे आपका विश्‍वास जीतने के मकसद से करते हैं। वे आपके सामने दूसरों की बुराई कर आपके दिल की बात जानना चाहते हैं और फिर मिर्च-मसाला लगाकर उसे बाकी लोगों को बताते हैं। इससे वे आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करते हैं।

व्‍यक्तिगत न लें

व्‍यक्तिगत न लें
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ऐसे लोगों की बातों को ज्‍यादा दिल से न लगायें। आपको लगातार अपने आप को यह बात समझानी होगी कि उनकी कौन सी बातों पर आपको बिलकुल तवज्‍जो नहीं देनी है। उनके इस रवैये के लिए आप बिल्कुल जिम्मेदार नहीं हैं। उनके लिए आप बस वह व्यक्ति हैं जिस पर वे अपनी सारी नकारात्मकता जाहिर कर सकते हैं। इसलिए उनकी बातों के बारे में ज्यादा सोचने में वक्त खराब ना करें।

दूर रहने की कोशिश करें

दूर रहने की कोशिश करें
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ऐसे लोगों से निपटना ज्‍यादा मुश्किल होता है। ये लोग अपनी हंसी के पीछे कटुता का भाव छुपाकर रखते हैं। और ऐसे में ये लोग आपके जाहिर शत्रुओं से ज्‍यादा खतरनाक होते हैं। जो लोग जाहिर तौर पर आपसे बैर रखते हैं, वे आपके मुंह पर ही भला बुरा कहेंगे। लेकिन, आक्रामक लोग घात लगाकर आपको नुकसान पहुंचाने के मौके तलाशते हैं। इसलिए इनसे ज्‍यादा करीबी न गांठें।

वे नहीं बदलने वाले

वे नहीं बदलने वाले
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कुछ लोगों को लगता है कि वे अपने आसपास मौजूद निष्‍क्रिय आक्रामक लोगों को बदल सकते हैं। वे उन्‍हें समझाना चाहते हैं और इसके लिए पूरा प्रयास भी करते हैं। हालांकि इस काम में वे अकसर नाकाम ही रहते हैं। उनका रवैया बदला नहीं जा सकता। यह उनके भीतर इस कदर बैठा होता है कि जब तक वे खुद इसे दूर ना करना चाहे तब तक इसे उनके अंदर से निकाला नहीं जा सकता। इसलिए उनसे बात करते समय इस बात पर ध्यान दें कि उनके साथ कैसे डील करें ना कि उन्हें बदलने पर।    

जवाब देने से बचें

जवाब देने से बचें
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हम समझ सकते हैं कि निष्क्रिय आक्रामक लोगों के साथ बात करना काफी निराशाजनक होता है जिसमें कई बार आप उनके व्यवहार से झुंझला भी जाते हैं। जिसकी वजह से आप उन्हें जोरदार जवाब भी देना चाहते हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता है। इससे उनके रवैये में और ज्यादा आक्रामकता आ जाती हैं। इसलिए अच्छा है कि आप उनकी बातों को नजरअंदाज करें और शांत रहें।

हाजिरजवाबी से करें सामना

हाजिरजवाबी से करें सामना
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हाजिरजवाबी संवाद का एक बहुत अच्छा यंत्र है। अगर कोई निष्क्रिय आक्रामक व्यक्ति को हाय-हैलो करने पर वो जवाब ना देकर इसकी अनदेखी करें तो इस बात को दिल से ना लगाएं। बस हंस कर उसकी इस हरकत को भूल जाएं। ऐसा करने से वो व्यक्ति जरूर इस बात पर गौर करेगा कि उसने आपके साथ गलत किया। अगली बार वो ऐसा करने से पहले जरूर सोचेगा।

समस्या का समाधान निकालने को कहें

समस्या का समाधान निकालने को कहें
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निष्क्रिय आक्रमक लोगों को घर या ऑफिस में किसी समस्या का सामाधान निकालने का मौका दें। उन्हें समस्या के बारे में बताएं और कहें कि इस समस्या को हल निकालने की कोशिश करें जैसे उन्हें एक स्थिति के बारे में बताएं और पूछें कि अगर वो इस जगह पर होते तो इस मुद्दे को कैसे हैंडल करते? और फिर उनके जवाब को गौर से सुनें। इसके अलावा यदि आप उनके जवाब में ज्यादातर शिकायत और आलोचनाएं सुनते हैं तो इस पर सहमति या असहमति ना जताएं। उनसे कहें कि आप उनकी बातों को ध्यान से सुन रहें हैं और जरूरत पड़ने पर वो ऐसा जरूर करेंगे।   

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