योग से बढ़ायें अपना मेटाबॉलिज्म
पाचन प्रणाली चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए इसकी मजबूती हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। कुछ योग की मदद से पाचन प्रणाली को ठीक रख आप मेटाबॉलिज्म को मजबूत बना सकते हैं।

चयापचय वास्तव में जैव रासायनिक प्रक्रिया है, जो सभी सजीव जीवों में पाई जाती है। इस प्रक्रिया में शरीर को भोजन के माध्यम से ऊर्जा मिलती है, जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। पाचन तंत्र, लीवर, अग्न्याशय, और किडनी हमारे शरीर में चयापचय को विनियमित करने के लिए मुख्य अंग हैं। इन अंगों के ठीक से कार्य न करने पर हमारा पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाता है। हमारी पाचन प्रणाली चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए इसकी मजबूती हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। कुछ योग की मदद से अपच और कब्ज का इलाज कर अपने मेटाबॉलिज्म को मजबूत बना सकते हैं। image courtesy : getty images

अंजनेय आसन आपकी हार्ट रेट को बढ़ता है, जिससे चयापचय की गति में मदद मिलती है। इसके अलावा यह आपके पैरों को मजबूत बनाता है। इस आसन के लिए घुटनों को मोड़कर आराम से बैठ जाएं। फिर धीरे से घुटनों के बल खड़े होकर हाथों को कमर से सटाकर रखें सामने की ओर देखें। अब बाएं पैर को आगे बढ़ाते हुए 90 डिग्री के कोण बनाये। इस दौरान बायां हाथ बाएं पैर की जंघा पर होना चाहिए। फिर अपने हाथों की हथेलियों को मिलाते नमस्कार मुद्रा में आकर सांस को अंदर खींचते हुए जुड़ी हुई हथेलियों को सिर के ऊपर उठाकर हाथों को सीधा करते हुए सिर को पीछे झुका दें। इसी स्थिति में धीरे-धीरे दाहिना पैर पीछे की ओर सीधा करते हुए कमर से पीछे की ओर झुके। image courtesy : getty images

गरुड़ासन को ईगल मुद्रा भी कहते है। पैरों की मजबूत मांपेशियों के निर्माण के अलावा ईगल मुद्रा पूरे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और पाचन में मदद करती है। इस आसन को करने के लिए सावधान मुद्रा में खड़े होकर बाएं पैर को ऊपर उठाते हुए दाहिने पैर में लपेटकर इस तरह जमीन पर रखें कि बाएं घुटने पर दाहिने घुटने का निचला भाग टिका रहे। अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए कोहिनों को क्रास कर लपेट लें और दोनों हथेलियों को मिलाकर चेहरे के सामने नमस्कार मुद्रा बना लें। सांसों को सामान्य रखते हुए कुछ देर इसी अवस्था में रहें। image courtesy : getty images

मुड़ी हुई कुर्सी जैसी मुद्रा शरीर की हर मसल्स ट्विस्टिंग के माध्यम से परिसंचरण में वृद्धि में मदद करता है। जिससे आपके आंतरिक अंगों और पाचन में मदद मिलती है। इसके अलावा उत्कटासन करने से कमर व अन्य जोड़ों का दर्द ठीक होता है। इससे पैरों के पंजों व अंगुलियों में मजबूती आती है। उत्कटासन में शरीर का पूरा भार पंजों पर होता है और शरीर कुछ ऊपर उठा होता है। इसे करने के लिए पैरों के पंजे भूमि पर टिकाकर, एड़ियों के ऊपर नितम्ब टिकाकर बैठ जाइए। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर तथा घुटनों को फैलाकर एड़ियों के समानान्तर स्थिर करें। image courtesy : kristinmcgee.com

कटिचक्रासन पेट की मांसपेशियों को बल देता है और कमर की अतिरिक्त चर्बी को दूर कर आपको पतला व आकर्षक बनाता है। इसे करने के लिए दोनों हाथों को सिर के नीचे और कोहनियां जमीन पर रहेंगी। अब बायें पैर को घुटने से मोड़ कर पैर के तलवे को दायीं जांघ पर रखें। अब सांस लेते हुए बायें घुटने को दायीं ओर कमर को साइड से मोड़ते हुए जमीन पर ले जाने का प्रयास करें। गर्दन को बायीं ओर मोड़ लें। image courtesy : getty images

मत्यासन पेट के रोगों जैसे कब्ज, एसिडिटी के लिए बहुत अच्छा होता है। साथ ही यह आसन मेटाबोलिज्म के लिए अच्छा माना जाता है। इसे करने के लिए अपने पैरों को पीछे की ओर मोड़कर अपनी कमर के बल लेट जाइये। तथा दोनों हाथ जांघों के समांतर रखें। कोहनी पर दबाव डालकर पेट को जरा ऊपर की ओर खींचे। इसी अवस्था में तीस सेकेण्ड तक रुकिये और फिर पहली अवस्था में चले जाइए। image courtesy : getty images

शरीर के सम्पूर्ण अंगों का आसन सर्वांगासन कहलाता है। यह आसन पाचन क्रिया शुद्ध करता है तथा शरीर में रक्त की वृद्धि कर यह रक्त शोधक का कार्य भी करता है। टांगो को सीधा रखते हुए मेट पर आराम की मुद्रा में लेट जाये। इसके बाद अपनी दोनों टांगो को ऊपर कि तरफ नब्बे डिग्री तक ले जाए और फिर टांगो को स्ट्रेच करते हुए जितना हो सके हिप्स के सहारे ऊपर तक ले जाए। image courtesy : getty images

हलासन में उलटी मुद्रा के कारण यह आपके थायराइड, अधिवृक्क और पिट्यूटरी ग्रंथि ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ता है। यह आपकी पूरे शरीर में फील गुड एंडोर्फिन और हार्मोन को भेजकर आपके चयापचय प्रणाली में संतुलन बनाने में मदद करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर अपने दोनों हाथों को जमीन के सामांतर रख लें। पैर उठाते वक्त अपने हाथों को पुष्टिका पर रखकर शरीर को सपोर्ट करें। अब धीरे धीरे अपने पैरों को पुष्टिका के पास से मोड़ें और सर के पीछे ले जाकर पंजों को फर्श तक ले जाने की कोशिश करें। और हाथों को बिलकुल सीधा रखें ताकि वो फर्श के संपर्क में रहे। ऊपर जाते हुए सांस छोड़ें। लेटने वाली मुद्रा में वापस लौटने के लिए पैरों को वापस लाते हुए सांस लें। image courtesy : getty images

सेतुबंध आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है। इसे करने से पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आंतों में खिंचाव महसूस होती है। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी खुलकर लगती है। इसे करने के लिए पीठ के बल सीधा लेट जाएं और दोनों हाथों को बगल में सीधा और हथेलियों को जमीन पर सटाकर रखें। अब दोनों घुटनों को मोड़ लें ताकी तलवे जमीन से छुएं। फिर सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान बाजुओं को कोहनी से मोड़ लें और हथेलियों को कमर के नीचे रखकर सहारा दें। कुछ क्षण बाद कमर नीचे लाएं और पीठे के बल सीधे लेट जाएं। image courtesy : aankhodekhi.com

धनुरासन से आपको ऊर्जा मिलती है और आपके चयापचय को मजबूती। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पाचन शक्ति बढ़ती है। इसे करने के लिए पेट के बल लेट जायें। ध्यान रखें कि दोनों पैर परस्पर मिले होने चाहिए। अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें। दोनों हाथों को पीछे ले जाकर दोनों पैरों को टखनों से पकड़ें। जितना हो सके उतना सिर पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें। image courtesy : getty images
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