इस उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं को रहता है हार्ट अटैक का खतरा
अगर आप कामकाजी महिला हैं और अभी गर्भधारण ना करके लेट प्रेगनेंसी का प्लान की हुई हैं तो संभल जाएं। लेट प्रेगनेंसी आपके हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकती है।

आज कई करियर ओरिएंटेड महिलाएं देर से गर्भधारण करने की प्लानिंग करती हैं। जबकि महिलाओं में 30 की अवस्था के बाद प्रजनन क्षमता और शारीरिक क्षमता में कमी आने लगती है औऱ यह कमी 35 साल की अवस्था के बाद और अधिक हो जाती है। दरअसल 30 की उम्र के बाद महिलाओं में डिम्बक्षरण के लिए बाहर आने वाले डिम्बों की संख्या में कमी आ जाती है जिससे डिम्बों के स्वास्थ्य में कमी आ जाती है। साथ ही हार्मोंस में भी कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण डिम्बक्षरण में भी बदलाव होते हैं।
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बड़ी उम्र पर मां बनने से महलाओं को कई खतरों का सामना करना पड़ता है। उनकी प्रजनन क्षमता में तो कमी आती ही है। साथ ही हाई ब्लड-प्रेशर, डायबीटिज, गर्भपात, सिजेरियन डिलीवरी और शिशु का जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा होना भी शामिल है। लेकिन इन सबके अलावा, लेट प्रेगनेंसी हार्ट अटैक के खतरे को भी बढ़ाती है।
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लेट प्रेगनेंसी पर हाल ही में एक नई स्टडी आई है जिससे इस बात की पुष्टि हुई है कि लेट प्रेगनेंसी हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देती है। इस स्टडी के अनुसार वे महिलाएं जो 40 साल की उम्र में गर्भधारण करती हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक बढ़ जाता है। वर्तमान दौर में अधिकतर महिलाएं देर से गर्भधारण करती हैं जिसके दो मुख्य कारण हैं - देर से शादी या करियर। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी माना है कि जो महिलाएं 40 या उसके बाद गर्भधारण करती हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
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स्टडी में यह बात भी सामने आई है कि लेट प्रेगनेंसी से महिलाओं का स्वास्थ्य में कई तरह से प्रभावित होता है। इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 70,000 महिलाओं पर अध्ययन किया है। अध्ययन में 50 से 80 साल तक की महिलाओं को शामिल किया गया है। शोधकर्ताओं ने इन महिलाओं को दो समूहों में बांटा। एक समूह में उन महिलाओं को रखा गया था जिन्होंने जल्दी गर्भधारण किया था और दूसरे समूह में उन महिलाओं को रखा गया था जिन्होंने देर से गर्भधारण किया था।
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इस स्टडी के निष्कर्ष में ये बात सामने आई कि जिन महिलाओं ने देर से गर्भ धारण किया था उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ गया था। शोधकर्ताओं ने ये भी निष्कर्ष निकाला कि इन महिलाओं का कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।