एक्ट्रा स्मार्ट लोगों को प्यार ढूंढने में आती हैं ये परेशानियां

पुराने समय में प्यार को लेकर एक धारणा थी कि यदि हम किसी को प्यार करते हैं तो उससे शादी करना ही उस प्यार की परिणिती है। शादि प्यार को पूरा करती थी और फिर सब ठीक से चलता था। लेकिन अब समय बदल रहा है, लोग बेहद व्यस्थ हो गये हैं। वे प्यार तो करते हैं, लेकिन दिमाग का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन दिमाग के ज्यादा इस्तेमाल या रचनात्मकता की गलत परिभाषआ की वजह से कई बार सही साथी मिलने में कई सारी दिक्कतें आती हैं। चलिये क्या हैं वे दिक्कतें जो स्मार्ट और बुद्धिमान लोगों को प्यार ढूंढने में आती हैं। Images source : © Getty Images
मेरा जितना दिमाग़ वाला हो

होशियार होने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि हर किसी को होशियार होना चाहिये, लेकिन किसी ओर को कमतर आंकना भी सही नहीं है। हर इंसान में कुछ गुण होते हैं। तो हर बार किसी को उसकी इंटेलिजेंस को कम समझ कर उसे रिजैक्ट कर देना एक परेशानी है। आप किसी को होशियारी को यूंही नहीं आंक सकते हैं।Images source : © Getty Images
हमें किसी के सहारे की जरूरत नहीं

होशियार होने का ये मतलब कतई नहीं है कि आपको किसी की जरूरत ही नहीं। आप ठीक-ठाक कमा लेते हैं और परेशानियों का हल भी खुद ढूंढ लेते हैं तो इसके ये मतलब नहीं कि आपको किसी साथी की जरूरत ही नहीं। Images source : © Getty Images
हमारी आज़ादी छीनी नहीं जा सकती

देखिये स्मार्ट और होशियार लोग (खासतौर पर रचनात्मक) अपनी आज़ादी को लेकर बेहद सजग और भावुक होते हैं। लेकिन जीवन साथी के होने का मतलब ये नहीं कि आपकी आज़ादी आपसे छिन जाएगी। सही समझ और बाच-चीत से आप दोनों ही अपने पर्सनल स्पेस को बचा सकते हैं। Images source : © Getty Images
हमें वास्तविकता में जीने की आदत है

कई रचनात्मक लोग मानते हैं कि जीवनसाथी के साथ रहने के लिये फिल्मी होना पड़ता है। ऐसा नहीं है! आप वास्तविक होकर भी जीवन को बेहतर ढ़ंग से जीवनसाथई केसाथ जी सकते हैं। Images source : © Getty Images